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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान है, पूरे देश में मोदी जी का मंदिर होना चाहिए : कंगना रनौत BJP सांसद

Kranti Kumar
@KraantiKumar
हिन्दी फ़िल्म इंडस्ट्री की प्लॉप हीरोइन कंगना रनौत ने अपने हालिया बयान में कहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साधारण मानव नही हैं, अवतार हैं.

2014 तक हम तो वोट देने भी नही जाते थे. नेताओं से नफरत सी हो गयी थी. अब हम राजनीति में आ गए हैं, अब हमारे पास PM मोदी के रूप में अच्छे नेता हैं.

यानी कंगना रनौत कहना चाहती है 2014 से पहले उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और अन्य BJP के बड़े नेताओं से नफरत हो गयी थी. और वो वोट देने भी नही जाती थी.

दूसरी बात अगर कंगना रनौत, मोदी जी को अवतार मानती हैं तो उनका मंदिर बनाकर पूजा पाठ करना क्यों नही शुरू करती हैं.

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Shambhu Patwa Dighwara wala
@djshmbhu30
लगातार 8 फ्लॉफ फ़िल्म करने के बाद कगना रनौत का दिमाग़ हिल गया है्

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साधारण मानव नहीं अवतार है!!

सही बात, हालांकि पहले भी स्पष्ट हो चुका था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साधारण मानव नहीं, नॉन बायोलॉजिकल हैं, वो किसी मां के गर्भ से नहीं जन्म लिए हैं बल्कि अवतार लिए हैं”

लेकिन बॉलीवुड की नचनिया BJP सांसद कंगना रनौत ये बताए कि 2014 के पहले जब लोग वोट नहीं देने जाते थे तो अटल बिहारी बाजपेई कैसे प्रधानमंत्री बने थे और लोगों ने कैसे मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया?

या कहीं ऐसा तो नहीं कि देशवासी वोट के समय अपने अंगना में या मंडी में जाकर कंगना खनकाते थे?

जनता को असली मुद्दों से भटकाने के लिए अब BJP नेताओं का भांडगिरी नहीं चलेगा।

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गाँव की बिटिया आकृति
@akratisurya
कंगना रनौत ने जो कहा, उसमें वही भावना है जो करोड़ों भारतीयों ने 2014 के बाद महसूस की।
हां, PM मोदी कोई “साधारण नेता” नहीं हैं,
बल्कि वो एक संकल्प का नाम हैं, एक युग परिवर्तन का प्रतीक हैं।

जहाँ पहले जनता नेताओं को देखकर TV बदल देती थी,
वहीं अब लाखों युवा वोट देने के लिए कतार में लगते हैं — क्योंकि उन्हें भरोसा है, भरोसा है मोदी पर।

और रही बात मंदिर की —
भक्त पत्थर पूजते हैं जब भाव गहरा हो,
हम तो “विकास” की मूर्ति को अपने दिल में बसा चुके हैं।

“कंगना ने नफरत नहीं, तब की व्यवस्था से ऊब बताई — और आज उसी व्यवस्था में आशा देखती हैं। यही तो है मोदी युग।”

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Rahul Yadav✨
@Rahul100y
“नेता को भगवान बना देना क्या आस्था है या अंधभक्ति..?
जब भक्तिन मोदी को भगवान घोषित करती है,
तो क्या वो असली भगवान का अपमान नहीं करती?”

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Rahul Yadav✨
@Rahul100y
कंगना रनौत का बयान सुनकर यही लगता है कि बॉलीवुड में प्लॉप फिल्मों की तरह अब बयानबाज़ी भी स्क्रिप्टेड होने लगी है। जो खुद मानती हैं कि 2014 तक वोट देने की ज़हमत भी नहीं उठाती थीं, वो अब ज्ञान बाँट रही हैं राजनीति पर।

अगर 2014 से पहले राजनीति से इतनी नफ़रत थी, तो सवाल उठता है कि क्या अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता भी उस नफ़रत का हिस्सा थे? या बस उस समय मीडिया कवरेज कम मिलती थी, इसलिए चुप्पी थी?

और जहां तक “मोदी जी अवतार हैं” वाली बात है — अगर वाकई उन्हें अवतार मानती हैं तो फिर पूजा-अर्चना, आरती, और मंदिर निर्माण की दिशा में भी कदम बढ़ाएं। बस जुबानी श्रद्धा से तो सोशल मीडिया की टीआरपी तो बढ़ती है, लेकिन सच्ची भक्ति का इम्तहान ज़मीन पर होता है।

सच तो ये है कि कुछ लोगों के लिए राजनीति अब फिल्मी स्क्रिप्ट की तरह है — रोल मिलता है, डायलॉग्स मिलते हैं, और तालियाँ भी… बस ज़मीर और सच्चाई कहीं पीछे छूट जाती है।

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Pawan Ranjan
@PawanRanja76175

इस अनपढ़ औरत के किसी बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। जो कुछ भी बोलती है, ऊपर वालों की मर्जी से बोलती है। इससे ऐसा बुलवाया जाता है। इसके किसी भी बयान का खंडन बीजेपी के छुटभैये से लेकर बड़े नेताओं ने कभी नहीं किया। BJP की अनारकली है यह।

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Sushil Rawat
@Sushil_Rawat12

नेताओं से नफ़रत थी, ये अफ़साना पुराना है,
अब मोदी को अवतार कह देना, ये नया तराना है।
भक्ति का रंग चढ़ा है जो इतना गहरा,
तो फिर बहन जी, मंदिर का नक्शा भी बना डाला है?😎

 

Mulayam Singh Yadav
@MSRadhey4U
अपनी फूहड़ता एवं नग्नता से मशहूर BOLLYWOOD की सबसे फ्लॉप हिरोइन कंगना राणावत, अपने बयानों से हमेशा सुर्खियों में बनी रहना चाहती है.

इनकी इन्हीं हरकतों के चलते ट्विटर याने X ने LIFETIME ब्लॉक कर रखा है, अब चरण वंदना में ये क्या बोल रही है👇

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Dharmaraj Bharti
@Bhartii00
कंगना रनौत का यह बयान निश्चित ही चौंकाने वाला है। यदि वे सच में प्रधानमंत्री मोदी को “अवतार” मानती हैं, तो फिर उन्हें केवल शब्दों तक सीमित न रहकर आस्था का भी प्रमाण देना चाहिए, जैसे मंदिर बनवाना या उनकी नियमित पूजा करना।

साथ ही, 2014 से पहले वोट न देना और नेताओं से नफरत करना यह दर्शाता है कि राजनीति को लेकर उनकी समझ कितनी सीमित थी।

अब जब राजनीति में कदम रखा है, तो सोच-समझकर और संतुलित बयान देना ज़रूरी है, न कि अतिशयोक्ति से भरे भक्ति भाव में बह जाना।

Ricky
@natkhatbalak7

लगता है कंगना रनौत अब अगली फ़िल्म में “मोदी पुराण” बनाने वाली हैं!

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Pardeep Kumar yadav
@Pardeep13093159

यानी कंगना रनौत कहना चाहती है 2014 से पहले उन्हें अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और अन्य BJP के बड़े नेताओं से नफरत हो गयी थी. और वो वोट देने भी नही जाती थी. मोदी जी को मन्दिर बना कर के पूजा करना चाहिए।

Mandeep Punia
@mandeeppunia1
कंगना रनौत कह रही हैं कि नरेंद्र मोदी साधारण मानव नहीं अवतार हैं!

बस अब कंगना जी मोदी के नाम का उपवास और शुरू करवा दीजिए. अवतार सब दुख तकलीफें दूर कर देंगे.

उपवास के लिए शनिवार उपयुक्त रहेगा क्योंकि लोकतंत्र के लिए तो मोदी शनिचर ही साबित हुए हैं

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Angad yadav
@AngadYadav61
“जब करियर फ्लॉप हो, तो चापलूसी हिट करने की कोशिश होती है!”

कंगना रनौत अब अभिनय से ज़्यादा भक्ति की स्क्रिप्ट पढ़ रही हैं — और वो भी ऐसी कि तार्किकता शर्म से सिर झुका ले।

एक ओर कहती हैं कि 2014 से पहले राजनीति से नफरत थी और वोट देने तक नहीं जाती थीं

यानी अटल जी, आडवाणी जी जैसे नेताओं को भी नकार दिया!
दूसरी ओर आज मोदी जी को अवतार घोषित कर रही हैं

तो फिर मंदिर कब बना रही हैं? आरती और प्रसाद का इंतज़ाम भी खुद करें क्या?

ये बयानबाज़ी अभिनय नहीं, “Attention Seeking Politics” है।
जिन्होंने कभी लोकतंत्र की अहमियत नहीं समझी, आज वही लोकतंत्र की मसीहा बनने का नाटक कर रही हैं।

भक्ति ठीक है, लेकिन जब तर्क और सम्मान की लाश पर चढ़कर की जाए — तो वो भक्ति नहीं, प्रचार होती है।

कंगना जी, अभिनय में वापसी करिए — वहां आलोचना तो होती है, लेकिन इतनी बेइज़्ज़ती नहीं।

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Manish yadav
@Manishydv90
🚨…2014 से पहले हमारा भारत देश (कंगना रनौत के हिसाब से) गुलाम था।

इसलिए कंगना को 2014 से पहले अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी या अन्य बीजेपी नेताओं से नफरत थी।

🚨…लेकिन 2014 में जब भारत आजाद हुआ (कंगना रनौत के हिसाब से) तो मोदी के नेतृत्व ने उन्हें राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया उसके बाद इन्हें बीजेपी नेता पसन्द आने लगें।

एक कहावत है: “भागते भूत की लंगोटी भली”
तो ऐसा कंगना रनौत ने किया है।

…जब कंगना रनौत ने देखा कि हमारी सभी मूवी फ्लॉप जा रही है, तो उन्होंने राजनीति का रुख किया।

फिर क्या जिस पार्टी से उनको नफरत थी उसी पार्टी से उनको प्यार हो गया।
और जिस पार्टी का वह बुराई करते नहीं थकती थी, अब उसकी बड़ाई करते नहीं थकती हैं।
और अब तो ओ बीजेपी की नेता बन गईं हैं।

यह है राजनीति, प.. आना चाहिए कहीं से भी आए।

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Sunil yadav
@Syadav_07
कंगना जी की बातें सुनकर लग रहा है कि उन्हें इतिहास और तर्क दोनों से परहेज़ है। जो 2014 से पहले वोट डालने नहीं जाती थीं, अब अचानक राष्ट्रवाद की मसीहा बन गई हैं। अगर वाकई मोदी जी को अवतार मानती हैं, तो फिर मंदिर बनवाकर सुबह-शाम आरती भी शुरू कर दें — ताकि अभिनय छोड़ अब भक्ति में ही पूर्णकालिक हो जाएं

Baijnath
@rksen1723
कंगना जी की याददाश्त selective लगती है — 2014 से पहले के सारे नेता बेकार और अब बस एक ही नेता ‘अवतार’? अगर इतनी भक्ति है तो सिर्फ़ बयानबाज़ी क्यों, मंदिर बनाइए, आरती कीजिए। बस इतना तय है कि acting से ज़्यादा अब political drama में दिलचस्पी है।

डिस्क्लेमर : लेखक के निजी विचार हैं, लेख X पर वॉयरल हैं, तीसरी जंग हिंदी का कोई सरोकार नहीं!

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