दुनिया

प्रशांत महासागर के देशों को आगे करके चीन को घेरना चाहता है अमरीका : रिपोर्ट

प्रशांत महासागर के इलाके में चीन के बढ़ते प्रभाव पर अंकुश लगाने के लिए अमरीका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अनेक द्वीपों के शासकों को वाशिंग्टन में जमा किया है।

इस बैठक में जो बाइडन अधिक कठोर स्वर में एलान करने वाले हैं कि वो इस इलाक़े में इंफ़्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए क्या कर रहे हैं और समुद्री मामलों में सहयोग बढ़ाने के लिए क्या क़दम उठाना है।

बैठक में आस्ट्रेलिया जैसे देश और छोटे छोटे द्वीपों की सरकारें शामिल हैं।

फ़्रांसीसी मीडिया ने वाइट हाउस के अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट दी कि इस इलाक़े में चीन का बढ़ता प्रभाव हमें मजबूर करता है कि हम अपने स्ट्रैटेजिक स्टैंड को मज़बूती से जारी रखें।

मार्शल द्वीप समूह और दूसरी सरकारों के साथ अमरीका फ़्री ट्रेड के समझौते को बहाल करना चाहता है। अमरीका ने मीक्रोनेज़िया और कुछ दूसरी सरकारों से इस प्रकार का समझौता किया था जिसके तहत अमरीका को इन द्वीपों में सामरिक उपस्थिति बढ़ाने का अवसर मिलता है।

इसके बदले में अमरीका इन द्वीपों को आर्थिक सहायता और सुरक्षा गैरेंटी देता है और इन द्वीपों में बसने वालों को अमरीका जाने और वहां काम करने की सहूलियत दी जाती है।

मार्शल द्वीप समूह की मांग है कि अमरीका 1940 और 1950 के दशक में परमाणु परीक्षणों से इलाक़े में होने वाले भारी नुक़सान को याद रखे।

कूक वन्यूए द्वीप समूह के साथ अमरीका समझौता करने जा रहा है जहां 2 हज़ार से भी कम आबादी है।

सोलोमन द्वीप और टोंगा में अमरीका ने अपने दूतावास खोले हैं और फ़ानवाटो में अगले साल अपना दूतावास खोलना चाहता है।