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पाकिस्तान में सड़कों पर जंग, इमरान ख़ान की पार्टी का विरोध-प्रदर्शन जारी, खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर का अपहरण : वीडियो

 

पाकिस्तान में सियासी उठापटक तेज हो गई है। खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने पिछले महीने एक बड़े राजनीतिक आंदोलन की घोषणा की थी। उनका कहना था कि अब हालात ऐसे हो गए हैं कि बिना इस आंदोलन के देश में कोई सुधार संभव नहीं है। हालांकि, हाल ही में वह रहस्यमय तरीके से गायब हो गए। इसके बावजूद जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पीटीआई पार्टी ने सरकार के खिलाफ अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखने का फैसला लिया। ऐसे में, राजधानी में रविवार को लगातार दूसरे दिन हालात तनावपूर्ण रहे।

इस्लामाबाद के रावलपिंडी में तीसरे दिन भी मोबाइल फोन सेवाएं बंद
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रावलपिंडी और इस्लामाबाद में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रदर्शन के बीच जारी अशांति के बीच मोबाइल फोन सेवाएं रविवार को तीसरे दिन भी निलंबित रहीं। पंजाब पुलिस के अधिकारी पूरे शहर में विभिन्न स्थानों पर तैनात हैं।

पार्टी की बैठक में यह बड़े फैसले लिए
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने रात भर चली बैठक में फैसला किया कि प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक इमरान खान इसे खत्म करने के लिए नहीं कहते। पीटीआई की राजनीतिक समिति ने यह भी फैसला किया कि अगर गंडापुर को गिरफ्तार किया जाता है, तो पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम स्वाति विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगर स्वाति को गिरफ्तार किया जाता है तो कमान संभालने के लिए एक नए नेता को चुना जाएगा।

एक साल से बंद पीटीआई संस्थापक
गौरतलब है, पीटीआई के संस्थापक इमरान खान एक साल से अधिक समय से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। रैली का मकसद खान की रिहाई, न्यायपालिका की स्वतंत्रता और बढ़ती महंगाई का विरोध करना है।

नतीजे गंभीर होने की धमकी
राजनीतिक समिति ने प्रदर्शनकारी नेता गंडापुर के लापता होने की भी आलोचना की। समिति ने चेतावनी दी कि अगर उन्हें गिरफ्तार किया गया तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। नेशनल असेंबली के पूर्व स्पीकर और पीटीआई के वरिष्ठ नेता असद कैसर ने बताया कि पीटीआई की राजनीतिक समिति ने तब तक प्रदर्शन जारी रखने का फैसला किया है जब तक कि खान से प्रदर्शन खत्म करने का स्पष्ट निर्देश नहीं मिल जाता।

‘जयशंकर को विरोध-प्रदर्शन के लिए आमंत्रित नहीं किया गया’: पीटीआई
जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को अपने प्रदर्शन में शामिल होने के पार्टी के एक नेता के निमंत्रण से दूरी बना ली है। पार्टी का कहना है कि उसके राजनीतिक संघर्ष में किसी विदेशी देश की कोई भूमिका नहीं है।

पार्टी के अध्यक्ष बैरिस्टर गौहर अली खान ने शनिवार को कहा कि खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) द्वारा शासित खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार मोहम्मद अली सैफ की टिप्पणियों से खुद को अलग करते हैं। बता दें, सैफ ने कहा था कि पार्टी यहां अपने विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए जयशंकर को आमंत्रित करने की योजना बना रही है।

सैफ ने शनिवार को एक सवाल के जवाब में मजाकिया लहजे में कहा था, ‘पीटीआई भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर को आमंत्रित करेगी कि वह पीटीआई के प्रदर्शन में शामिल हों और हमारे लोगों से बात करें। साथ ही देखें कि पाकिस्तान एक मजबूत लोकतंत्र है जहां हर किसी को विरोध करने का अधिकार है।’

इस पर बैरिस्टर गौहर खान ने कहा कि भारत के बारे में पाकिस्तान की 70 साल पुरानी नीति ही पीटीआई पार्टी की रीढ़ है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन हमारा संवैधानिक अधिकार है। भारत समेत किसी भी विदेशी गणमान्य व्यक्ति को पीटीआई को प्रदर्शन में शामिल होने का न्योता नहीं दिया गया है। किसी भी विदेशी गणमान्य व्यक्ति को हमारे आंतरिक मामलों पर कोई टिप्पणी करने की अनुमति नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘पीटीआई के राजनीतिक संघर्ष में भारत समेत किसी भी देश की कोई भूमिका नहीं है। पार्टी का संघर्ष एक आंतरिक मुद्दा था, जिसमें जयशंकर की कोई भागीदारी नहीं थी और कहा कि सैफ के बयान ने गलत धारणा बनाई कि पार्टी ने भारतीय मंत्री को पार्टी के चल रहे विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।’


PTI Canada Official
@PTIOfficialCA
The military backed regime has used propaganda as a tool to accuse PTI of many absurd things. This attempt to influence and control the media to propagate against PTI and Imran Khan has backfired. Pushing Government Narrative and by repeating talking points or framing issues in a way that aligns with the state’s agenda, has also backfired. Pakistanis brought a soft revolution on Feb 8 rejecting the government sponsored agenda.

In Pakistan, media freedom is compromised, an elected CM of KP has been missing and the state has produced fake individuals and videos to cover their own gross crimes of illegal abductions and disappearances. Below is a video proof of their propaganda that stands exposed.