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बदल गया अरब, अब नहीं होंगी जंगें : रिपोर्ट

2011 के बाद पहली बार सऊदी विदेशमंत्री सीरिया पहुंचे सऊदी अरब के विदेशमंत्री फैसल बिन फरहान मंगलवार को आधिकारिक यात्रा पर दमिश्क पहुंच गये।

फैसल बिन फरहान के दमिश्क पहुंचने पर सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद ने उनका स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने सीरियाई राष्ट्रपति से द्विपक्षीय विषयों के बारे में विचारों का आदान- प्रदान किया। सऊदी सूत्रों के अनुसार सीरिया में वर्ष 2011 से आरंभ होने वाले संकट के बाद से सऊदी विदेशमंत्री की यह पहली दमिश्क यात्रा है।

इसी प्रकार सऊदी सूत्रों ने बताया है कि सीरिया की अरब संघ में वापसी के संबंध में राजनीतिक गतिविधियों में तेज़ी आ गयी है। इसी बीच सीरियाई सूत्रों ने भी बताया है कि सऊदी अरब के विदेशमंत्री की दमिश्क यात्रा और राष्ट्रपति बश्शार असद से उनकी मुलाकात के दौरान द्विक्षीय विषयों के बारे में विचारों का आदान- प्रदान किया गया।

ज्ञात रहे कि पिछले सप्ताह सीरिया के विदेशमंत्री फैसल मिकदाद सऊदी अरब की यात्रा पर गये थे। सऊदी अरब और सीरिया के बीच संबंधों के सामान्य बनाये जाने पर पिछले महीने सहमति बनी थी।

सीरिया भी मुख्यधारा में लौट रहा है, हो रहा है बड़ा परिवर्तन

सऊदी अरब के विदेश मंत्री फ़ैसल बिन फ़रहान 12 साल बाद आज 18 अप्रैल को दमिश्क पहुंचे और सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार अल-असद से मुलाकात की।

सऊदी अरब की विदेश नीति में परिवर्तन तीव्र गति से जारी है। पिछले महीने सऊदी अरब ने ईरान के साथ संबंधों को बहाल करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए और तेहरान में दूतावास को फिर से खोलने का अपना इरादा ज़ाहिर किया।

यमन के ख़िलाफ आठ साल से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के लिए रियाज़, सनआ के साथ एक समझौते के कगार पर है। इस संबंध में हाल ही में सऊदी अरब और यमन सहित युद्धरत पक्षों के बीच क़ैदियों की अदला-बदली भी हुई है।

इन परिवर्तनों के बाद, सीरिया के साथ संबंधों की बहाली को सऊदी अरब सरकार के एजेंडे में रखा गया। इस रिपोर्ट के अनुसार सीरिया के विदेश मंत्री फ़ैसल अल-मेक़दाद ने पिछले सप्ताह अपने सऊदी समकक्ष से मुलाक़ात की। अब इस यात्रा के जवाब में फ़ैसल अल-मेक़दाद ने दमिश्क में सऊदी विदेश मंत्री फ़ैसल बिन फ़रहान से मुलाक़ात की।

दमिश्क़ और रियाज़ के बीच संबंधों को पुनर्जीवित करना एजेंडे में है जबकि पिछले 12 वर्षों में सऊदी अरब ने सीरियाई शासन के विरोधी और विपक्षी गुटों के साथ कुछ आतंकवादी गुटों को चौतरफा वित्तीय, सैन्य और राजनीतिक समर्थन दिया है। सऊदी सरकार के इस समर्थन का मुख्य लक्ष्य, सीरिया में बश्शार अल-असद को उखाड़ फेंकना था।

फ़ैसल बिन फ़रहान की सीरिया यात्रा एसी हालत में हो रही है जबकि सऊदी अरब ने मिस्र, जॉर्डन और इराक़ के विदेश मंत्रियों के साथ फ़ार्स की खाड़ी सहयोग परिषद के देशों के विदेशमंत्रियों की एक परामर्श बैठक की मेज़बानी की जिसका उद्देश्य सीरिया की अरब संघ में वापसी का जाएज़ा लेना है।

इसीलिए ऐसा लगता है कि फ़ैसल बिन फ़रहान की सीरिया यात्रा, एक ओर अपने सीरियाई समकक्ष की जेद्दा यात्रा का जवाब है जबकि दूसरी ओर यह सीरिया की अरब संघ में वापसी के संबंध में हो रहे घटनाक्रमों का ही सिलसिला है। सीरिया के विदेशमंत्री फ़ैसल अल-मेक़दाद की सऊदी अरब की यात्रा के दौरान अरब लीग में सीरिया की वापसी के बारे में सऊदी पक्ष के साथ भी चर्चा हुई। ऐसा लगता है कि सउदी अरब, अरब लीग की आगामी बैठक में सीरिया की भागीदारी के लिए भूमि तैयार करने की कोशिश कर रहा है।

इससे पहले, मीडिया सूत्रों ने घोषणा की थी कि इस यात्रा के दौरान बिन फ़रहान सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार अल-असद को सऊदी अरब की यात्रा का आधिकारिक निमंत्रण देंगे। सऊदी अरब के लिए बश्शार अल-असद का आधिकारिक निमंत्रण, सीरिया की अरब दुनिया में वापसी को और भी अधिक औपचारिक और गंभीर मुद्दा बना देगा इससे रियाज़ और दमिश्क़ के बीच संबंधों की आधिकारिक बहाली और दोनों देशों के दूतावासों को फिर से खोलने में मदद मिलेगी।

 

असमानता का ख़ात्मा न्याय का एक चरितार्थ हैः सर्वोच्च नेता

ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने वैचारिक आधारों को मज़बूत बनाये जाने पर बल दिया।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने विश्व विद्यालय के छात्रों को संबोधित करते हुए वैचारिक आधारों को मज़बूत बनाये जाने पर बल दिया। मंगलवार की शाम को इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई ने देश के विभिन्न विश्व विद्यालयों के एक हज़ार से अधिक छात्र- छात्राओं और उनसे संबंधित ज़िम्मेदारों से मुलाकात की जो लगभग ढाई घंटे तक जारी रही।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने छात्रों की मांगों को देश के लिए एक अवसर करार दिया। उन्होंने वैचारिक आधारों को मज़बूत बनाये जाने पर बल दिये जाने के साथ कहा कि छात्र और छात्राओं को पवित्र कुरआन, नहजुल बलाग़ा, शहीद मुतह्ररी, शहीद बहिश्ती और दिवंगत मिसबाह यज़्दी जैसे विचारकों की किताबों से लाभ उठाते हुए वैचारिक मामलों पर काम, अध्ययन और विचार करना चाहिये। उन्होंने न्याय को एक मापदंड बताते हुए कहा कि असमानता का खात्मा न्याय व इंसाफ का एक महत्वपूर्ण चरितार्थ है।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने फरमाया कि अफसोस व दुःख इस बात पर है कि कुछ लोग न्याय का नारा लगाने के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अत्याचारियों से मुकाबले को न्याय का चरितार्थ नहीं समझते हैं। उन्होंने दुश्मनों की साज़िशों और स्ट्रैटेजी की पहचान में सभी के अपडेट होने पर बल दिया और फरमाया जैसे ही हम दुश्मन का नाम ज़बान पर लाते हैं कुछ लोग नाराज़ हो जाते हैं और यह समझते हैं कि हम अपनी कमियों व कमज़ोरियों का इंकार करने के प्रयास में हैं जबकि कमियां हैं लेकिन दुश्मन पैसे और संसाधनों के माध्यम से लगातार हक व सत्य के मोर्चे के खिलाफ काम कर रहा है।

इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने कहा कि ईरानी राष्ट्र के संबंध में दुश्मन की वर्तमान स्ट्रैटेजी राष्ट्र को निराश करना है। उन्होंने कहा कि महान ईश्वर ने पवित्र कुरआन में हक के विजयी होने और इसी प्रकार कमज़ोरों की जीत को अपना निश्चित कानून करार दिया है और इस सच्चे वादे को हमने इस्लामी क्रांति की सफलता और दुनिया के सभी साम्राज्यवादियों और ईरान के दुश्मनों द्वारा थोपे गये युद्ध में कामयाबी के रूप में देखा है।

ज्ञात रहे कि इस मुलाकात के आरंभ में छात्र युनियन के आठ प्रतिनिधियों ने देश और विश्व विद्यालयों की समस्याओं के बारे में अपनी टिप्पणियों, प्रस्तावों और दृष्टिकोणों से अवगत किया जिस पर इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने छात्रों की सराहना की