भारत के अनेक राजनैतिक दलों और वरिष्ठ नेताओं ने हिन्दु कट्टरपंथी संगठन आरएसएस पर बैन लगाने की मांग की है।
यह मांग केंद्र सरकार द्वारा ग़ैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया और उसके सहयोगियों को प्रतिबंधित किए जाने के बाद सामने आई है।
आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मांग की है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक जैसे संगठनों पर भी प्रतिबंध लगाया जाए। लालू प्रसाद यादव ने अपने ट्वीट में कहा कि पीएफ़आई की तरह जितने भी नफ़रत और द्वेष फैलाने वाले संगठन हैं, सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए, जिसमें आरएसएस भी शामिल है, सबसे पहले आरएसएस को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है।

उन्होंने आगे लिखा कि आरएसएस पर दो बार पहले भी प्रतिबंध लग चुका है, सनद रहे, सबसे पहले आरएसएस पर प्रतिबंध लौह पुरुष सरदार पटेल ने लगाया था।
उल्लेखनीय है कि 1948 में महात्मा गांधी की हत्या के बाद संघ पर प्रतिबंध लगा था, जिसे साल भर बाद हटाया गया था।
माकपा का मानना है कि पीएफआई चरमपंथी विचारों वाला संगठन है और वह अपने कथित विरोधियों के ख़िलाफ? हिंसक गतिविधियों में शामिल रहा है।