उत्तर प्रदेश राज्य

प्रयागराज : प्रतियोगी छात्रों की मांग के आगे झुका यूपी लोक सेवा आयोग, छात्रों की ”वन डे वन शिफ्ट” की मांग मान ली : रिपोर्ट

पीसीएस और आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन में होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) छात्रों के आंदोलन के आगे झुक गया है। आयोग ने छात्रों की वन डे वन शिफ्ट की मांग मान ली है। इसके लिए छात्र चार दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को बवाल काफी बढ़ने के बाद आयोग को यह फैसला करना पड़ा।

पीसीएस प्री के लिए ही फिलहाल मानी गई मांग
पीसीएस प्री के लिए ही फिलहाल मांग मानी गई है। समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा के लिए बाद में निर्णय लिया जाएगा। उच्च स्तरीय कमेटी का गठन होगा। समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा के संबंध में कमेटी ही अगला निर्णय लेगी।

सात व आठ दिसंबर 2024 को होनी वाली परीक्षा स्थगित
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) छात्रों के आंदोलन के आगे झुक गया है। आयोग ने छात्रों की वन डे वन शिफ्ट की मांग मान ली है। इसके लिए छात्र चार दिनों से आंदोलन कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को बवाल काफी बढ़ने के बाद आयोग को यह फैसला करना पड़ा। आयोग के भीतर हुई बैठक में जिलाधिकारी, कमिश्नर समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे। कई घंटे चली बैठक के बाद आयोग ने छात्रों के पक्ष में फैसला लिया। छात्रों की मांग मानने के अलावा आयोग के पास कोई रास्ता नहीं था। छात्र एक ही मांग पर अड़े थे कि परीक्षा एक दिन एक ही शिफ्ट में कराई जाए। सात व आठ दिसंबर 2024 को होनी वाली पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 स्थगित कर दी गई है।

प्रतियोगी छात्रों की मांग के आगे झुका यूपी लोक सेवा आयोग
प्रयागराज में प्रदर्शन कर रहे प्रतियोगी छात्रों की मांग के आगे उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग झुक गया है। वन शिफ्ट वन डे एग्जाम की मांग पर सहमति बन गई है। आयोग के सचिव कुछ ही देर में घोषणा कर सकते हैं। परीक्षा की तिथियां नए सिरे से निर्धारित हो सकती है। गेट नंबर 2 पर जल्द ही छात्रों को संबोधित किया जाएगा।

बैठक में कई अधिकारी मौजूद
यूपीपीएससी के अंदर बैठक हो रही है। जिलाधिकारी, कमिश्नर और आयोग के सचिव सहित तमाम अधिकारी बैठक में मौजूद हैं। कुछ देर में कोई फैसला आने की उम्मीद जताई जा रही है।

भाजपा दहाई के अंक में सिमट जाएगी: अखिलेश यादव
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक और पोस्ट करते हुए लिखा है कि भाजपा अगर केवल चुनाव का गणित समझती है तो सुन ले कि PCS/RO/ARO/LOWER SUBORDINATE जैसी अन्य प्रतियोगी छात्रों और उनके परिवार के लोगों को मिला लिया जाए तो ये संख्या लगभग 1 करोड़ होती है। अगर इस ‘महा-संख्या’ को लगभग 400 विधानसभा सीटों से भाग दें तो भाजपा के लगभग 25000 वोट हर विधानसभा सीट पर कम होंगे मतलब भाजपा दहाई के अंक में सिमट जाएगी।

उम्मीद है, इस गणित को ही समझ कर आज ही भाजपा की हृदयहीन सरकार अत्याचार बंद करेगी और आंदोलनकारी युवाओं की लोकतांत्रिक जायज़ मांग को पूरा करेगी।

भाजपा को एक आदत पड़ गई है, जनाक्रोश से डरकर आखिरकार बात तो वो मानने पर मजबूर होती है, लेकिन तभी जब उसके सारे हिंसक तरीके नाकाम हो जाते हैं और जब उसकी नौकरी विरोधी नकारात्मक राजनीति पूरी तरह फेल हो जाती है।

भाजपा हमेशा के लिए खत्म होनेवाली है।
अभ्यर्थी कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!

आंदोलनकारी दिव्यांग छात्रा की बैसाखी ले गई पुलिस: अखिलेश
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक और पोस्ट की है। इसमें लिखा है कि इलाहाबाद में एक आंदोलनकारी दिव्यांग छात्रा की बैसाखी पुलिस ले गई है। ये खबर बताती है कि भाजपाई और उनकी सरकार कितनी निर्दयी और संवेदनहीन है। ऐसी सरकार को बने रहने का कोई हक नहीं है। भाजपा घमंड के हिमालय पर चढ़ी हुई है। जो जितनी ऊंचाई पर होता है, उसका पतन भी उतना ही नीचे और तेजी से होता है। दिव्यांग कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!

आम आदमी पार्टी सांसद भी छात्रों के समर्थन में
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी छात्रों के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन की बात करने वाले पीसीएस, आरओ और एआरओ परीक्षा एक दिन में कराये जाने की मांग पर बेरोजगारों को पीट-घसीट रहे हैं। अंधभक्त आपको गालियां देते हैं वो भूल जाते हैं ये बेरोजगारी की मार झेलने वाले बेटे-बेटियां भी हिंदू हैं। भाजपा का नफरती जहर आपकी जिंदगी बर्बाद कर देगा।

नौजवान छात्र जो मांग लेकर गए उन्हें लाठी मारी गई, दबाया गया: अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा कि “ये जो लाठी चला रहे हो जैसी सेवा कर रहे हो वैसी सेवा आपको भी कभी कभी मिलेगी, नौजवान छात्र जो मांग लेकर गए उन्हें लाठी मारी गई, दबाया गया, इनके पास अब अधिकारियों के अलावा कोई नहीं बचा है।

भाजपा की ये उसकी ‘महा-भूल’ है: अखिलेश
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया कि भाजपा की अहंकारी सरकार अगर ये सोच रही है कि वो इलाहाबाद में UPPSC के सामने से आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को हटाकर, युवाओं के अपने हक़ के लिए लड़े जा रहे लोकतांत्रिक आंदोलन को खत्म कर देगी, तो ये उसकी ‘महा-भूल’ है। आंदोलन तन से नहीं मन से लड़े जाते हैं और अभी तक वो ताकत दुनिया में नहीं बनी जो मन को हिरासत में ले सके। जुड़ेंगे तो जीतेंगे।