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पुणे तेज़ रफ़्तार पोर्श कार से दो की मौत, नाबालिग़ ड्राईवर को 300 शब्दों का निबंध लिखने पर मिली ज़मानत : रिपोर्ट

महाराष्ट्र के पुणे में एक नाबालिग ने अपनी तेज रफ्तार पोर्श कार से दो लोगों को टक्कर मार दी. यह घटना शनिवार, 18 मई को पुणे के कल्याणीनगर इलाके में हुई.

हादसे में बाइक सवार अनीष अवधिया और अश्विनी कोस्टा, दोनों की मौत हो गई है. घटना के बाद अभियुक्त को गिरफ्तार कर पुलिस ने कोर्ट में पेश किया.

कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ नाबालिग को जमानत दे दी, लेकिन इन शर्तों को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है.

इस मामले में लड़के के पिता के साथ-साथ उस पब के मैनेजर और कर्मचारियों के ख़िलाफ़ भी पुलिस ने मामला दर्ज किया है, जहां लड़के ने शराब पी थी. उन पर आरोप है कि बच्चे की उम्र की जानकारी लिए बिना उसे शराब दी गई.

वहीं पिता पर आरोप है कि उन्होंने नाबालिग बेटे को कार चलाने की इजाजत दी.

पुलिस ने सोमवार, 21 मई को नाबालिग के पिता समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें बार के मालिक, मैनेजर और बार टेंडर भी शामिल हैं.

एफआईआर के मुताबिक लड़के ने कल्याणीनगर के पास दो पब में जाकर शराब पी थी, जिसके बाद उसने देर रात बिना लाइसेंस के लापरवाही से कार चलाते हुए पल्सर सवार दो लोगों को टक्कर मार दी.

 

 

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एफआईआर में क्या है?

एफआईआर के मुताबिक एक ग्रे रंग की कार को नाबालिग चला रहा था और उसने बाइक सवार दो लोगों को टक्कर मार दी.

इसके मुताबिक हादसे के वक्त नाबालिग के साथ उसके कुछ दोस्त भी थे.

शनिवार, 18 मई की देर रात 10 से 12 बजे के बीच सभी लोग पार्टी करने के लिए पुणे के मुंडवा इलाके के एक होटल में गए. यहां उन्होंने अलग-अलग तरह की शराब पी, लेकिन पार्टी यहां खत्म नहीं हुई.

एफआईआर के मुताबिक, इसके बाद सभी लोग रात 12 से 1 बजे के बीच मुंडवा इलाके के एक दूसरे होटल में गए.

एफआईआर के मुताबिक सभी दोस्तों ने यहां भी शराब पी थी.

इसके बाद सुबह करीब 2.30 बजे एक महंगी ग्रे रंग की कार चलाते हुए उसने एक बाइक सवार को टक्कर मार दी. इस हादसे में बाइक पर सवार दो लोगों की मौत हो गई.

एफआईआर में यह भी बताया गया है कि इस कार के दोनों तरफ कोई नंबर प्लेट नहीं है, जबकि कार चला रहे नाबालिग की उम्र 17 साल 8 महीने है.

‘इन’ शर्तों पर जमानत

1) नाबालिग अभियुक्त को 15 दिन तक ट्रैफिक पुलिस के साथ चौराहे पर खड़े होकर ट्रैफिक में मदद करनी होगी. इसके साथ ही ट्रैफिक नियमों को समझने के बाद एक रिपोर्ट तैयार कर आरटीओ को सौंपनी होगी.

2) बच्चे को सड़क दुर्घटनाओं और उनके समाधान पर 300 शब्दों का निबंध लिखना होगा.

3) नाबालिग को शराब छोड़ने के लिए मनोचिकित्सक विशेषज्ञों से इलाज कराना होगा.

4) नाबालिग को शराब से छुटकारा पाने के लिए मुक्तांगन व्यसन मुक्ति केंद्र की मदद लेनी चाहिए.

5) अगर भविष्य में वह कोई दुर्घटना देखे तो उसे दुर्घटना पीड़ितों की मदद करनी होगी.

पुलिस जांच करेगी अभियुक्त नाबालिग है या नहीं?

पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मामले की जानकारी दी है.

अमितेश कुमार का कहना है कि अभियुक्त के नाबालिग होने के कारण उसे जमानत मिली है.

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इसके खिलाफ सेशन कोर्ट में याचिका दायर करेंगे.

उन्होंने कहा, “यह बहुत साफ है कि लड़का शराब के नशे में गाड़ी चला रहा था. इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा.”

अभियुक्त क्या नाबालिग है? इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि स्कूल जाकर जांच की जा रही है.

उन्होंने कहा कि बिना नंबर प्लेट की कार देने वाले डीलर के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.

अमितेश कुमार का कहना है कि कल्याणीनगर और कोरेगांव पार्क एरिया में पब और बार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए वे एक्साइज डिपार्टमेंट के साथ मिलकर काम करेंगे.

उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच सहायक पुलिस आयुक्त को सौंपी गई है.

अमितेश ने कहा कि थाने की सीसीटीवी फुटेज की भी जांच की जाएगी, ताकि यह पता किया जा सके कि किसी ने राजनीतिक दबाव तो नहीं डाला है.

मृतकों के बारे में क्या पता है?

मध्य प्रदेश से बीबीसी के सहयोगी पत्रकार शुरैह नियाजी के मुताबिक हादसे में जान गंवाने वाले 24 साल के अनीष अवधिया, मध्यप्रदेश में उमरिया के बिरसिंहपुर पाली के रहने वाले थे.

दो भाइयों में बड़े अनीष पुणे में एक निजी सॉफ्टवेयर कंपनी में इंजीनियर के तौर पर काम कर रहे थे. उनके पिता ओम प्रकाश अवधिया प्रिंटिंग प्रेस चलाने का काम करते हैं.

अनीष के छोटे भाई भी पुणे में ही पढ़ाई कर रहे हैं. शुरैह नियाजी के मुताबिक अनीष के माता-पिता इस स्थिति में नहीं है कि वे मीडिया से बात करें.

अनीष के मामा ज्ञानेंद्र सोनी ने कहा, “हमने अभी वहां पर शिकायत की है. लेकिन आरोपी के ख़िलाफ कोई ख़ास कार्रवाई नहीं की गई. बल्कि उसके ख़िलाफ जो मामला बनाया गया है वो बहुत ही लचीला सा है.”

उन्होंने कहा, “दो लोगों की जान चली गई और वहां पर आरोपी के ख़िलाफ कुछ भी नही किया गया. अगर वही लड़का किसी आम परिवार का होता तो क्या उसके ख़िलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई की जाती.”

वही ज्ञानेंद्र सोनी को पुणे के उस अस्पताल से भी शिकायत है जहां पर हादसे के बात अनीष को लेकर जाया गया.

अनीष के दादा आत्माराम अवधिया भी पूरे मामले में हुई कारवाई को लेकर बेहद नाराज़ है. उन्होंने कहा, “दो लोगों की जान चली जाती है और उसे चंद घंटो में जमानत दे दी जाती है. यह बहुत ग़लत तरीका है जिनके परिवार ने खोया है उनके बारे में तो सोचा जाना चाहिए. इस मामले में पूरी जांच होनी चाहिए और आरोपी को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ा जाना चाहिए.”

वहीं हादसे में दूसरी मौत मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली अश्विनी कोस्टा की हुई है. अश्विनी के पिता बिजली विभाग में काम करते हैं और उनका भाई बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है.

अश्विनी भी पुणे में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर एक निजी कंपनी में काम कर रही थीं.

पिता सुरेश कोस्टा ने कहा, “इस लड़ाई को हम लड़ेंगे ताकि बेटी को इंसाफ मिल सकें. आख़िर कैसे इतने बड़े हादसे के बाद भी आरोपी को जमानत मिल गई.”

मृतक लड़की के एक रिश्तेदार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “ये रात में एक्सीडेंट हो गया, 2.30 बजे. एक नाबालिग लड़के ने कार से टक्कर मार दी. ऐसी टक्कर मारी कि बेटी दस-पंद्रह फीट उछलकर नीचे गिर गई. उसका सर फट गया, हाथ फैक्चर हो गया. उसके बाद प्रशासन ने, उच्च स्तर के नेता और रसूखदार लोग. इस बेटी को ऐसी लड़के ने एक्सीडेंट किया है, जो बहुत बड़े बिल्डर का बेटा है. अग्रवाल है.”

उन्होंने कहा, “हमारा संविधान क्या बोल रहा है इस समय कि एक घंटे में ऐसे जमानत हो जाती है क्या. किसी की जान चली जाए और एक घंटे में जमानत. गरीब व्यक्ति होता है तो उसकी जमानत नहीं होती…इसको छोड़ा कैसे गया. नाबालिग लड़का एक्सीडेंट करे…रविवार के दिन कौन सा कोर्ट, स्पेशल कोर्ट लगता है, वहां से जमानत होनी ही नहीं चाहिए. प्रशासन क्या कर रहा है.”

सख्त कार्रवाई के आदेश- फडणवीस

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लापरवाही से गाड़ी चलाने के कारण दो लोगों की मौत के मामले में कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

उन्होंने पुणे पुलिस कमिश्नर को फोन कर मामले की जानकारी ली है और सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है.

फडणवीस ने कहा है कि भले ही अभियुक्त को जमानत मिल गई है, लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ अपील करने का निर्देश दिया है.

उन्होंने यह भी कहा कि थाने के सीसीटीवी फुटेज को देखा जाएगा और अगर अभियुक्तों को स्पेशल ट्रीटमेंट देने की बात सामने आई तो तुरंत संबंधित पुलिस कर्मियों को निलंबित करने का काम किया जाएगा.

मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

पुणे की इस घटना को लेकर न सिर्फ सोशल मीडिया पर लोग गुस्से में हैं बल्कि अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों ने भी प्रतिक्रिया दी है.

भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले में सोमवार, 20 मई को पुणे पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखा है.

इस पत्र में बीजेपी ने कहा कि ऐसा घटनाओं के लिए नाइट लाइफ कल्चर जिम्मेदार है.

दूसरी तरफ कांग्रेस विधायक रवींद्र धांगेकर ने हिट एंड रन मामले में पब और बार के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.

रवींद्र धांगेकर ने कार्यकर्ताओं के साथ येरवडा पुलिस स्टेशन पर धरना भी दिया.

कानून क्या कहता है?

इस पूरे घटनाक्रम का कानूनी पक्ष क्या है. इसे लेकर हमने वरिष्ठ वकील असीम सरोदे से बात की.

उनके मुताबिक पुलिस ने गाड़ी देने वाले माता-पिता के साथ नाबालिग को शराब पिलाने वाले पब के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है. इस मामले में पुणे पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट 199ए के तहत मामला दर्ज किया है.

नाबालिग जो कार चला रहा था उस पर कोई नंबर प्लेट नहीं थी. इसलिए इस मामले में नए कानूनों के प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया है.

वे कहते हैं कि इस प्रावधान के मुताबिक अगर नाबालिग से कोई दुर्घटना होती है तो माता-पिता पर मामला दर्ज किया जाएगा और उन्हें दंडित भी किया जा सकता है.

अगर इस अधिनियम के तहत अपराध में इस्तेमाल वाहन के पंजीकरण को भी 12 महीने के लिए रद्द कर दिया जाएगा.

वहीं अगर ऐसा किसी नाबालिग से होता है तो वह 25 साल की उम्र तक लर्नर लाइसेंस नहीं बनवा पाएगा.

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प्राची कुलकर्णी
पदनाम,बीबीसी मराठी के लिए