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फ़्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रां ने कहा- ताइवान में बढते तनाव से यूरोप को कोई लाभ नहीं होगा, अमरीका और यूरोप हुए नाराज़!

ताइवान के बारे में दिये गए फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रां के बयान ने अमरीका और यूरोप दोनो को ही नाराज़ कर दिया है।

अपनी चीन यात्रा के दौरान फ़्रांसीसी राष्ट्रपति ने कहा था कि ताइवान में बढते तनाव से यूरोप को कोई लाभ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यूरोप को अमरीका और चीन से अलग एक स्वतंत्र तीसरे ध्रुव के रूप में बदल जाना चाहिए।

उनके इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए जर्मनी की संसद में विदेशी मामलों की समिति के सदस्य नोरबर्ट रोथगेन ने कहा है कि मैक्रां ने स्वयं को यूरोप में पहले से अधिक अलग-थलग कर लिया है। उनका कहना था कि फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रां ने अपनी चीन की यात्रा में चीनी राष्ट्रपति शीजिन पिंग के हित में एक प्रचारिक विस्फोट कर दिया। उन्होंने कहा कि उनका यह बयान अब यूरोप की विदेश नीति में एक त्रासदी में परिवर्तित हो चुका है।

मैक्रां के बयान में संदर्भ में अमरीकी सीनेटर मार्को रूबयो ने ट्वीट किया है कि अगर यूरोप यह नहीं चाहता है कि वह ताइवान के मामले में अमरीका या फिर चीन का समर्थन नहीं कर सकता तो फिर उसको यूक्रेन के बारे में किसी भी पक्ष का समर्थन नहीं करना चाहिए।

इसी बीच फ्रांसीसी राष्ट्रपति के हालिया बयान पर अमरीकी और यूरोपीय अधिकारियों के प्रतिक्रिया के संदर्भ में अमरीका में फ्रांस के दूतावास के प्रवक्ता ने कहा है कि एसा लगता है कि मैक्रां के कथन की कुछ अधिक ही व्याख्या हो गई है। मैक्रा ने कहा था हमें अमरीकी दृष्टिकोण से नहीं चलना चाहिए बल्कि यूरोप की समस्याओं को पहले देखना चाहिए।

मैक्रां का कहना था कि यूरोपीय देशों को ताइवान मुद्दे पर चीन और अमरीका के बीच में नहीं आना चाहिए। इसी के साथ वे यह भी चाहते हैं कि यूरोप तीसरी शक्ति बनकर उभरे, जिसका नेतृत्व फ्रांस करे।