नई दिल्ली: चार अप्रैल 2017 को शमसुद्दीन अंसारी नामी व्यक्ति पर बच्चा चोर बताकर भीड़ ने हमला बोल दिया और सैकड़ों की संख्या में लाठी डण्डों भालों से पीट पीटकर उसकी हत्या करदी थी,जिसके बाद शमसुद्दीन के रिश्तेदारों ने मुक़दमा दर्ज कराया था पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया था।
लगभग एक साल के बाद शमसुद्दीन अंसारी को इंसाफ मिला है और उसके 10 क़तिलों को अदालत ने उम्रकैद की सज़ा सुनाई है।
तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय गुलाम हैदर ने जेल में बंद अभियुक्तों को वीडियो कांफ्रेंसिंग से सजा सुनाई।सजा पाने वालों में नर्रा निवासी किशोर दसौंधी, सूरज बर्णवाल, चंदन दसौंधी, जीतन रजक, सागर तुरी, मनोज तुरी, सोनू तुरी, जितेंद्र ठाकुर, राजकुमार कोइरी और छुटिया कोइरी शामिल हैं।
इन पर 5000-5000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माना नहीं देने पर चाह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। अभियुक्तों के अधिवक्ता ने कहा कि वे फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देंगे।
तुरीटोला में भीड़ ने बच्चा चोरी करने का आरोप लगाते हुए शमसुद्दीन अंसारी को पीटकर अधमरा कर दिया था। उसे बचाने के लिए पहुंची पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला कर वैन को क्षतिग्रस्त कर दिया था। बीच-बचाव कर पुलिस ने उसे अस्पताल भेजा था। तीन दिन बाद इलाज के क्रम में राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान, रांची में उसकी मौत हो गई थी।
शमसुद्दीन ससुराल आया था। इस बाबत उसके साला की पत्नी ने चंद्रपुरा थाना में मामला दर्ज कराया था। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार चार अप्रैल को आरोपितों समेत 100-150 लोग लाठी-डंडा, रॉड, भाला आदि से लैस होकर आए और दरवाजा तोड़कर घर में घुस गए। वे शमसुद्दीन अंसारी को बच्चा चोर बताकर पीटने लगे।