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फ़िलिस्तीनी क्षेत्र गज़्ज़ा में हृदय विदारक हिंसा को रोके जाने और दीर्घकालीन राजनैतिक समाधान की ज़रूरत : संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टर्क ने, रविवार को कहा है कि फ़िलिस्तीनी क्षेत्र गज़्ज़ा में, युद्धक गतिविधियाँ फिर भड़कने और आम लोगों पर उनके अति विनाशकारी व हृदय विदारक प्रभावों ने, हिंसा को रोके जाने और एक दीर्घकालीन राजनैतिक समाधान की ज़रूरत को और भी प्रबल रूप में उजागर किया है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर टर्क ने रविवार को एक बयान में इस पर गहरी चिन्ता व्यक्त की पिछले सप्ताह के युद्धविराम को जारी रखने के बारे में हो रही बातचीत कथित तौर पर रुक गई है। उन्होंने कहा,“बन्दूकें शान्त करें और बातचीत की तरफ़ वापस लौटें। टर्क ने कहा कि आम लोगों पर टूट रहे क़हर की पीड़ा सहन करने की सीमाओं से बहुत परे है। और अधिक हिंसा, इसका जवाब नहीं है। इससे न तो शान्ति लौटेगी और न ही सुरक्षा,” उन्होंने गज़्ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का हवाला देते हुए कहा कि लड़ाई गत शुक्रवार को फिर से भड़क उठी जिसमें इस्राईली बमबारी में सैकड़ों फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं। मिस्र के साथ लगने वाली रफ़ा पास सीमा से, शुक्रवार को कोई भी सहायता क़ाफ़िला, गज़्ज़ा पट्टी में में प्रवेश नहीं कर पाया, और शनिवार को भी, सहायता सामग्री का वितरण प्रतिबन्धित कर दिया गया, जिससे भोजन, पानी, ईंधन और अन्य बुनियादी आवश्यक चीज़ों की कमी के बीच, लाखों लोगों की सहायता के लिए मानवीय कार्यों पर असर पड़ा है।

वोल्कर टर्क ने भय व्यक्त किया कि फिर शुरू हुई और सघन युद्धक गतिविधियों से, और भी अधिक मौतें होंगी, बीमारी फैलेगी और अधिक विनाश होगा। मानवाधिकार प्रमुख ने कहा, ”गज़्ज़ा में कोई सुरक्षित जगह नहीं है।” उन्होंने ज़ोर देते हुए कि अंतर्राष्ट्रीय क़ानून और मानवाधिकार क़ानून के तहत, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और जरूरतमन्द लोगों तक, निर्बाध मानवीय सहायता सामग्री की पहुँच की सुविधा को क़ायम रखा जाए। टर्क ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी शक्ति में सब कुछ करने का आग्रह किया कि सभी पक्ष अंतर्राष्ट्रीय क़ानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करें और अंतर्राष्ट्रीय अपराध होने से रोकें। मानवाधिकार प्रमुख ने कहा, “अब चलन बदलने का समय आ गया है। जो लोग या पक्ष, अंतर्राष्ट्रीय क़ानून का उल्लंघन करने का विकल्प चुनते हैं, उनके लिए ये चेतावनी जारी है कि जवाबदेही निर्धारित की जाएगी। कोई भी जन या पक्ष, क़ानून से ऊपर नहीं है।