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फ़िलिस्तीन की तमाम अहम् ख़बरें सिर्फ़ एक CLICK पर : जंग का मैदान बना बैतुल मुक़द्दस : तुर्किये की अपील-मुसलमानों को एकजुट हो जाना चाहिये!

फ़िलिस्तीनियों की ओर से ज़ायोनी विरोधी कार्यवाहियां जारी

फ़िलिस्तीनी की शहादत प्रेमी कार्यवाही में एक ज़ायोनी मारा गया जबकि सात अन्य घायल हो गए।

ज़ायोनी संचार माध्यमों ने शनिवार को बताया है कि एक कार ने कुछ लोगों को कुचल दिया। फ़िलिस्तीनी संचार माध्यमों ने भी ज़ायोनी विरोधी इस कार्यवाही की पुष्ट की है।

अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के पश्चिमी तट में ज़ायोनियों द्वारा की जाने वाली हिंसक कार्यवाहियों के जवाब में एक फिलिस्तीनी ने शहादतप्रेमी कार्यवाही की है। फ़िलिस्तीनी युवा यूसुफ अहमद सुलैमान अबू जाबिर ने शहादत प्रेमी कार्यवाही करते हुए तेलअवीव में ज़ायोनियों पर फाएरिंग की और कुछ को अपनी कार से कुचल दिया।

इस घटना से 8 लोग प्रभावित हुए जिनमें से एक मारा गया जबकि 7 अन्य घायल हो गए। घायलों की स्थिति चिंता जनक बताई गई है। शहादत प्रेमी कार्यवाही करने वाले इस् फ़िलिस्तीनी युवा को ज़ायोनी पुलिस ने गोली मार दी।

इस कार्यवाही के बाद से ज़ायोनियों के बीच भय का वातावरण फैल गया है। इससे पहले भी संचार माध्यमों ने अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के ग़ौर उरदन नामक क्षेत्र में एक फ़िलिस्तीनी की फाएरिंग में दो ज़ायोनियों के मारे जाने की सूचना दी थी। इसपर अपनी प्रतिक्रिया ने हमास ने कहा है कि यह फ़िलिस्तीनियों के प्रतिरोध का प्रमाण है।

इसी बीच फ़िलिस्तीनी युवा की शहादत प्रेमी कार्यवाही पर जेहादे इस्लामी का कहना है कि फ़िलिस्तीनियों की आस्था और उनके पवित्र स्थलों के अपमान का यह करारा जवाब है। उल्लेखनीय है कि हालिया कुछ महीनों के दौरान ज़ार्डन नदी के पश्चिमी तट में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध कर्ताओं ने ज़ायोनियों की हिंसक कार्यवाहियों का जवाब दिया है।

बैतुल मुक़द्दस हुआ सैन्य छावनी में परिवर्तित

ज़ायोनी सैनिकों ने बैतुल मुक़द्दस को सैन्य छावनी में बदल दिया है।

फ़िलिस्तीनी समाचार एजेन्सी के अनुसार ज़ायोनी शासन ने रविवार 9 अप्रैल 2023 को अपने बहुत से सैनिकों को बैतुल मुक़द्दस के विभिन्न क्षेत्रों में तैनात कर दिया है।

इसी बीच ज़ायोनी कालोनी वासी अपने त्योहार की आड़ में मस्जिदुल अक़सा का घेराव करने का प्रयास कर रहे हैं। बैतुल मुक़द्दस के वक़्फ़ बोर्ड के अनुसार रविवार की सुबह से 700 से अधिक कोलनीवासियों ने मस्जिदुल अक़सा का रुख किया और अपमान जनक कार्यवाहियां करने के प्रयास किये।

अवैध ज़ायोनी शासन के सैनिकों ने बुधवार को मस्जिदुल अक़सा में नमाज़ पढ़ने वालों पर हमला करने के बाद से उत्तेजित करने वाली कई कार्यवाहियां अंजाम दी है। वे नाना प्रकार की हरकतें करके नमाज़ियों को उकसा रहे हैं। याद रहे कि बुधवार को ज़ायोनी सैनिकों ने मस्जिदुल अक़सा में नमाज़ियों पर हमला किया था जिसमें लगभग 100 नमाज़ी घायल हो गए थे। इसी दौरान कम से कम 400 लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया था।

हनिया ने की सैयद हसन नसरुल्ला से मुलाक़ात, ज़ायोनियों में मची खलबली

लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आन्दोलन हिज़बुल्ला और फ़िलिस्तीन के प्रतिरोध आन्दोलन हमास के नेताओं ने बेरूत में भेंटवार्ता की है।

अलमनार टीवी चैनेल के अनुसार इस्माईल हनिया ने रविवार की लेबनान की राजधानी बेरूत में सैयद हसन नसरुल्लाह से मुलाक़ात की।

इस मुलाक़ात में फ़िलिस्तीन के महत्वपूर्ण परिवर्तनों और मस्जिदुल अक़सा में हालिया दिनों में घटने वाली घटनाओं पर विचार-विमर्श किया गया। हिज़बुल्लाह और हमास के नेताओं ने इस मुलाक़ात में हालिया घटनाओं के दृष्टिगत एक-दूसरे के साथ सहयोग के बारे में भी बातचीत की।

हमास की राजनीति शाखा के प्रमुख इस्माईल हनिया गुरूवार को एक शिष्टमण्डल के साथ लेबनान पहुंचे थे। ज़ायोनियों की “वाला” नामक वेबसाइट ने लिखा है कि हिज़बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह और हमास की राजनीति शाखा के प्रमुख इस्माईल हनिया की यह मुलाक़ात हाल ही में ज़ायोनियों द्वारा फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध की जाने वाली हिंसक कार्यवाहियों के बाद हुई है जो बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

ज़ायोनी संचार माध्यमों ने गुरूवार की शाम लेबनान के दक्षिणी क्षेत्र से अवैध ज़ायोनी शासन में राकेटों के दाग़े जाने की सूचना दी थी। इन संचार माध्यमों के अनुसार दक्षिणी लेबनान से 100 से अधिक राकेट दाग़े गए हैं।

मस्जिदुल अक़सा की सुरक्षा के लिए मुसलमान आगे आएंः अलअज़हर

मिस्र के विश्वविख्यात अलअज़र विश्वविद्यालय ने बयान जारी करके मुसलमानों से मस्जिदुल अक़सा की सुरक्षा का आह्वान किया है।

अन्तर्राष्ट्रीय इस्लामी शिक्षा केन्द्र अलअज़हर ने पूरी दुनिया के मुसलमानों का आह्वान किया है कि बैतुल मुक़द्दस की सुरक्षा के लिए वे सब एकजुट हो जाएं।

अलअज़हर की ओर से जारी किये गए बयान में कहा गया है कि अपने पवित्र स्थल मस्जिदुल अक़सा की सुरक्षा और उसको हर प्रकार की क्षति से बचाने के लिए हम सबको एक हो जाना चाहिए।

इस बयान के अनुसार अवसरवादी शत्रुओं के षडयंत्रों का मुक़ाबला किया जाना चाहिए। बुधवार को ज़ायोनी सैनिकों ने मस्जिदुल अक़सा में उपासना कर रहे लोगों पर हमला कर दिया था। इसी के साथ इन सैनिकों ने उनके साथ मारपीट भी की थी।

फ़िलिस्तीन के रेड क्रीसेंट ने बताया है कि ज़ायोनी सैनिकों के इस हमले में कई फ़िलिस्तीनी घायल हो गए थे और उन्होंने घायलों के उपचार के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को वहां जाने से रोका।

बुधवार को मस्जिदुल अक़सा में नमाज़ियों पर होने वाले हमले के जवाब में फ़िलिस्तीनी गुटों ने गुरूवार को अपनी जवाबी कार्यवाही में अवैध ज़ायोनी शासन की ओर कई राकेट फाएर किये थे। इन हमलों के जवाब में ज़ायोनी सैनिकों ने शुक्रवार को उत्तरी लेबनान के क्षेत्रों में हमला किया और ग़ज्ज़ा पर बमबारी की।

याद रहे कि ज़ायोनी सैनिकों द्वारा बुधवार की सुबह मस्जिदुल अक़सा में की जाने वाली कार्यवाही पर पूरे इस्लामी जगत से कड़ी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

इस्राईल के ख़ात्मे की ईरान के वरिष्ठ नेता की भविष्यवाणी क्या 25 साल से पहले ही पूरी हो जाएगी?

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने हाल ही में ज़ायोनी शासन के आंतरिक संकट का उल्लेख करते हुए कहा थाः हमने कहा था कि ज़ायोनी शासन 25 साल में ख़त्म हो जाएगा, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्हें ख़ुद जल्दी है और वे लगातार कह रहे हैं कि पतन निकट है और हम 80वां साल नहीं देख पायेंगे।

ग़ौरतलब है कि ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने अब से 8 साल पहले भविष्यवाणी की थी कि ज़ायोनी शासन, 25 साल में ख़त्म हो जाएगा। इस भविष्यवाणी के 8 साल बाद, इस्राईल के पतन की निशानियां स्पष्ट होने लगी हैं।

पिछले साल नवम्बर में फिर से बेंजामिन नेतनयाहू के सत्ता संभलने के बाद से ज़ायोनी शासन, एक नए संकट का सामना कर रहा है। नेतनयाहू ने कट्टरपंथी ज़ायोनी पार्टियों के साथ मिलकर नई सरकार का गठन किया है। यह कट्टर दक्षिणपंथी दल न्यायपालिका को निंयत्रण करने और उसकी शक्तियों को कम करने का प्रयास कर रहे हैं। नेतनाहू की सरकार के इस प्रयास के ख़िलाफ़, इस्राईल में अभूतपूर्व विशाल प्रदर्शनों का दौर जारी है। बड़े पैमाने पर लोगों की नाराज़गी को देखते हुए अब उन लोगों की भी ज़ायोनी शासन के पतन का यक़ीन हो चला है, जो यह मानते थे कि निकट भविष्य में इस अवैध शासन को कोई ख़तरा नहीं है।

इस्राईल में जारी संकट को देखते हुए ज़ायोनी राष्ट्रपति समेत कई अधिकारियों ने इस शासन के पतन की चेतावनी दी है। हालांकि नेतनयाहू ने व्यापक विरोध के सामने झुककर न्यायिक सुधारों के प्रस्ताव को स्थगित करने का एलान किया है, लेकिन जारी संकट का यह कोई स्थायी समाधान नहीं है।

दूसरा पहलू यह है कि नेतनयाहू कैबिनेट में शामिल कट्टर दक्षिणपंथी ज़ायोनी दलों ने सरकार द्वारा न्यायिक सुधारों से क़दम पीछे खींचने को अस्वीकार्य बताया है। कट्टर ज़ायोनी नेताओं का कहना है कि वे नेतनयाहू के इस क़दम का समर्थन नहीं करते हैं, क्योंकि यह समस्या का समाधान नहीं है।

इसलिए कहा जा सकता है कि न्यायिक सुधार विवाद और ज़ायोनी शासन के भीतर मौजूद गहरे विरोधाभासों के कारण, इस शासन को एक गंभीर संकट का सामना है। इस संकट ने इस्राईली सेना को भी प्रभावित किया है। मौजूदा राजनीतिक मतभेदो के कारण, इस्राईली सैन्य अधिकारियों के बीच गहरे मतभेद उत्पन्न हो गए हैं। ख़ास तौर पर कैबिनेट में शामिल कट्टर दक्षिणपंथी ज़ायोनी दलों द्वारा प्राइवेट सेना के गठन से सैन्य अधिकारी गहरी चिंता में हैं।

हालांकि नेतनयाहू सरकार ने ज़ायोनी शासन के वर्तमान संकट से ध्यान हटाने के लिए रमज़ान के महीने में इस्राईली सैनिकों को मस्जिदुल अक़सा में घुसने और नमाज़ियों को प्रताड़ित करने का आदेश दिया, लेकिन उसे यह ग़लती भी भारी पड़ी, क्योंकि फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी गुटों ने अवैध अधिकृत इलाक़ों पर मिसाइल दाग़कर इस अपमानजनक कृत्य का मुंह तोड़ जवाब दिया है।

इस्राईली सैनिकों ने फ़िलिस्तीनी युवक को गोली मारकर शहीद कर दिया

अवैध क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के क़लक़िलयाह शहर के पूरब में स्थित आज़ुन क़स्बे में फ़िलिस्तीनी नागरिकों पर हमले के दौरान, इस्राईली सैनिकों ने एक फ़िलिस्तीनी युवक को गोली मारकर शहीद कर दिया।

फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि ज़ायोनी सैनिकों ने 20 वर्षीय आयद अज़्ज़ाम सलीम के सीने और पेट में गोलियां मारी थीं, जिसके कारण उनकी तुरंत मौत हो गई।

चश्मदीद गवाहों का कहना है कि इस्राईली सैनिकों ने फ़िलिस्तीनी प्रदर्शनकारियों पर सीधे गोलियां बरसाईं, जो उनके बढ़ते अत्याचारों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे थे।

फ़िलिस्तीन के जानकारी केन्द्र के आंकड़ों के अनुसार, 2023 की शुरूआत से अब तक इस्राईली सैनिकों की गोलियों का निशाना बनकर शहीद होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या 98 हो गई है।

यह स्थिति में है कि जब मस्जिदुल अक़सा में नमाज़ियों पर ज़ायोनी सैनिकों के बर्बर हमलों की वजह से क्षेत्र में तनाव उत्पन्न है।


ज़ायोनियों के हमलों को रोकने के लिए मुसलमानों को एकजुट हो जाना चाहियेः तुर्किये

तुर्किये के विदेशमंत्री ने कहा है कि मस्जिदुल अक्सा पर जायोनियों के हमलों को रोकने के लिए मुसलमानों को एकजुट हो जाना चाहिये।

तर्किये की समाचार एजेन्सी अनातोली की रिपोर्ट के अनुसार मौलूद चाऊश ओग़लू ने कहा कि इस्लामी देशों ने उनके देश की अध्यक्षता के दौरान इस्लामी सहयोग संगठन ओआईसी की बैठक में फिलिस्तीनियों और मस्जिदुल अक्सा की सुरक्षा के संबंध में फैसला लिया था। उन्होंने कहा कि इन फैसलों को अमली जामा पहनाने की ज़िम्मेदारी केवल तुर्किये की नहीं बल्कि समस्त इस्लामी देशों की है।

मौलूद चाऊश ओगलू ने कहा कि इस आधार पर हम एक बार फिर इस्लामी देशों का आह्वान करते और कहते हैं कि आयें ताकि हम सब अधिक दृढ़ता के साथ कदम बढ़ायें और अपने भाइयों के खिलाफ इस प्रकार के हमलों को रोकें। उन्होंने बल देकर कहा कि तुर्किये फिलिस्तीन और कुद्स के विषय को कभी भी नहीं भुलेगा और इससे पहले हमने इस्राईली पक्ष के साथ वार्ता में बल देकर कहा था कि अंकारा और तेलअवीव के बीच राजदूतों के आदान- प्रदान का अर्थ कुद्स और फिलिस्तीन के विषय को भुल जाना नहीं है।

ज्ञात रहे कि जायोनी सैनिक रमज़ान के पवित्र महीने में प्रतिदिन मस्जिदुल अक्सा पर हमले और नमाज़ियों को मार-पीट और प्रताड़ित कर रहे हैं। यही नहीं जायोनी शासन के युद्धक विमानों ने लेबनान से राकेट फायर किये जाने के बहाने दक्षिणी लेबनान और ग़ज्जा पट्टी पर बमबारी की है।

इस्राईली हमलों के जवाब में फिलिस्तीन के प्रतिरोधक गुटों ने कहा है कि वे हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं रहेंगे और जायोनी शासन के युद्धक विमानों के हमलों के जवाब में गज्जा पट्टी के आसपास की जायोनी कालोनियों व क्षेत्रों को रोकेटों से निशाना बनायेंगे।