अगला सेनाध्यक्ष कौन होगा, ये एक ऐसा सवाल है जिस पर आजकल पाकिस्तान में सियासी गलियारे से लेकर मीडिया तक में चर्चा सरगर्म है. कयास लगाने का एक अंतहीन दौर जारी है.
पाकिस्तान के मौजूदा सेनाध्यक्ष जनरल क़मर जावेद बाजवा, देश के आर्मी कमांडर के तौर पर अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करके रिटायर हो रहे हैं.
वो इस पद से 29 नवंबर को रुख़सत होंगे, अगर उन्हें और सेवा विस्तार नहीं मिला.
नए सेनाध्यक्ष की दौड़ में छह जनरलों का नाम शामिल है. उनकी सूची ये है-
लेफ़्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा
1- लेफ़्टिनेंट जनरल सैयद असीम मुनीर
लेफ़्टिनेंट जनरल असीम मुनीर पाकिस्तानी सेना में क्वार्टरमास्टर जनरल के तौर पर सेवा दे रहे हैं.
अगला चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़ बनने की दौड़ में शामिल जनरलों में वो सबसे वरिष्ठ हैं.
लेकिन लेफ़्टिनेंट जनरल का उनका चार साल का कार्यकाल जनरल बाजवा के रिटायरमेंट के दो दिन पहले ही 27 नवंबर को ख़त्म हो रहा है.
इसलिए तकनीकी आधार पर वो इस रेस से बाहर हो सकते हैं.
हालांकि अगर प्रधानमंत्री उन्हें अगला सेनाध्यक्ष बनाने का फैसला करते हैं तो उसी दिन वो जनरल के पद पर पदोन्नत हो जाएंगे और सेना में अगले तीन साल का कार्यकाल विस्तार पा जाएंगे.
ले. जनरल असीम पहले डीजी आईएसआई के तौर पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वो फ्रंटियर फ़ोर्स रेजिमेंट से आते हैं.
2- लेफ़्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्ज़ा
ले. जनरल साहिर शमशाद मौजूदा समय में रावलपिंडी के कॉर्प्स कमांडर के तौर पर तैनात हैं.
वो पहले चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ़ और जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस के डायरेक्टर के तौर पर भी तैनात रहे.
पाकिस्तानी सेना में ये दोनों पद बहुत पॉवरफ़ुल माने जाते हैं. वो पाकिस्तानी तालिबान और अन्य चरमपंथी ग्रुपों के ख़िलाफ़ कई सैन्य अभियानों की ज़िम्मेदारी भी निभा चुके हैं.
इसके अलावा वो उस क्वाड्रिलेटरल कोआर्डिनेशन ग्रुप में भी रहे हैं जिसने अफ़ग़ानिस्तान में समझौता कराया.
कुछ विश्लेषकों का कहना है कि इस पद की दौड़ में वो सबसे आगे हैं.
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लेफ्टिनेंट जनरल अज़हर अब्बास
3- लेफ्टिनेंट जनरल अज़हर अब्बास
लेफ़्टिनेंट जनरल अज़हर अब्बास बलोच रेजीमेंट से हैं.
वो एक थ्री स्टार जनरल हैं और वर्तमान में पाकिस्तानी सेना के 35वें चीफ़ आफ़ जनरल स्टाफ़ की ज़िम्मेदारी निभा रहे हैं.
उन्होंने 2021 में लेफ़्टिनेंट जनरल शमशाद की जगह ली.
सीजीएस के रूप में वो रावलपिंडी में जनरल हेडक्वार्टर को रिपोर्ट करते हैं.
उन पर ऑपरेशन और ख़ुफ़िया मामलों से संबंधित ज़िम्मेदारी है.
सेना में मौजूदा शीर्ष अधिकारियों में उन्हें भारतीय मामलों का काफ़ी अनुभवी माना जाता है.
अतीत में उन्होंने कश्मीर केंद्रित एक्स कॉर्प्स में काम भी किया है.
लेफ़्टिनेंट जनरल नौमान महमूद
4- लेफ़्टिनेंट जनरल नौमान महमूद
लेफ़्टिनेंट जनरल नौमान महमूद इस समय नेशनल डिफ़ेंस यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट हैं.
मेजर जनरल के रूप में वो उत्तरी वज़ीरिस्तान के मीरनशाह में जनरल ऑफ़िसर कमांडिंग (जीओसी) बने रहे.
ये इलाक़ा पाकिस्तान में चरमपंथ के ख़िलाफ़ युद्ध का मुख्य क्षेत्र रहा है.
ले. जनरल नौमान महमूद आईएसआई के डायरेक्टर जनरल (एनॉलिस्ट) और कॉर्प्स कमांडर पेशावर भी रहे हैं.
वो पाकिस्तानी सेना के बलोच रेजिमेंट से आते हैं और क्वेटा में स्थित कमांड एंड स्टाफ़ कॉलेज में चीफ़ इंस्ट्रक्टर के तौर पर उनका बहुत अनुभव है.
लेफ़्टिनेंट जनरल फ़ैज़ हमीद
5- लेफ़्टिनेंट जनरल फ़ैज़ हमीद
शीर्ष पद के दौड़ में शामिल सभी जनरलों में लेफ़्टिनेंट जनरल फ़ैज़ हमीद का चेहरा सबसे जाना पहचाना है.
ये पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की की देन है कि उन्हें पाकिस्तान में घर घर लोग जानते हैं.
लेफ़्टिनेंट जनरल फ़ैज़ को 2019 में डायरेक्टर जनरल काउंटर इंटेलिजेंस के तौर पर तैनात किया गया.
यहां उनकी ज़िम्मेदारी आंतरिक सुरक्षा और राजनीतिक मामले थे. बाद में उन्हें आईएसआई के प्रमुख पद पर प्रोन्नत कर दिया गया.
डीजी आईएसआई के रूप में उन्होंने कथित तौर पर विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे पारंपरिक मामलों के अलावा ख़ान सरकार के प्रशानिक मामलों में भी मदद की थी.
वो आलोचनाओं के निशाने पर भी आए, जब जनरल बाजवा ने पिछले साल उनकी पोस्टिंग कॉर्प्स कमांडर पेशावर करने का सुझाव दिया था और उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को इस नियुक्ति पर मुहर लगानी थी, लेकिन इस मुद्दे पर जनरल बाजवा से उनका मनमुटाव हो गया.
इमरान ख़ान लेफ़्टिनेंट जनरल फ़ैज़ को आईएसआई के मुखिया पद पर बने रहने देना चाहते थे क्योंकि विश्लेषकों का मानना है कि वो पिछले समय में इमरान सरकार की मदगार की भूमिका में रहे थे.
इस नियुक्ति को लेकर जो विवाद पैदा हुआ उसने इमरान और सेना के बीच मतभेद की नींव रख दी.
कुछ टिप्पणीकारों का ये भी मानना है कि इमरान ख़ान की प्रधानमंत्री पद से विदाई का यही कारण भी बना.
अब जबकि पीएमएल-एन के प्रधानमंत्री के पास अगला सेनाध्यक्ष चुनने का अधिकार है, क्या वो लेफ़्टिनेंट जनरल फ़ैज़ के नाम पर इस पद के लिए विचार करेंगे?
हालांकि बहुत सारे राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इसकी संभावना बहुत कम ही है. वो इस समय कॉर्प्स कमांडर बहावलपुर हैं.
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लेफ़्टिनेंट जनरल मोहम्मद आमिर