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प्रधानमंत्री मोदी ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से उनके राज्यों में बारिश से संबंधित स्थिति के बारे में चर्चा की : मणिपुर??

ANI_HindiNews

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों से उनके राज्यों में बारिश से संबंधित स्थिति के बारे में चर्चा की। पीएम ने प्रभावित राज्यों को भारत सरकार की ओर से हरसंभव मदद और समर्थन का आश्वासन दिया: सूत्र

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यहां सभी नदियां उफान पर हैं, बहुत ज्यादा उग्र स्थिति है। कई इमारतें, पुल जलमग्न हो चुके हैं। जहां-जहां लोगों को खतरा है वहां से हमने उन्हें निकाला है। अभी भी लोगों को रेस्क्यू करने की प्रक्रिया जारी है: SP सौम्या सांबशिवन, मंडी, हिमाचल प्रदेश

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जो लोग नदी के बिल्कुल पास रह रहे हैं ऐसे 80 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। नदी के निकट वाले घोरों को भी खाली कराया गया है। हम लगातार अभी इलाकों का दौरा कर रहे हैं: SP सौम्या सांबशिवन, मंडी, हिमाचल प्रदेश

कुल्लू के औट से लेकर मंडी के धर्मपुर तक आधा दर्जन पुराने पुल बह गए हैं. इनमें से कुछ पुल तो 100 साल से भी पहले बने थे.

प्रदेश में 6 नेशनल हाइवे समेत 800 से अधिक छोटी-बड़ी सड़कें ठप हैं और लगातार हो रही बारिश के कारण इन्हें बहाल करने में भी दिक्कत हो रही है.

कुछ सड़कों को तो पुरानी स्थिति में आने में लंबा समय लग सकता है क्योंकि इन सड़कों का बड़ा हिस्सा या तो पानी में बह गया है या फिर भूस्खलन के कारण धंस गया है.

कुल्लू के लारजी पावर हाउस में भी पानी घुस गया जिससे काफ़ी नुकसान हुआ और भी कई हाइड्रो पावर हाउस बंद कर दिए गए हैं जिससे अन्य राज्यों को दी जाने वाली बिजली की सप्लाई बाधित हुई है.

प्रदेश भर में 4500 से अधिक बिजली ट्रांसफॉर्मर ठप होने से बिजली भी गुल है जिससे समस्या बढ़ गई है. बिजली न होने की वजह से कुछ आंतरिक इलाक़ों में मोबाइल सेवा भी बाधित हो गई है.

शनिवार शाम को शुरू हुई भारी बारिश से हुई तबाही का पता रविवार सुबह चला जब सोशल मीडिया फ्लैश फ़्लड और भूस्खलन की तस्वीरों और वीडियो से भर गया.

सुबह-सुबह ब्यास नदी के किनारे बसे पर्यटन स्थलों कुल्लू और मनाली में बसें और गाड़ियां अथाह जलराशि में तिनकों की तरह बहती नज़र आईं.

कुछ देर बाद जब यह पानी कुल्लू घाटी के प्रवेश द्वार औट पहुंचा तो वहां 100 साल पहले बना पुल लहरों में समा गया. आगे चलकर मंडी के पंडोह में बने बांध के जलाशय में पानी इतना ज़्यादा बढ़ गया कि बांध के सभी गेट खोलने पड़े.

कुछ ही देर में पंडोह का बाज़ार जलमग्न हो गया

मौसम विभाग के अनुसार रविवार को पूरे हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 10 गुना ज़्यादा वर्षा हुई है.

बारिश से प्रदेश भर में कितना नुक़सान हुआ है, इसका आकलन किया जा रहा है. इस बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग की है.

मुख्यमंत्री ने राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है जो प्रभावित इलाकों का दौरा करके नुक़सान का आकलन करेगी. इस कमेटी में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी भी हैं.

प्रदेश सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए 1100, 1070 और 1077 टोल फ्री नंबर जारी किए हैं.