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फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के बहुत भयानक परिणाम निकलेंगे, रिपोर्ट

फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ इस्राईली प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू की चरमपंथी कैबिनेट के बढ़ते हमलों और नस्लभेद को लेकर ज़ायोनी शासन की सुरक्षा व इंटैलीजेंस एजेंसियों ने नेतनयाहू को ख़तरनाक परिणामों की चेतावनी दी है।

नेतनयाहू की सरकार ने 9 महीने पहले चार्ज संभाला है। इस बीच पूरे इस्राईल में लगातार संकट के हालात हैं जबकि फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ भी ज़ायोनियों के हमले बहुत तेज़ हो गए हैं। फ़िलिस्तीनी क़ैदियों की संस्था ने बताया है कि जारी वर्ष में अब तक 5 हज़ार से अधिक फ़िलिस्तीनियों को गिरफ़तार किया गया है जबकि इस साल में शहीद होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या पिछले साल के शहीदों की संख्या से ज़्यादा हो चुकी है।

इन हालात को देखते हुए सिटिंग और पूर्व ज़ायोनी अधिकारी इसी तरह सुरक्षा एजेंसियां इस हिंसा के ख़तरनाक परिणाम की बार बार वार्निंग दे रही हैं। इस्राईली ख़ुफ़िया एजेंसी मोसाद के 11वें चीफ़ तामीर पारदो ने वेस्ट बैंक में ज़ायोनी शासन की उत्तेजक कार्यवाहियों की आलोचना करते हुए कहा कि यह तो अपारथाइड और नस्लवाद है।

ज़ायोनी शासन की नस्लपरस्ती के जवाब में फ़िलिस्तीनियों के हमले भी तेज़ हो रहे हैं जिसकी वजह से ज़ायोनी बस्तियों की सुरक्षा को लेकर ज़ायोनी अधिकारी चिंतित हैं। ख़ास तौर पर वेस्ट बैंक के इलाक़े में ग़ैर क़ानूनी रूप से बनाई गई यहूदी बस्तियां सबसे बड़े संकट के तौर पर देखी जा रही हैं। इस्राईली सुरक्षा एजेंसियों ने इस्राईल के होमलैंड सेक्युरिटी मंत्री ईतमार बिन गोरियन से कहा है कि फ़िलिस्तीनी क़ैदियों के बारे में अपना रवैया ठीक करें वरना इसका ख़मियाज़ा पूरी ज़ायोनी आबादी को भुगतना पड़ेगा। इस्राईली युद्ध मंत्रालय के अधिकारी बार बार कह रहे हैं कि हालात विस्फोटक हो चुके हैं एसा लगता है कि हर जगह बारूद का ढेर है बस एक चिंगारी निकलने की ज़रूरत है फिर हालात किसी के क़ाबू में नहीं रह जाएंगे।

कल भी ज़ायोनी शासन के हमलों और आपराधिक गतिविधियों के जवाब में 17 साल के फ़िलिस्तीनी किशोर ने चाक़ू से हमला करके तीन ज़ायोनियों को घायल कर दिया। यह हमला पूर्वी बैतुल मुक़द्दस में हुआ। हमास संगठन के प्रवक्ता ने कहा कि यह हमला फ़िलिस्तीनी इलाक़ों में इस्राईल की उत्तेजक गतिविधियों का स्वाभाविक जवाब है।

इस बीच इस्राईली मीडिया ने बताया है कि जारी वर्ष में अब तक वेस्ट बैंक के इलाक़ों में होने वाले हमलों में कम से कम 36 ज़ायोनी मारे गए हैं और 109 घायल हुए हैं। मआरीव अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि इस्राईल की हालत बेहद ख़राब है यह पिछले दो दशकों की सबसे बुरी स्थिति हैं। अख़बार ने लिखा कि दूसरे इंतेफ़ाज़ा आंदोलन के बाद से अब तक कभी इस तरह के हालात नहीं रहे। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह हमले ज़्यादातर जेनिन, नाबलुस और इसी इलाक़े के गावों से तअल्लुक़ रखते है। यह वो इलाक़े हैं जहां ज़ायोनी सेना ने अपने आप्रेशनों में फ़िलिस्तीनियों को कुचलने की कोशिश की है।

इस्राईली सुरक्षा अधिकारियों को सबसे ज़्यादा चिंता इस बात को लेकर है कि जो हालात जेनिन और नाबलुस में हैं वहीं धीरे धीरे पूरे वेस्ट बैंक के इलाक़े में फैल चुके हैं।

जॉर्डन के सांसदों ने की ज़ायोनी राजदूत को तुरंत देश से निकालने की मांग

जॉर्डन की संसद के 59 सदस्यों ने अलख़लील शहर में आतंकी इस्राईली सैनिकों द्वारा फ़िलिस्तीनी महिलाओं के कपड़े उतरवाने और उनका उत्पीड़न किए जाने पर कड़ी प्रतिक्रया देते हुए देश की सकार से मांग की है कि वह इस अमानवीय कृत्य के जवाब के जवाब में तुरंत ज़ायोनी शासन के राजदूत को देश से बाहर निकाले।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, मंगलवार 5 सितंबर को दो नक़ाबपोश ज़ायोनी शासन की आतंकी महिला सैनिक, कि जिनके साथ भारी हथियार और ख़ूंख़ार कुत्ते भी थे, उन्होंने अवैध अधिग्रहित वेस्ट बैंक के दक्षिण में स्थित अल-ख़लील शहर में पांच फ़िलिस्तीनी महिलाओं को इस बात के लिए मजबूर किया कि वह पूरी तरह अपने कपड़ों को उतारें और एक-एक करके सभी उनके सामने निर्वस्त्र होकर परेड करें। इस अमानवीय और इंसानियत को शर्मसार कर देने वाले घृणित कृत्य पर जहां सबसे पहले ईरान ने आवाज़ बुलंद की और कड़ी प्रतिक्रिया दी, वहीं अब जॉर्डन के 59 सांसदों ने भी अपने देश की सरकार से इस्राईली राजदूत को तुरंत निकालने की मांग की है। जॉर्डन संसद के प्रतिनिधियों ने यह भी ऐलान किया है कि फ़िलिस्तीनी महिलाओं और जॉर्डन की महिलाओं में कोई अंतर नहीं है, वे भी हमारे घर की इज़्ज़त हैं और हमारी रेड लाइन भी। हम उनका किसी भी प्रकार का अपमान स्वीकार नहीं करेंगे और हम उनकी रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।

इस बीच फ़िलिस्तीनी समूहों ने इस्राईल की महिला सैनिकों द्वारा अंजाम दिए गए अमानवीय कृत्य की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटना को हम किसी भी स्थिति में सहन नहीं करेंगे। उन्होंने दोषी सैनिकों को तुरंत उनके किए की सज़ा दिए जाने की भी मांग की है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक आवासीय इमारत पर हमले के दौरान ज़ायोनी सैनिकों द्वारा पांच फ़िलिस्तीनी महिलाओं की जबरन तलाशी लेने की स्वतंत्र जांच का भी आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र के सहायक प्रवक्ता फरहान हक़ ने यह कहते हुए कि हम किसी भी प्रकार की सज़ा का समर्थन ज़रूर करेंगे, लेकिन इससे पहले इस घटना की गहन जांच की आवश्यकता है।