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पीएम मोदी ने अदानी मामले का बिना ज़िक्र किए आरोपों का इशारे में जवाब दिया, पीएम मोदी ने क्या कहा?

पीएम मोदी ने अदानी मामले और राहुल गांधी का बिना ज़िक्र किए मंगलवार को उनके द्वारा लगाए गए आरोपों का इशारे में जवाब दिया है.

उन्होंने कहा कि विपक्ष कभी कहता है कि भारत कमज़ोर हो गया है और कभी कहते हैं कि भारत इतना मज़बूत हो गया है कि दूसरे देशों पर दबाव डालकर फ़ैसले करवा रहा है.

इससे पहले राहुल गांधी ने मंगलवार को श्रीलंका के इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के चेयरमैन के संसदीय समिति के समक्ष दिए गए कथित गवाही का हवाला देते हुए आरोप लगाया था.

गांधी ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी के दबाव में महिंद्रा राजपक्षे सरकार ने अदानी समूह को श्रीलंका में ठेके दिलवाए.

इसी दौरान उन्होंने कहा कि मोदी का भरोसा अख़बार की सुर्ख़ियों से नहीं पैदा हुआ. टीवी पर चमकते चेहरे से नहीं पैदा हुआ. मैंने जीवन खपा दिया है, पल पल खपा दिया है, देश के उज्ज्वल के लिए.

उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरे विश्वास के कवच को विपक्ष गालियों से नहीं भेद सकता.

पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा- इन्होंने हर मौक़े को मुसीबत में बदला

पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए विपक्ष पर हताशा में अपनी सरकार पर हमले करने का आरोप लगाया है.

उन्होंने व्यंग्य कवि काका हाथरसी की एक पंक्ति ‘आगा पीछा देखकर क्यों होते ग़मगीन, जैसी जिसकी भावना वैसा दिखे सीन’ का हवाला देते हुए विपक्ष की मंशा पर सवाल उठाए.

विपक्ष की इस निराशा के दो कारण हैं. ये निराशा ऐसे ही नहीं आई, एक तो जनता का हुकुम और बार बार हुकुम.

दूसरा कारण जो सबसे बड़ा है वो है अंतर्मन में पड़ी चीज़.

पीएम मोदी ने इसे साफ़ करते हुए दावा किया कि 2004 से 2014 के बीच यूपीए की सरकार के दौरान भारत की हालत ख़स्ताहाल हो गई.

हर मौक़े को मुसीबत में बदला

इन्होंने हर मौक़े को मुसीबत में बदल दिया. ऐसे में निराशा नहीं होगी तो क्या होगी?

इनके शासन में महंगाई डबल डिजिट में रही. ऐसे में मौजूदा सरकार में कुछ अच्छा होता है तो इन्हें निराशा नहीं होगी तो क्या होगी?

जिन्होंने बेरोज़गारी दूर करने के वादे किए थे, वो उन्हें क़ानून बनाने का दिखावा करने लगे.

अपनी बात को साफ़ करने के लिए पीएम मोदी ने एक कहानी सुनाई.

उन्होंंने कहा- एक बार की बात है एक जंगल में दो नौजवान शिकार करने गए. वो गाड़ी में अपनी बंदूक रखकर घूमने लगे. सोचा थोड़ा आराम कर लें. लेकिन इतने में बाघ वहां आ गया. लेकिन वे अब करें भी क्या बंदूक तो गाड़ी में था, तो उन्होंने उस बाघ को अपनी बंदूक का लाइसेंस दिखाया. यही उनका हाल है.

यूपीए के 10 साल घोटाले के साल

उन्होंने आरोप लगाया, “यूपीए के 10 साल घोटालों के साल रहे.

उस दौरान कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा.

उस समय ख़बरें चलती थीं कि अनजानी चीज़ों से दूर रहना. पूरे देश में हिंसा होती रही. उस 10 साल में भारत की आवाज़ इतनी कमज़ोर थी कि दुनिया सुनने को तैयार नहीं थी.

इनकी निराशा का कारण ये भी है कि आज जब देश की क्षमता का परिचय मिल रहा है. 140 करोड़ लोगों का सामर्थ्य सामने आ रहा है लेकिन इन्होंने उस क्षमता को गंवाया.”

पीएम मोदी ने आरोप लगाया कि जब टेक्नोलॉजी की क्षमता का इस्तेमाल करना था, तो यूपीए सरकार 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में फंसे रहे.

जब कॉमनवेल्थ खेल हुए, तब भी मौक़े को भुनाने के बजाय ये कॉमनवेल्थ घोटाले में फंसे रहे.

पीएम मोदी ने संसद मे बिना नाम लिए राहुल गांधी पर कसा तंज़

क्या कहा पीएम मोदी ने?

सबसे पहले उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का धन्यवाद दिया. उन्होंने चर्चा में शामिल सभी सदस्यों का आभार जताया.

मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद करता हूं और यह मेरा सौभाग्य रहा है कि पहले भी कई बार उनके अभिभाषण पर धन्यवाद करने का अवसर मिला है, लेकिन इस बार धन्यवाद के साथ उनका अभिनंदन भी करना चाहता हूं.

गणतंत्र के मुखिया के रूप में उनकी उपस्थिति ऐतिहासिक तो है ही, देश की कोटि-कोटि बेटियों के लिए यह बहुत बड़ा प्रेरणा का अवसर भी है.

यहां चर्चा में हर किसी ने अपने अपने आंकड़े और तर्क दिए. अपनी रुचि, प्रवृति और प्रकृति के अनुसार अपनी बातें रखी और जब इन बातों को समझने का प्रयास करते हैं, तो यह भी ध्यान में आता है कि किसकी कितनी क्षमता, योग्यता और इरादा है. देश इन सभी का मूल्यांकन करता है.

राष्ट्रपति का अपमान करने का आरोप

उन्होंने आरोप लगाया कि एक बड़े नेता ने माननीया राष्ट्रपति महोदया का अपमान भी किया. उन्होंने जनजातीय समाज का अपमान करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि उनके अंदर नफ़रत का जो भाव था, वो सामने आ गया.

उन्होंने कहा, “जब राष्ट्रपति का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी भी काट गए और एक बड़े नेता राष्ट्रपति का अपमान भी कर चुके हैं. जनजातीय समुदाय के प्रति नफ़रत और उनके प्रति उनकी सोच क्या है, ये भी दिखाई दी. जब टीवी पर इस प्रकार की बातें कही गई तो अंदर पड़ा नफ़रत का भाव बाहर आ गया.”

पीएम मोदी ने कहा कि नेताओं के भाषणों को सुनने के बाद ऐसा लगा कि किसी को भी राष्ट्रपति महोदया के अभिभाषण पर कोई ऐतराज नहीं है.

उन्होंने कहा कि मुझे ख़ुशी है कि किसी ने भी उनके अभिभाषण का विरोध नहीं किया. इससे बड़ी गौरव की बात क्या होगी.

राहुल गांधी पर कसा तंज़

उन्होंने कहा कि एक नेता के संबोधन के बाद पूरा इकोसिस्टम उछल रहा था और कुछ लोग तो कह रहे थे कि ये हुई न बात

पीएम मोदी ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन पर तंज़ कसते हुए कहा, ”शायद नींद बहुत अच्छी आई होगी, शायद उठ भी नहीं पाए होंगे. ऐसे लोगों के लिए ही कहा गया है- ये कह कह कर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं वो अब आ रहे हैं.”

कोरोना से निपटने के लिए थपथपाई अपनी सरकार की पीठ

100 साल में आई हुई यह भयंकर महामारी, दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति, बंटा हुआ विश्व…इस स्थिति में भी, संकट के माहौल में, देश जिस प्रकार से संभला है, इससे पूरा देश आत्मविश्वास और गौरव से भर रहा है.