नई दिल्ली: दशकों से मुस्लिम दुनिया खामोशी के साथ फिलिस्तीन में मुसलमानों पर यहूदियों के अत्यचार और क़त्लेआम को देखती आरही है और खामोश रहकर शाँति प्रिय होने सबूत देती आरही है ,लेकिन जब बैतुलमुक़द्दस को इज़राईल की राजधानी घोषित किया गया तो तुर्की ने कड़ा रुख़ लेते हुए अमेरिका को उसकी चाल में नाकाम करदिया ।
इसी कारण से अब धीरे धीरे मुस्लिम देश फलस्तीन की मदद करने के लिए आगे आने लगे हैं। अमेरिका और इजराइल की परवाह किये बगैर फलस्तीनीयों की मदद कर रहे हैं। सऊदी अरब, तुर्की जॉर्डन संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश आर्थिक मदद पहुंचा रहे हैं। हाल ही में सऊदी अरब ने 40 मिलियन डॉलर का मदद भेजा है।
इसके बाद अमीरात देश के राष्ट्रपति, शेख खलीफा बिन ज़ायेद अल नहयान ने आज फिलिस्तीनी लोगों की सहायता करने के लिए दो ऐड पैकेज जारी करने के निर्देश दिए हैं।
Arab League criticized Iran and Assad but missed an opportunity to announce a joint force to deploy in eastern Syria and Libya. New strong language but still embedded with old bureaucratic narrative… https://t.co/D3lf0ezKNc
— Dr Walid Phares (@WalidPhares) April 15, 2018
गल्फ न्यूज के अनुसार पहला पैकेज Dh74 मिलियन जेरुसलम में इस्लामी एंडॉवमेंट्स के लिए है, जबकि दूसरा पैकेज Dh184 मिलियन फिलिस्तीनी शरणार्थीयों के लिए यूनाइटेड नेशन रिलीफ और वर्क एजेंसी के जाता है।
गल्फ न्यूज के अनुसार पहला दान शहर की अरब-इस्लामी पहचान को संरक्षित करने और फिलीस्तीनी क्षेत्रों की बुनियादी सेवाओं को मजबूत करने के लिए समर्पित होगा जबकि दूसरे दान का उद्देश्य यूएनआरडब्ल्यूए स्कूलों के माध्यम से गाजा पट्टी में शिक्षा कार्यक्रम को समर्थन करना और शिक्षा में फिलिस्तीनी छात्रों के अधिकारों को संरक्षित करना है