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पाकिस्तान में जंग जैसा माहौल, इमरान ख़ान की पार्टी को बैन करने की तैय्यारी, इमरान ख़ान को हमेशा के लिए राजनीती से बाहर करने का प्लान बना : रिपोर्ट

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को कल गिरफ्तार किया गया था, आज सुबह उनके मामले की सुनवाई अदालत में हुई जिसमे अदालत ने उनकी गिरफ्तारी को सही ठहराया है, इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद से ही पुरे पाकिस्तान में जंग जैसा माहोल है, जगह-जगह पर प्रदर्शन हो रहे हैं, जनता के निशाने पर सिर्फ वहां की सेना है, जनता ने सेना के कई मुख्यालय को निशाना बनाया, सेना के अधिकारीयों के घरों में तोड़फोड़ की गयी है, इस बीच सेना और पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलायीं जिनमे कम से कम व्यक्ति की मौत की खबर है जबकि सैंकड़ों ज़ख़्मी हुए हैं, हिरासत में इमरान खान के साथ भी मारपीट की खबरें मिली हैं

इमरान खान की पार्टी पर पाबन्दी लगाने की पूरी तैयारी कर ली है जिसके बाद उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ सकेगी, उधर इमरान खान के खिलाफ देशद्रोह का मुकद्म्मा लिखा जायेगा, ताकि उनकी जेल से रिहाई संभव न हो सके, इस तरह से इमरान खान और उनकी पार्टी को पाकिस्तान की राजनीती से पूरी तरह बाहर कर दिया जायेगा

इमरान ख़ान को गिरफ्तार क्यों किया गया

जैसाकि आपको ज्ञात है कि कल पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को गिरफ्तार कर लिया गया।

रेंजर्स ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बाहर से इमरान खान को गिरफ्तार किया। इमरान की गिरफ्तारी अलकादिर ट्रस्ट केस में हुई है। उनकी गिरफ्तारी के बाद से पाकिस्तान में काफी बवाल मचा हुआ है और उनके समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं और बहुत सी जगहों पर तोड़फोड़ और आगज़नी की घटनायें हुई हैं।

अल कादिर यूनिवर्सिटी ट्रस्ट के नाम पर सैकड़ों नहरों की भूमि के कथित लाभ के लिए एक जांच शुरू की थी जिससे कथित तौर पर राष्ट्रीय खजाने को 190 मिलियन पाउंड का नुकसान हुआ था।

स्वतंत्र भ्रष्टाचार विरोधी संगठन एनएबी के निर्देश पर पूर्व प्रधानमंत्री को मंगलवार को रेंजर्स ने अल-कादिर ट्रस्ट मामले में हिरासत में लिया था। उसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए रावलपिंडी के गैरीसन शहर के मुख्यालय ले जाया गया।

इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि हिरासत वैध थी और इसके बारे में उसने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया। इमरान खान की पार्टी के नेता शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया कि इमरान से किसी को मिलने नहीं दिया जा रहा है। कल गिरफ्तारी के वक्त इमरान खान के सिर पर चोट लगी थी। इमरान की टांग पर डंडे मारे गए थे, उन्हें टॉर्चर किया जा रहा है।

सूचना के अनुसार पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में आगज़नी और लूटपाट की घटनायें जारी हैं। कई शहरों में रात में भी पीटीआई के कार्यकर्ता जगह- जगह प्रदर्शन करते रहे। इन प्रदर्शनों के दौरान हुई झड़पों में पीटीआई के चार कार्यकर्ताओं की मौत की भी सूचना है।

पाकिस्तान के राजनीतिक मामलों के एक विशेषज्ञ अहमद मंसूर ख़ान कहते हैं कि इस समय पाकिस्तान इस हालत में नहीं है कि वह नये राजनीतिक संकट का सामना कर सके। प्रतीत यह रहा है कि पाकिस्तान की दो महत्वपूर्ण पार्टियां यानी मुस्लिम लीग नवाज़ और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी अपनी सबसे बड़ी चुनावी प्रतिस्पर्धी पार्टी तहरीके इंसाफ को चुनावी मैदान से हटाना चाहती हैं क्योंकि इन दोनों पार्टियों को इमरान खान की अध्यक्षता वाली पार्टी से चुनाव हार जाने की आशंका बनी हुई है और इसी खतरे को दूर करने के लिए वे इमरान ख़ान को किसी न किसी मामले में फंसा देना चाहती हैं और उनके कार्यों का क्या परिणाम होगा इस पर वे ध्यान नहीं दे रही हैं जबकि वास्तवाकिता यह है कि इस समय पाकिस्तान को जिन समस्याओं व चुनौतियों का सामना है उनके समाधान के लिए राष्ट्रीय एकता व एकजुटता की ज़रूरत है।

इस बीच कुछ अन्य राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि तहरीके इंसाफ पार्टी पाकिस्तान की तीसरे सबसे बड़ी शक्तिशाली पार्टी है और सेना की मदद से इमरान ख़ान सत्ता में पहुंचे और इस देश का प्रधानमंत्री बने थे परंतु उन्होंने सेना और इस देश के वर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ के खिलाफ जो बयान दिये हैं उससे इस आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता कि उनकी गिरफ्तारी के पीछे सेना या प्रधानमंत्री का हाथ नहीं है और साथ ही यह बात भी पूरे विश्वास से नहीं कही जा सकती कि उनकी गिरफ्तारी के पीछे प्रधानमंत्री या सेना का हाथ है किन्तु प्रतीत यह हो रहा है कि इमरान खान की गिरफ्तारी पाकिस्तानी सेना के इशारे पर हुई है और इसका मूल लक्ष्य इमरान खान की छवि को खराब करना और सत्ता में उन्हें दोबारा पहुंचने से रोकना है।

इस मध्य कुछ अन्य राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर पाकिस्तान में जारी संकट का कोई तार्किक समाधान शीघ्र न किया गया तो वहां की राजनीतिक स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है और यह वह चीज़ होगी जो पाकिस्तान की किसी भी पार्टी के हित में नहीं होगी और वहां जारी अशांति की घटनाओं के दौरान आतंकवादियों को भी अपनी विनाशकारी कार्यवाहियों को अंजाम देने के लिए बेहतरीन अवसर मिल जायेगा और इन कार्यवाहियों को इमरान खान के समर्थकों के खाते में डाल दिया जायेगा।

सारांश यह कि पाकिस्तान के राजनीतिक संकट का शीघ्र और तार्किक समाधान न केवल पाकिस्तान बल्कि पड़ोसी देशों के भी हित में है।