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धब्बा तो लग ही गया हैं पूरे ख़ानदान पर….मीनाक्षी सिंह की कलम से
धब्बा लगना (कलंकित करना ) मंजू …. समझदारी से काम ले… मत मार जवान छोरी को … धब्बा तो लग ही गया हैं पूरे खानदान पर…. क्या करूँ माँजी … मेरा तो सर फटा जा रहा हैं सोच सोचकर… मोडर्न बनाने के चक्कर में मैने इसे इतनी छूट दे दी.. आप कितना मना करती थी […]
तो मैंने धीरे से पूछ लिया कौन सी क़िताब लिखी है आपने ? वो धीरे से बोले – इरफ़ान
Sanjay Pandey ============== कल एक नाटक देखने पृथ्वी थिएटर (जुहू, मुंबई ) गया था नाटक शुरू होने में थोड़ा वक्त था तो तब तक वहाँ की लायब्रेरी में कुछ किताबें ख़रीदने चला गया ,जब किताबों का बिल दे रहा था तो वहाँ काउंटर पे एक सज्जन उस बंदे से बात कर रहे थे जो काउंटर […]
“अम्मा….आपके बेटे ने मनीआर्डर भेजा है”
Rishi Kumar Pandey =================== *अनजान से आत्मिक स्नेह* “अम्मा!.आपके बेटे ने मनीआर्डर भेजा है।” डाकिया बाबू ने अम्मा को देखते अपनी साईकिल रोक दी। अपने आंखों पर चढ़े चश्मे को उतार आंचल से साफ कर वापस पहनती अम्मा की बूढ़ी आंखों में अचानक एक चमक सी आ गई.. “बेटा!.पहले जरा बात करवा दो।” अम्मा ने […]