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काश! मेरे भी पापा होते….
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय =========== यश पैर पटकता हुआ रूम से निकला और अपने पापा की कार में पिछली सीट पर जाकर बैठ गया. दीपक और उनकी पत्नी उदास से कार में बैठे थे… क्योंकि यश की प्रतिक्रिया देखकर जाने का मन नहीं था, पर बचपन के दोस्त शेखर ने अपने बर्थडे पर सपरिवार बुलाया था. […]
ख़ूब है इश्क़ का ये पहलू भी,,,मैं भी बर्बाद हो गया तू भी….
Mohd Iftakhar =============== अमेरिका के एक गणितज्ञ थे,उनकी बीवी ने तलाक़ देते हुए कहा था कि ये आदमी बुरे नहीं है लेकिन सुबह शाम दिन रात अपनी ही दुनिया में खोये रहते हैं,डिनर टेबल हो या बेडरूम,हर जगह अपना दिमाग़ जाने किस कैल्क्युलेशन में लगाये रहते हैं,तमाम अच्छाईयों के बीच इसी एक कमी के कारण […]
“दुःख की कविता में जो ‘वाह’ कहता है, उसे कविता की समझ हो सकती है- दुःख की नहीं”
Baabusha Kohli Writer Lives in Jabalpur, Madhya Pradesh ============== ट्रेन आने में केवल तीन मिनट बचे थे, जब कल शाम हम रेलवे स्टेशन पहुँचे। सेनोरिटा को लग रहा था कि ट्रेन छूट जाएगी। चुपचाप दिमाग़ में प्लान- बी एक्टिवेट कर लिया था, मगर ट्रेन मिल गई। कोहरे से ढँकी सड़क पर रोड ट्रिप करने की […]