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इस अभाव और ग़रीबी से निकलना है, तो शिक्षा की मशाल जलानी होगी, अन्यथा यहीं छटपटाते हुए जीवन व्यर्थ हो जाएगा
Madhu Singh ==================== “मम्मीजी, आप ज़रा चाचाजी को कुर्सी पर बैठने को कहिए, देखिए तो, लॉन में कैसे बैठे हैं.” बहू सुप्रिया के कहने पर मालती ने लॉन की ओर देखा काका भैरोमल आराम से घुटने तक धोती खिसकाए मूंगफली टूंगते हुए धीरे-धीरे तेल से घुटने की मालिश कर रहे थे. वो कुछ कहती उससे […]
*बहू मैं अपने बेटे से भरण-पोषण मांगने का हक़ रखती हूं*
DIl ki awaaz /दिल की आवाज ==================== *बहू मैं अपने बेटे से भरण पोषण मांगने का हक रखती हूं * नेहा अंदर कमरे में तैयार हो रही थी और विनीत उसका बाहर इंतजार कर रहा था। घड़ी की तरफ देखते हुए उसने नेहा को आवाज लगाई, “अरे मैडम, और कितनी देर लगेगी? पार्टी खत्म हो […]
चलो लड़कियों बखेड़ा खड़ा करते हैं
Surendra Kalyana Nokha ============ चलो लड़कियों बखेड़ा खड़ा करते हैं नौ रात्री शुरू होने वाली थी। मंदिर के सजावट और व्रत का सामान लेना था। प्रिया और उसकी दोनो नंदे बाजार की ओर निकल पड़ीं। बाजार में भीड़ के साथ साथ बड़ी रौनक भी थी और शोर भी। पूरा मार्केट सजा हुआ था। ननद भाभियां […]