धर्म

पूरे ईरान में इमाम सादिक़ की शहादत का शोक मनाया जा रहा है : रिपोर्ट

आज समूचे ईरान में इमाम जाफ़र सादिक़ की शहादत का शोक मनाया जा रहा है।

इमाम जाफ़र सादिक़ का जन्म 17 रबीउल अव्वल सन 83 हिजरी कमरी को पवित्र नगर मदीना में हुआ था। इमाम मोहम्मद बाक़िर आपके पिता और उम्मे फरवा आपकी माता थीं। उम्मे फरवा क़ासिम बिन मोहम्मद बिन अबि बक्र की बेटी थीं। छठें इमाम का नाम जाफ़र था जबकि सबसे प्रसिद्ध उपाधि सादिक़ थी।

इमाम जाफ़र सादिक़ भी पैग़म्बरे इस्लाम के दूसरे पवित्र परिजनों की भांति समस्त सदगुणों की प्रतिमूर्ति थे। वह महान ईश्वर की उपासना करने, ईश्वर के मार्ग में दान देने, ईश्वरीय भय और सहित समस्त अच्छाइयों व सदगुणों में अपने समय के समस्त लोगों से श्रेष्ठ थे।

इमाम जाफ़र सादिक ने लोगों का मार्गदर्शन शैक्षिक मार्गों से आरंभ किया और इमाम ने एसे शिक्षाकेन्द्र की स्थापना की जिससे हज़ारों विद्वान और धर्मशास्त्री निकले।

इमाम जाफ़र सादिक जिस परिस्थिति में थे उससे इस बात का भय लगा हुआ था कि कहीं लोग विशुद्ध इस्लाम को उस तरह से न जानने लगें जिस तरह बनी उमय्या या फिर बनी अब्बासी परिचित कराना चाहते थे। इमाम जाफ़र सादिक़ ने जो मुनाज़रे किये हैं और लोगों की भ्रांतियों को दूर करने के लिए जिस तरह से तार्किक जवाब दिये हैं उसकी विशुद्ध इस्लाम को जीवित करने में बहुत भूमिका है।

इमाम जाफर सादिक़ की शहादत का शोक मनाने के लिए ईरान के विभिन्न नगरों विशेषकर पवित्र नगर कुम और मशहद सहित समस्त धार्मिक और गैर धार्मिक स्थलों पर शोक सभाओं का आयोजन कल रात से जारी है जिनमें वक्ता और भाषणकर्ता इमाम के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाल रहे हैं।

इस दुःखद अवसर पर रेडियो तेहरान अपने सभी श्रोताओं और पाठकों की सेवा में हार्दिक संवेदना प्रस्तुत करता है।