दुनिया

पाकिस्तान : 32 ज़िलों की पुलिस लाहौर में जमा, इमरान ख़ान ने कहा, “पुलिस मुझे जेल में डालने के लिए आ गई है : रिपोर्ट

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को गिरफ़्तार करने लाहौर में उनके घर गई पुलिस और इमरान ख़ान की पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसक झड़प हुई है. मौके पर मौजूद बीबीसी संवाददाता के मुताबिक डीआईजी इस्लामाबाद समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए हैं.

मौके पर मौजूद संवाददाता तरहब असग़र के मुताबिक पुलिस ने कार्यकर्ताओं की तरफ़ से पत्थरबाज़ी के बाद आंसू गैस के गोले भी छोड़े हैं. झड़प में पार्टी के कई कार्यकर्ता भी घायल हुए हैं. मौके पर एंबुलेंस भी मौजूद हैं.

अभी माहौल तनावपूर्ण है और पुलिस इमरान ख़ान को गिरफ़्तार करने की कोशिश कर रही है. पुलिस इमरान ख़ान के घर की गली में दाख़िल होने में कामयाब हुई है. अब से पहले पुलिस इमरान ख़ान के घर के इतना क़रीब नहीं पहुंच सकी थी.

इसी बीच इमरान ख़ान ने सोशल मीडिया पर अपना बयान जारी किया है.

उन्होंने कहा, “पुलिस मुझे जेल में डालने के लिए आ गई है, उनका ये ख़्याल है कि जब इमरान ख़ान जेल में चला जाएगा तो क़ौम सो जाएगी. आपने इनको ग़लत साबित करना है. आपने साबित करना है कि आप ज़िंदा क़ौम है, ये मोहम्मद मुस्तफ़ा की उम्मत है, ये ला इलाहा इलल्लाह के नारे पर बनने वाली क़ौम है.”

“आपने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना है और बाहर निकलना है. इमरान ख़ान को अल्लाह ने सबकुछ दिया है, मैं आपकी जंग लड़ रहा हूं, मैंने सारी ज़िंदगी जंग लड़ी है और आगे भी लड़ता रहूंगा.”

“लेकिन अगर मुझे कुछ होता है, ये जेल में मुझे मार देते हैं, तो आपको ये साबित करना है कि इमरान ख़ान के बिना भी ये क़ौम संघर्ष करेगी और ये बदतरीन ग़ुलामी इन चोरों की, ये जो एक आदमी फ़ैसले कर रहा है, इसे क़बूल नहीं करेगी.”

इमरान ख़ान की अपील रद्द
तोशाखाना मामले में इमरान खान की गिरफ्तारी वारंट को रद्द करने की इस्लामाबाद हाईकोर्ट में पीटीआई की याचिका पर अब सुनवाई कल यानी बुधवार को होगी.

हाई कोर्ट के चीफ़ जस्टिस आमिर फारूक ने इमरान ख़ान के वकीलों की उस दलील को सुनने से इंकार कर दिया जिसमें गिरफ़्तारी वारंट को रद्द करने की मांग की थी.

इमरान खान के वकील अली बुखारी ने कहा कि अब अर्जी बुधवार को सुनवाई होगी.

शुमाइला जाफ़री, बीबीसी संवाददाता इस्लामाबाद से

इमरान ख़ान के समर्थक उनकी सुरक्षा के लिए कई सप्ताह से उनके घर के बाहर ही कैंप कर रहे हैं. वहीं पीटीआई ने अपने कार्यकर्ताओं से ज़मान पार्क पहुंचने का आह्वान करते हुए कहा था कि पुलिस वहां पहुंच गई है और इमरान ख़ान को ज़हर दिए जाने या पुलिस हिरासत में मार दिए जाने का ख़तरा है.

इमरान को गिरफ़्तार करने गए पुलिसकर्मियों का उनके समर्थकों के साथ टकराव भी हुआ. पुलिस धीरे-धीरे इमरान के घर की तरफ़ बढ़ रही थी और कार्यकर्ता पत्थरबाज़ी करके उसे रोकने की कोशिश कर रहे थे. पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए आंसू गैस के गोलों और पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया. आंसू गैस के गोले इमरान ख़ान के घर के लॉन में भी गिरे हैं.

इमरान ख़ान ने भी एक वीडियो संदेश जारी करके अपने समर्थकों से बाहर निकलने के लिए कहा है. एक वारंट तोशख़ाना मामले में है जिसमें इमरान पर विदेशों से मिले तोहफ़ों को बेचने के आरोप हैं. दूसरा एक महिला जज को धमकी देने से जुड़ा है. सोमवार को ही एक अलग मामले में इमरान के ख़िलाफ़ जारी गिरफ़्तारी वारंट को 16 मार्च तक निलंबित कर दिया गया था.

गिरफ़्तारी वारंट रद्द करने के लिए इस्लामाबाद हाई कोर्ट में डाली गई इमरान ख़ान की अर्ज़ी कल सुनवाई होगी.

इमरान ख़ान की राजनीतिक प्रतिद्विंदी और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की बेटी मरियम नवाज़ ने कहा है कि अगर कोई पुलिसकर्मी हिंसा में घायल होता है तो उसके लिए इमरान ख़ान को ज़िम्मेदार ठहराया जाए. पुलिस ने कुछ सप्ताह पहले भी इसी मामले में इमरान ख़ान को गिरफ़्तार करने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस को बताया गया था कि इमरान ख़ान घर पर नहीं है.

इमरान ख़ान नवंबर 2022 से लाहौर के ज़मान पार्क इलाक़े में रह रहे हैं.वज़ीराबाद में एक रैली के दौरान इमरान ख़ान पर हमला हुआ था, उसके बाद से ही वो ज़मान पार्क में रह रहे हैं. इमरान ख़ान का कहना है कि वो अभी भी गोली के घावों से उबर रहे हैं.

क्या है मामला?
इस्लामाबाद की एक अदालत ने तोशाख़ाना केस में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किए थे, जिन्हें लेकर राजधानी इस्लामाबाद और लाहौर की पुलिस की टीमें लाहौर में इमरान ख़ान के घर ज़मान पार्क के बाहर मौजूद हैं.

पीटीआई ने एक बयान जारी करके कहा है कि इमरान ख़ान को किसी मामले में दोषी नहीं करार दिया गया है और अदालत में पेश ना होने के कारण उन्हें गिरफ़्तार करने की कोशिश की जा रही है.

इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ 80 से अधिक मामले दर्ज हैं जिनमें से चार मामलों में अदालत में हाल ही में पेश हुए हैं.

इमरान ख़ान लाहौर के ज़मान पार्क इलाक़े में रहते हैं. पुलिस टीम की मौजूदगी के अलावा वहां बड़ी तादाद में तहरीक ए इंसाफ़ पार्टी के कार्यकर्ता भी हैं.

पाकिस्तान के स्थानीय मीडिया के मुताबिक पुलिस की टीमें ज़मान पार्क के चारों तरफ़ मौजूद हैं.

बीबीसी संवाददाता तरहब असग़र के मुताबिक़ पीटीआई के नेता हुसैन नियाज़ी और डीआईजी इस्लामाबाद शहज़ाद नदीम के बीच बातचीत भी हुई है.

डीआईजी इस्लामाबाद ने पीटीआई नेता को अदालत के आदेश के बारे में बताया है.

डीआईजी शहज़ाद नदीम ने बताया है कि, “अदालत ने ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किए हैं. हम अदालत के आदेश का पालन कराने के लिए आए हैं.”

गिरफ़्तारी वारंट को हाई कोर्ट में चुनौती

इमरान ख़ान की पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री फ़वाद चौधरी ने बताया है कि इमरान ख़ान के ख़िलाफ़ जारी गिरफ़्तारी वारंट को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है.

फ़वाद चौधरी ने एक ट्वीट करके बताया है, “तोशाख़ाना मामला में इमरान ख़ान के गिरफ़्तारी वारंट को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दे दी गई है. कुछ देर बाद इस पर सुनवाई होगी. सिबली फ़राज़ और बैरिस्टर गौहर इस्लामाबाद हाईकोर्ट पहुंच गए हैं.”

वहीं पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा है कि इमरान ख़ान को अदालत से गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ सुरक्षा हासिल है और उन्हें गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता है.

शाह महमूद क़ुरैशई ने ज़मान पार्क के बाहर मीडिया से कहा है कि “मैं समझना चाहता हूं कि इस ज़मानत के बावजूद क्या क़यामत टूट पड़ी है कि आज ही गिरफ़्तार करना ज़रूरी है.”

उन्होंने कहा, “हम समझना चाहते हैं कि उनका एजेंडा क्या है, वो यहां लाशें गिराने आए हैं? या चुनाव रुकवाना चाहते हैं? या मीनार-ए-पाकिस्तान पर हुई रैली से डरे हुए हैं?”

क़ुरैशी ने कहा कि मैं पार्टी का वाइस चेयरमैन हूं, आएं और मुझसे बात करें.

क़ुरैशी ने कहा कि हमारी क़ानूनी टीम का कहना है कि जिसे गिरफ़्तारी पर ज़मानत हासिल हो उसे गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता है. अगर उनकी समझ इससे अलग है तो हमें समझाएं.

क़ुरैशी ने कहा, “हम खुले ज़ेहन से सुनने के लिए तैयार हैं. हम यहां लाशें नहीं गिरवाना चाहते हैं. इस आधार पर चुनावों को टलवाना नहीं चाहते.”

उन्होंने ये भी कहा कि उनकी पार्टी के लोग क़ानून को हाथ में नहीं लेना चाहते हैं.

वहीं हुसैन नियाज़ी ने उनसे कहा है कि, “इमरान ख़ान अपने घर पर मौजूद नहीं हैं. बहुत से कार्यकर्ता ज़मान पार्क में मौजूद हैं. कोई ज़बरदस्ती की गई तो हिंसा का ख़तरा है.”

हुसैन नियाज़ी की ने कहा है, “हम ने इस वारंट के ख़िलाफ़ अदालत से संपर्क किया है. हमें वक़्त दें, हम पेश हो जाएंगे.”

वहीं लाहौर प्रशासन ने इमरान ख़ान के घर की तरफ़ जाने वाले रास्ते कैंटर खड़े करके बंद कर दिए हैं. ज़मान पार्क की तरफ़ जाने वाले सभी रास्तों पर पुलिस मौजूद हैं.

बख़्तरबंद गाड़ियां भी ज़मान पार्क इलाक़े में तैनात की गई हैं.

रिपोर्टों के मुताबिक इमरान ख़ान के समर्थकों ने पत्थरबाज़ी भी की है.

प्रदर्शनकारी पुलिस को इमरान ख़ान के घर तक पहुंचने से रोक रहे हैं.

इमरान ख़ान के समर्थकों ने हाथों में डंडे भी ले रखे हैं.

क्या है तोशाखाना मामला?

तोशाखाना एक सरकारी विभाग होता है. यहां प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे बड़े अधिकारियों को किसी यात्रा के दौरान मिलने वाले क़ीमती तोहफों को रखा जाता है.किसी भी विदेश यात्रा के समय, विदेश मंत्रालय के अधिकारी इन तोहफ़ों का रिकॉर्ड रखते हैं और वतन वापसी पर उन्हें तोशाखाना में जमा कर दिया जाता है.तोशाखाना में रखी गई चीज़ों को स्मृति चिन्ह की तरह देखा जाता है. यहां रखी हुई चीज़ों को कैबिनेट की मंज़ूरी के बाद ही बेचा जा सकता है.पाकिस्तान में अगर मिलने वाले उपहार की क़ीमत 30 हज़ार रुपये से कम है तो उसे व्यक्ति मुफ़्त में अपने पास रख सकता है.वहीं अगर गिफ़्ट की क़ीमत 30 हजार रुपये से ज़्यादा है तो उस क़ीमत का 50 प्रतिशत जमा करके उसे ख़रीदा जा सकता है. साल 2020 से पहले सामान की असल क़ीमत का सिर्फ़ 20 प्रतिशत ही जमा करना पड़ता था.इन तोहफों में आमतौर पर महंगी घड़ियां, सोना और हीरे के गहने, क़ीमती सजावट का सामान, स्मृति चिन्ह, हीरा जड़ी कलम, क्रॉकरी और कालीन शामिल होते हैं.