सेहत

पिछले 15 दिनों में कोरोना की रफ़्तार ने डर बढ़ा दिया है, पिछले वैरिएंट्स की तुलना में सब-वैरिएंट XBB.1.16 के लक्षण कितने अलग हैं जानिये!

देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में पिछले कुछ दिनों से तेज उछाल देखा जा रहा है। संक्रमण के दैनिक मामले छह माह का रिकॉर्ड तोड़ते हुए एक दिन तीन हजार से अधिक रिपोर्ट किए गए। पिछले 24 घंटे में 3095 लोगों में संक्रमण की पुष्टि की गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि देश में ज्यादातर कोरोना के मामलों के लिए ओमिक्रॉन के सब-वैरिएंट XBB.1.16 ही प्रमुख कारण है। इसकी संक्रामकता दर कोरोना के अन्य वैरिएंट्स की तुलना में अधिक है, हालांकि संक्रमितों में गंभीर रोग के मामले कम देखे जा रहे हैं। जिस तरह से पिछले 15 दिनों में कोरोना की रफ्तार है उसने लोगों के मन में डर बढ़ा दिया है।

क्या कोरोना का यह वैरिएंट एक नई लहर की तरफ संकेत है? पिछले वैरिएंट्स की तुलना में इसके लक्षण कितने अलग हैं और वैक्सीनेटेड लोगों पर इसका किस प्रकार का असर हो रहा? आइए इस बारे में आगे समझते हैं।

वैक्सीनेटेड लोगों में भी संक्रमण का खतरा

XBB.1.16 सब-वैरिएंट को पहली बार इस साल फरवरी में पुणे में पाया गया था। प्रारंभिक शोध में पाया गया है कि इस वैरिएंट में कुछ ऐसे म्यूटेशन हैं जो न सिर्फ इसकी संक्रामकता दर को बढ़ाते हैं साथ ही इसे प्रतिरक्षा प्रणाली को चकमा देकर आसानी से लोगों को संक्रमित करने के भी योग्य बनाते हैं।

वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ रहे एक्सबीबी वैरिएंट्स के अलग-अलग रूपों को ओमिक्रॉन के दो सब-वैरिएंट्स का एक संकर रूप माना जा रहा है। सभी ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट में पूर्व के संक्रमण और टीकाकरण से बनी प्रतिरक्षा को चकमा देने की क्षमता देखी जा रही है।

बूस्टर डोज वाले भी हो सकते हैं संक्रमित

वैक्सीनेटेड लोगों में कोरोना के नए वैरिएंट्स का क्या असर हो रहा है इसे समझने के लिए विशेषज्ञों की टीम ने अध्ययन किया। XBB.1.16 से संक्रमित 42 कोविड रोगियों का विश्लेषण करने पर पाया गया कि इनमें से 11 लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज लग चुकी थी। विशेषज्ञों ने पाया कि ओमिक्रॉन के वैरिएंट्स बूस्टर डोज से भी बनी प्रतिरक्षा को चकमा दे सकते हैं, हालांकि ऐसे लोगों में गंभीर रोग विकसित होने का खतरा कम होता है। रोगियों में लक्षण भी पिछले वैरिएंट्स के संक्रमण की ही तरह देखे जा रहे हैं।

संक्रमण के लक्षण कितने अलग?

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अध्ययन में ऐसे संकेत नहीं मिले हैं कि XBB.1.16 गंभीर बीमारी का कारण बनता है। 42 प्रतिभागियों में से 39 मरीजों में स्पष्ट लक्षण देखे गए थे। तीन में एसिम्टोमैटिक लक्षण थे। 39 में से 27 मरीज घर पर ही ठीक हो गए, जबकि 12 को अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ी।

डॉक्टर्स बताते हैं, पिछले वैरिएंट्स से इसके लक्षण अलग नहीं हैं। इस वैरिएंट के कारण भी रोगियों में तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, ठंड लगने और पेट की समस्याएं हो सकती हैं। गंध या स्वाद की समस्या इस बार नहीं देखी गई है।

क्या है विशेषज्ञों की सलाह?

स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, परीक्षण में भले ही रोगियों की संख्या कम है, पर सैंपल में वायरल लोड में स्पाइक दिख रहे हैं, यह एक निश्चित संकेतक है कि नए वैरिएंट्स के कारण कोविड-19 के मामले वास्तव में बढ़ रहे हैं। राहत की बात यही है कि ज्यादातर लोगों में लक्षण हल्के स्तर के ही हैं। कोरोना से बचाव करते रहना सभी के लिए आवश्यक है। कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर आपको संक्रमण से सुरक्षित रहने में मदद करेंगे।

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