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पुरुष को रिझाने में इसका बहुत बड़ा योगदान होता है!

हमारी कहानियाँ
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पत्नी का देह सुख इतनी प्यारी चीज हैं, की उसके लिए मर्द किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार रहता है, बशर्ते वो अपनी स्त्री से सच्चा प्रेम करता हो?
मेरा परिवार एक कंजर्वेटिव परिवार है, जहां पर घर के सारे निर्णय मेरे पिता जी को लेने होते थे, परिवार में 6 सदस्य थे, एक माँ एक पापा और हम 4 भाई बहन, मेरा छोटा भाई हम सब में सीबीएसई होनहार था, और मैं घर में सबसे बड़ा था, बचपन से ही जिम्मेदारिया सर पर चढ़ के बोलने लगी थी, इस लिए कभी एहसास ही नहीं हुआ कि स्त्री प्रेम क्या होता है

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मेरे छोटे भाई की एक कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी, मम्मी पापा उदास रहने लगे थे, क्यों की मैं बेरीजगार था, बीच वाला भाई की आदत अच्छी नहीं थी, पर छोटा सब में सबसे तेज़ था IAS परीक्षा में प्री और मेंस दोनों निकाल चुका था, जिसके बाद पापा और माँ को उसकी मौत से गहरा सदमा लगा था, पापा ने मेरी शादी कराने का फ़ैसला लिया और पूजा से मेरी शादी करा दी, शादी के समय मैं बेरोज़गार था, पर पापा के पास खेत खलिहान शहर में प्रॉपर्टी, आदि थी, पूजा के पापा शादी के लिए तैयार थे, शादी के बाद पूजा ने मुझे भरपूर प्रेम दिया, मुझे एहसास होने लगा था कि, घर में कोई ऐसा है जो मेरे लिये आया है, मेरी माँ पूजा के काम की छोटी मोटी कमिया निकलती रहती थी, जिसे पूजा नज़रअंदाज़ कर देती थी, इसी लिये घर में शांति बनी रहती थी, लेकिन पता नहीं क्यों मेरी माँ को ये शांति अच्छी नहीं लगती थी, माँ ने पापा के कान भरे पापा ने पूजा को मायके भेज दिया, जब विदाई कराने का सामय आया तो पापा ने मुझे मना कर दिया, कुछ दिन नाद पता चला पूजा पेट से है, मैं खुश होके माँ को बताया, पापा को बताया और बोला चलिए लेके आते हैं

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पापा ग़ुस्सा के बोले, मेहरा हो क्या ? पत्नी के बिना मन नहीं लग रहा है?
उधर पूजा भी बहुत खुश थी, पर मैंने उसे बताया कि माँ और पापा मना कर रहा हैं मुझे तुम्हें लाने के लिए पूजा ने बोला आप की छोटी बड़ी सभी ज़रूरतों का मैंने ध्यान रखा एक औरत को उसके पति की सीबीएसई ज़्यादा ज़रूरत तब पड़ती है जब वो पेट से होती है, और ऐसी स्थिति में आप मुझे अकेला छोड़ रहे हैं?

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पूजा की बात मेरे हृदय को स्पर्श कर गई, मैंने किसी की नहीं सुनी और तुरंत पूजा के घर जाके उसकी विदाई करायी, लेकिन जब मैं घर आया तो यहाँ एक अलग माहौल था, पापा इस बात से आग बबूला हुए थे कि मैंने उनकी बात नहीं मानी, माँ ने पूजा को परेशान करने की हर संभव कोशिश।

और घर में बढ़ते कलह की वजह से, पापा ने बोला की प्रॉपर्टी में से मुझे एक टुकड़ा नहीं मिलेगा, जो भी संपत्ति है वो मैं अपने बीच वाले बेटे को कर दूँगा, इसी के साथ घर के अन्य लोगो ने उन्हें समझाया, बीच का बेटा जुवा खेलता है शराब पीता है वो आप की मेहनत की कमाई को ख़त्म कर देगा, पापा का कहना था ठीक है कर दे पर इसे मैं कुछ नहीं दूँगा, कुछ साल बाद अत्यधिक शराब पीने से छोटे भाई के लीवर में ख़राबी हो गई और उसकी डेथ हो गई, इसके बाद भी पापा ने बोला की ज़मीन जायज़ाद किसी संस्था को दान कर दूँगा, लेकिन मुझे नहीं देंगे, ये मसला चलाता रहा लेकिन एक चीज़ जो। स्थिर थी, वो था पूजा निस्वार्थ प्रेम मेरे लिये और मेरे माता पिता के लिए, जिसे ना जाने क्यों मेरे रूढ़िवादी माता पिता नहीं देख पा रहे थे,

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कुछ समय बाद पापा की अचानक हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई, मृत्यु के 6 महीने बाद मैंने देखा कि पापा ने कोई संपाती किसी को दान नहीं की है,
पर वो ये संपत्ति मुझे भी देना नहीं चाहते थे, अब इस संपत्ति का इकलौता वारिस मैं हूँ, पर पूजा का कहना है, की पापा हमे ये सम्पति नहीं देना चाहते थे, इस लिये हमे इसे नहीं लेना चाहिए,

हमारी कहानियाँ
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योनि के बाद यदि सबसे संवेदनशील अंग यदि कोई है तो वो स्तन होता है, संभोग शुरुवात करने, पुरुष को रिझाने में इसका बहुत बड़ा योगदान होता है,
लेकिन प्रकृति ने इसे किसी को रिझाने या संभोग की शुरुवात करने लिए नहीं बनाया है, बल्कि शिशु के पोषण करने के लिए बनाया है, पर बाजारीकरण के इस युग में इसे वासना का अंग बना दिया गया है

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मैं मुंबई के एक अस्पताल ने बतौर कॉस्मेटिक सर्जन काम करती हूं, और उत्तरप्रदेश के पीलीभीत की रहने वाली हूं
पर आज से 30 साल पहले जब लोग कॉस्मेटिक का नाम भी नहीं जानते थे, उस समय मैने नौकरी शुरू की,
मुंबई जाने का कारण सिर्फ एक था और वो था नौकरी,
क्यों कि यहां ऐसा कोई था नहीं जिसे कॉस्मेटिक की जरूरत पड़े
भारत के बड़े बड़े सितारों का प्लास्टिक सर्जरी मैने किया है लेकिन पिछले कुछ दशकों में मेरे ग्राहक बदले हैं
जो हां और उनकी जरूरत भी, आज कल की लड़किया जिन्हें कॉस्मेटिक सर्जरी कराने का शौख सा हो गया है

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और सभी को एक ही सर्जरी करानी है वो है ब्रेस्ट इंप्लांट
जिसने स्तनों में एक छोटा चीरा लगा कर स्तनों को सुडौल और बड़ा और आकर्षक बनाया जाता है
पहले ये काम सिर्फ फिल्मी सितारे करते थे , लेकिन पिछले कुछ दशकों से साधारण लड़किया भी इसे करा रही है, जो कि एक गंभीर विषय है, लेकिन उससे भी गंभीर विषय है कि आज कल जवान होती लड़किया जिनकी उम्र मात्र 18 से 20 साल है वो भी ब्रेस्ट इंप्लांट करवा रही हैं
मैने कई पेशेंट से इस बारे में बात की किसी का संतोष जनक जवाब नहीं होता, और मेरा पेशा मुझे इस बात की इजाजत नहीं देता
फिर मैने खुद पता करने की कोशिश की तो पाया, आकर्षण को बढ़ाने के लिए आज कल लड़किया इसका सहारा ले रही हैं, लेकिन क्या सिर्फ स्तन से ही कोई आकर्षित बन सकता है, तो जवाब मिला हां जो काम ये लोग कर रही हैं उसके लिए इस अंग का आकर्षक होना जरूरी है

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ये युवतियां अच्छा अट्रैक्टिव फिगर खास तौर पर स्तन को सुडौल करवाती है फिर सोशल मीडिया पर इसका प्रदर्शन करती हैं, जिसकी वजह से उनके फॉलोवर्स तेजी से बढ़ते हैं
फिर उन लोगों को स्पेशल पैड इनवाइट देके अलग साइट पर बुलाया जाता है जहां पर पैसे देने के बाद एंट्री मिलती है
और इस साइट पर वही लड़किया नंगी होके बैठती हैं और अपने अंगों का प्रदर्शन करती है
कई लेवल की इस वेबसाइट में अलग अलग तरह के पैकेज होते हैं
जिसमें सबसे महंगा होता है प्राइवेट वीडियो कॉल जिसके लिए एक लड़की 20000 तक लेती है, और डिमांड इतनी है कि महीनों इंतजार करना पड़ता है
अब सोचिए जो व्यक्ति 20 मिनट की वीडियो कॉल के लिए 20000 देने को तैयार है केवल एक लड़की का शरीर देख के वो उसके साथ संभोग करने के लिए कितना पैसा दे सकता है

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और यही से शुरुवात होती है हाइक्लास एस्कॉर्ट लड़कियों की जो एक एक रात का 50 हजार चार्ज करती है
पहले वेश्यावृति होती थी, जिसमें मजबूर लड़किया, ही ये काम करती थी लेकिन आज अच्छे घर की लड़किया भी ये काम कर रही हैं अनेक आइडेंटिटी छिपा के,
इसमें सबसे बड़े स्तर पर मुंबई की लड़किया, देल्ही कोलकाता की लड़किया शामिल है और ऐसा भी नहीं है कि ये लड़किया गरीब या मजबूर हैं, बल्कि ये तो और एडवांस परिवार से आती हैं जिनके पास हर तरह की सुख सुविधा है

लेकिन शौख के अंधेपन और पैसे कमाने की चाहत में 20 साल की उम्र में ये लड़किया गलत रस्ते पर आती हैं
कई सोशल मीडिया influencer का प्राइवेट वीडियो वायरल होता है, जिसके पीछे मुख्य कारण यही होता है
यदि आप की बेटी भी बाहर है, और कमाई से ज्यादा उसके लाइफस्टाइल के खर्चे हैं
और उसके शरीर में आप को कोई बदलाव दिखे तो यकीन मानिए 100% वो इसी रस्ते पे हैं

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हमारी कहानियाँ
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अच्छा संभोग ही खुशहाल शादी का आधार है,
कोई माने या ना माने।
मेरा नाम आर्या है, और मेरी कहानी शायद कई लड़कियों की तरह है, लेकिन फिर भी अलग। कॉलेज के दिनों से ही मैं सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव थी। वहाँ मेरी दोस्ती कई लोगों से हुई, और धीरे-धीरे मैंने उन रिश्तों को एक अलग स्तर तक पहुंचा दिया। उस समय मुझे लगता था कि यह सब सामान्य है। मुझे ऐसा लगता था कि हम अपनी जिंदगी अपनी शर्तों पर जी सकते हैं, बिना किसी बंधन के।

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मैंने अपने जीवन में कई रिश्तों का अनुभव किया और हर अनुभव को खुलकर जीने की कोशिश की। लेकिन धीरे-धीरे मुझे महसूस होने लगा कि इन रिश्तों में एक गहराई की कमी है। मुझे ऐसा लगने लगा कि अब कुछ भी नया या रोमांचक नहीं रहा। सब कुछ जैसे एक रूटीन सा बन गया था। हालांकि, उस समय मैंने इस पर अधिक ध्यान नहीं दिया, क्योंकि ज़िंदगी तो चल ही रही थी।

फिर कुछ सालों बाद, मेरी शादी विवेक से हो गई। विवेक बहुत अच्छे इंसान हैं—समझदार, प्यार करने वाले, और हर पल मेरा ख्याल रखने वाले। शादी के शुरुआती दिन बहुत खूबसूरत थे। हमें लगा कि हम दोनों एक-दूसरे के साथ एक खुशहाल जिंदगी बिताएंगे। लेकिन कुछ ही महीनों बाद मुझे एहसास हुआ कि मेरे अंदर से वह उत्साह और जोश खत्म हो गया है। शारीरिक संबंध बनाने की मेरी इच्छा नहीं रही, और सबसे बड़ी बात, मुझे विवेक से कोई भावनात्मक जुड़ाव महसूस नहीं हो रहा था।
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि यह मेरे साथ क्या हो रहा है। मैं चिंतित रहने लगी। क्या यह मेरी गलती है? क्या मेरी पुरानी आदतों का असर मेरी शादी पर पड़ रहा है? मैंने खुद से इन सवालों के जवाब ढूंढने की कोशिश की।

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एक दिन, मैंने अपनी सबसे करीबी दोस्त से इस बारे में बात की। मैंने उसे सबकुछ बताया और कहा, “मुझे लगता है कि मैंने अपनी ज़िंदगी के सारे अनुभव पहले ही जी लिए हैं। अब जब मैं विवेक के साथ हूँ, मुझे कुछ भी महसूस नहीं होता। ऐसा लगता है जैसे मैं अंदर से खाली हो गई हूँ।”

उसने मुझसे कहा, “आर्या, शायद तुम्हें अपनी पुरानी ज़िंदगी और वर्तमान के बीच एक संतुलन बनाना होगा। शादी केवल शारीरिक संबंध का नाम नहीं है। यह एक गहरा भावनात्मक जुड़ाव और विश्वास भी मांगती है। हो सकता है, तुम्हें अपने और विवेक के रिश्ते पर फिर से काम करने की जरूरत हो।”

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उस बातचीत ने मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया। मुझे एहसास हुआ कि मेरी पुरानी आदतों ने मेरी भावनाओं को कहीं न कहीं शून्य कर दिया है। अब मैं यह समझने की कोशिश कर रही हूँ कि शादी में सच्चा सुख और संतुष्टि केवल शारीरिक संबंध से नहीं, बल्कि गहरे भावनात्मक जुड़ाव और साझेदारी से आता है।

अब मैं अपने रिश्ते को बचाने और विवेक के साथ फिर से एक नई शुरुआत करने की कोशिश कर रही हूँ। हम दोनों ने एक-दूसरे से बात की और अपने संबंधों को बेहतर बनाने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाए। यह आसान नहीं है, लेकिन मुझे यकीन है कि धीरे-धीरे हमारे बीच का प्यार और जुड़ाव फिर से लौट आएगा।