Related Articles
एक स्त्री मन होना चाहता है बुद्ध…:”…कौन कहता है दीवारें बोलती नहीं…!!रूबी सत्येन्द्र कुमार की दो कवितायेँ पढ़िये!!
एक स्त्री मन होना चाहता है बुद्ध…:…कौन कहता है दीवारें बोलती नहीं…!!रूबी सत्येन्द्र कुमार की दो कवितायेँ पढ़िये!! Satyendra Rubi Gupta Kushinagar =============== कौन कहता है दीवारें बोलती नहीं। मैने तो हर शाम इनकी सिसकियाँ सुनी है।⚘⚘⚘⚘⚘⚘ हृदय तक बात पहुँच जायें तो आशीर्वाद दीजिएगा ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ गीत तन जर्जर और मन भी जर्जर फिर भी […]
स्त्री कभी संतुष्ट नहीं होती …..”जीजा जी आप तैयार नहीं हुए”
स्त्री कभी संतुष्ट नहीं होती ….. स्त्री से प्रेम में अगर आप ये उम्मीद करते हैं कि वो आपसे पूरी तरह खुश है तो आप नादानी में हैं ये स्त्री के मूल में ही नहीं है अगर आप बहुत ज्यादा केयर करते है तो उससे भी ऊब जाएगी अगर आप बहुत उग्र हैं तो वो […]
‘नई माँ’, मुझे सम्हालने के लिये आयी है
लक्ष्मी कांत पाण्डेय ========================= मैं दिल्ली जाने के लिये बिल्हौर स्टेशन पर खड़ी थी। पलटकर स्टेशन के प्रवेश द्वार को देखा तो बीते दिनों की कौंधी यादों के साथ ही रोना आ गया। सबको बचाते हुए,आँखों से झरते आँसू झट पोछ लिये!आज समझ आ रहा था कि मायके का छूटना क्या होता है!शायद ऐसा ही […]