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पिछले 15 दिनों से उत्तरकाशी की जिस सुरंग में 41 मज़दूरों के फंसे हैं, यह सुरंग बनाने में अदानी समूह का हाथ है? जानिये!

पिछले 15 दिनों से उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में 41 मज़दूरों के फंसे होने के बीच किए जा रहे उन दावों का अदानी समूह ने खंडन किया है कि यह सुरंग बनाने में उनके समूह का हाथ है.

अदानी समूह ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर किए एक पोस्ट में लिखा, ”हमारे नोटिस में आया कि कुछ तत्व उत्तराखंड में टनल के दुर्भाग्यपूर्ण धंसाव से हमारे संबंध जोड़ने की गंदी कोशिश कर रहे हैं. हम ऐसी कोशिशों और ऐसा करने वालों की कड़ी निंदा करते हैं.”

अदानी समूह के अनुसार, ”हम बहुत ज़ोर देकर साफ़ करते हैं कि अदानी समूह या इसकी किसी भी सहयोगी संस्था का टनल निर्माण के साथ सीधा या परोक्ष कोई भी संबंध नहीं है.”

समूह ने यह भी साफ़ किया है कि यह टनल बनाने वाली कंपनी में उसका कोई शेयर नहीं है. यह सुरंग नवयुगा इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड बना रही है.

समूह ने कहा है कि सुरंग में फंसे मज़दूरों और उनके परिजनों के साथ उसकी संवेदनाएं और दुआएं हैं.

 

 

उत्तरकाशी सुरंग में अभी भी फंसा है ऑगर मशीन का हेड, अब आगे क्या करेगी बचाव टीम

फंसे मज़दूरों को निकालने के दौरान सिलक्यारा सुरंग में फंसी ऑगर मशीन के ब्लेड तो सोमवार तड़के काटकर निकाल लिए गए, लेकिन इस मशीन का हेड अभी भी सुरंग में फंसा हुआ है.

सोमवार दोपहर को हुए एक संवाददाता सम्मेलन में उत्तराखंड सरकार के सचिव और इस ऑपरेशन के नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने यह जानकारी दी है.

उन्होंने बताया, ”मशीन का जो हेड होता है, वो अभी भी अंदर फंसा हुआ है. उसके लिए पाइप को भी एक मीटर काटा गया है और अभी 0.9 मीटर और काटना पड़ेगा. ऐसा करने के बाद पुश करने की कोशिश की जाएगी, ताकि हेड तक पहुंचा जा सके.”

नीरज खैरवाल ने कहा, ”उसके बाद हेड के चारों ओर के लोहे के सरिए को काटा जाएगा. हेड निकालने के बाद लोहे के सरिए और पाइप को काट काट कर आगे बढ़ा जाएगा. उसके बाद जैसे हालात होंगे उसके अनुसार विकल्पों को आज़माया जाएगा.”

ऑगर मशीन सुरंग की क्षैतिज ड्रिलिंग के दौरान फंसी थी. हालांकि सुरंग की वर्टिकल ड्रिलिंग भी रविवार से शुरू हो गई है.

खैरवाल के साथ संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव महमूद अहमद और एसडीआरएफ के डीजी भी मौजूद थे.