नई दिल्ली : तीन राज्यों में हुए चुनाव नतीजो के बाद पूर्व राज्यसभा सांसद मोहम्मद अदीब ने एक वीडियो मैसेज के द्वारा अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके कहा है कि अगर देश के सेकुलर दल एक नहीं होते हैं, और मिलकर सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ नहीं लड़ते हैं, तो फिर मुसलमानों को इस देश की राजनीती से किनारा कर लेना चाहिये।
उन्होंने कहा कि हर शाम को टीवी चैनल नफरतें फैलाने का काम करते हैं, जिनती नफरतें आरएसएस बीते सो सालों में नहीं फैला पाई उससे कई गुना ज्यादा नफरतें टीवी चैनलों ने बीते तीन साल में फैला दी हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में बीस प्रतिशत ऐसी आबादी तैयार हो गई है जो मुसलमानों के नाम तक से नफरत करती है। पूर्व सांसद ने कहा कि ये सारा टीवी मीडिया का किया धरा है।
मोहम्मद अदीब ने कहा कि 2014 में मोदी एक फार्मूल लेकर चुनावी मैदान में आये थे, और यह फार्मूला था कि बगैर मुसलमान के हम इस देश में शासन करेंगे। जबकि उनका माजी उनके साथ था, गुजरात दंगों के दाग उनके साथ थे। इसलिये एक तबके को लगा है कि यह शख्स मियां लोगों को ठीक करेगा। इसीलिये उन्होंने इसी नफरत के आधार पर मोदी को वोट किया।
पूर्व सांसद ने कहा कि सेकुलर सियासी पार्टियां का मकसद सिर्फ इतना है कि मुसलमानों का वोट लेकर सत्ता हासिल की जाये। हमने पासवान को देखा है, और रीता बहुगुणा जोशी को देखा है, जो मुसलमानों के वोट पाकर मंत्री सांसद विधायक बनते रहे और जब उन्हें लगा कि अब ट्रेंड बदल गया है तो वे मुसलमानों को छोड़कर उस दल में शामिल हो गये, जो एक वर्ग विशेष से नफरत करता है।