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कहानी – उतना ही उपकार समझ…By-डॉ. विनीता
हर शाख पे उल्लू बैठा है -डॉ. विनीता =========== · कहानी- उतना ही उपकार समझ बरसते मेंह के साथ कब दिल में घुमड़ते बादल आंखों से बरसने लगते सिमरन को पता ही नहीं चलता. जब से साहिल उसे बीच मझधार में छोड़कर गया है उसका मन और जीवन दोनों तूफ़ान में घिरी नाव की तरह […]
अपना नज़रिया बदल लीजिए, अपनी बच्चियों से कहिए कि वे आभूषणों के साथ कॉपी और पेन मांगे, भारत का संविधान मांगे, उसे जानें उसे पढ़ें!
Sara Thakur ============== दुनिया के किसी भी होटल में हमने किसी औरत को खाना बनाते नहीं देखा है। संसार का कोई भी बड़ा शेफ सामान्यत : औरत नहीं है। बच्चों की देखभाल के छोटे छोटे सेंटर जगह जगह खुल ही रहे हैं। बहुत से पुरुष विभिन्न अवसरों पर औरतों या लड़कियों को मेंहदी लगा रहे […]
*मेरे पापा के पास अलादीन का चिराग नहीं, जिसे घिसकर पैसे निकाल कर दे दिए*
Laxmi Kumawat ============== * मेरे पापा के पास अलादीन का चिराग नहीं, जिसे घिसकर पैसे निकाल कर दे दिए * रात के 10:30 बज रहे थे। श्रेया को बहुत नींद आ रही थी। पर फिर भी सासु मां की साड़ी को इस्त्री किए जा रही थी। सुबह से घर के और ऑफिस के काम करते […]