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इस्राईली सेना ने शुक्रवार की शाम एक सैनिक आप्रेशन करते हुए फ़िलिस्तीनी संगठन जेहादे इस्लामी के ग़ज़्ज़ा पट्टी स्थित ठिकानों पर हमले कर दिए जिसमें अब तक कम से कम 15 फ़िलिस्तीनी शहीद हो चुके है।
मरने वालों में एक 5 साल का बच्चा और तैसीर अलजाबरी नाम का कमांडर शामिल है। इस बमबारी में ज़ायोनी शासन ने जेहादे इस्लामी के ठिकानों और इस संगठन के सदस्यों को निशाना बनाया। अलजाबरी 2019 में इस संगठन की सैनिक शाखा के बड़े कमांडर बहा अबुल अता का स्थान लिया था जिन्हें इस्राईल ने इससे पहले शहीद कर दिया। अलजाबरी पर सन 2012 और 2014 में इस्राईल ने जानलेवा हमले किए मगर वे बाल बाल बचे। अलजाबरी कई सैनिक आप्रेशनों में प्रभावी भूमिका निभा चुके थे थे जबकि मिसाइल सिस्टम के निर्माण में भी उनका बड़ा योगदान था।
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अलजाबरी की हत्या करके इस्राईल इस कोशिश में है कि जेहादे इस्लामी संगठन कमज़ोर हो। वेस्ट बैंक में भी इस्राईल ने इस संगठन के दर्जनों सदस्यों को गिरफ़तार किया है। इस्राईली अख़बार मआरीव के अनुसार यह लोग इस्राईल के ख़िलाफ़ की जाने वाली कार्यवाहियों में शामिल थे।
अवैध क़ब्ज़े वाले इलाक़ों में इस्राईल ने जो कार्यवाहियां की हैं उनकी भी कड़ी आलोचना की जा रही है। एक इस्रईली टीकाकार गाल बर्गर ने कहा कि इस्राईल अपनी गतिविधियों से सारे फ़िलिस्तीनियों को एकजुट कर रहा है अब वे सब मिलकर हमारे ख़िलाफ़ हमले करेंगे इसकी सारी ज़िम्मेदारी इस्राईली प्रधानमंत्री याईर लापीद की है।
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इस्राईली अपराधों के जवाब में फ़िलिस्तीनी संगठनों ने कहा है कि इस्राईली अपराधों के जवाब में एक सब मिलकर एक मज़बूत हथियार का काम करेंगे, इस्राईल को अपने अपराधों का ख़मियाज़ा भुगतना पड़ेगा। इस्राईल के हमले के जवाब में आरंभिक तौर पर फ़िलिस्तीनियों ने इस्राईली इलाक़ों पर दर्जनों मिसाइल फ़ायर किए हैं।
पश्चिमी एशिया के मामलों में संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष दूत टोर वेन्सलैंड ने शनिवार को कहा कि इस्राईली अपराधों के ख़िलाफ़ फ़िलिस्तीनी संगठनों का राकेट हमला बंद होना चाहिए। उन्होंने इस्राईल के हाथों किए जाने वाले नरसंहार को नज़रअंदाज़ करते हुए कहा कि ग़ज़्ज़ा पट्टी में तनाव बढ़ना ख़तरनाक है। ग़ज़्ज़ा से मिसाइलों की फ़ायरिंग फ़ौरन रुकनी चाहिए। सभी पक्षों से हमारी अपील है कि तनाव न बढ़ाएं। बहरहाल फ़िलिस्तीनी संगठनों ने इस मांग को ख़ारिज करते हुए कहा है कि वह समय गुज़र गया जब इस्राईल हमला करके आराम से चला जाता था। अब उसे हर हमले का ख़मियाज़ा भुगतना पड़ेगा।
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आख़िरी बिंदु यह है कि इस्राईल ने ग़ज़्ज़ा पट्टी में जेहादे इस्लामी के ठिकानों पर यह हमला तब किया है जब इस्राईल गंभीर राजनैतिक संकट में फंसा हुआ है। गज़्ज़ा की पिछली 12 दिवसीय लड़ाई तब हुई थी जब इस्राईल में राजनैतिक संकट था और नेतनयाहू मंत्रिमंडल नहीं बना पा रहे थे। इसस मय भी लापीद और बेनेत का संयुक्त मंत्रिमंडल भंग हो चुका है और नवम्बर में फिर से चुनाव कराए जा सकते हैं।
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