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पाकिस्तान : कोर्ट ने इमरान ख़ान को अटक जेल से रावलपिंडी की अडियाला जेल में ट्रांसफर करने का आदेश दिया

पाकिस्तान की एक कोर्ट ने आज पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान को अटक जेल से रावलपिंडी की अडियाला जेल में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है.

सोमवार को इमरान ख़ान के वकील ने उन्हें अटक जेल से अडियाला जेल ट्रांसफर करने की मांग की थी.

इससे पहले जेल में सुविधाओं से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि जब सभी विचाराधीन कैदी अडियाला जेल में हैं, तो फिर इमरान ख़ान को अटक जेल में क्यों रखा गया है?

पाकिस्तान की जेलों में क़ैदियों को तीन कैटेगरी में रखा जाता है. अगर अटक जेल की बात करें तो यहां सिर्फ सी कैटेगरी है, ए और बी कैटेगरी नहीं है.

जेल अधिकारियों के मुताबिक ए क्लास कैटेगरी ऊंचे पद वाले सरकारी अधिकारियों के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और उन कैदियों को दी जाती है, जो अधिक टैक्स अदा करते हों.

इसी का हवाला देते हुए इमरान ख़ान के वकील ने कोर्ट ने मांग की थी कि उन्हें ए कैटेगरी में रखा जाए.

कोर्ट ने भी माना कि इमरान ख़ान एक बेहतर कैटेगरी के हकदार हैं, क्योंकि वे देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं.

इस्लामाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि जेल नियमों के मुताबिक इमरान ख़ान को वो सब चीजें मिलनी चाहिए, जिसके वो हकदार हैं और ऐसा नहीं होना चाहिए कि उनके अधिकार खत्म हो जाएं.

क़ैदियों को मिलने वाली सुविधाएं

जेल मैनुअल के अनुसार जिन क़ैदियों को ‘ए’ क्लास दी जाती है उन्हें रहने के लिए दो कमरों की अलग से बनी बैरक दी जाती है जिसके एक कमरे का साइज़ 9 गुणा 12 फ़ुट होता है यानी उसकी लंबाई 9 फ़ुट और चौड़ाई 12 फ़ुट होती है.

क़ैदी के लिए बेड, एयर कंडीशन, फ़्रिज और टीवी के अलावा अलग से बावर्ची ख़ाना भी शामिल होता है.

‘ए’ क्लास के क़ैदी को जेल का खाना खाने की बजाय अपनी पसंद का खाना पकाने की भी इजाज़त होती है.

इसके अलावा ‘ए’ क्लास में रहने वाले क़ैदी को दो सज़ायाफ्ता काम करने वाले भी दिए जाते हैं.

जेल अधिकारियों के मुताबिक ‘ए’ क्लास कैटेगरी में जिन कैदियों को रखा जाता है अगर वह घर से खाना मंगवाना चाहें तो इससे पहले सरकार से अनुमति लेनी होती है.

इसके अलावा ऐसे कैदियों से उनके रिश्तेदारों या क़रीबियों या उनके वकीलों की मुलाक़ात का हफ़्ते में एक दिन तय होता है लेकिन यह भी सरकार की मंज़ूरी से तय किया जाता है.

जेल अधिकारियों के अनुसार अगर क़ैदी चाहे तो दोनों काम करने वाले उनके साथ रह सकते हैं.

जेल के क़ानूनों के अनुसार जिन क़ैदियों को ‘बी’ क्लास दी जाती है उनको अलग से एक कमरा और एक काम करने वाला दिया जाता है लेकिन अगर जेल सुपरिंटेंडेंट चाहे तो काम करने वालों की संख्या एक से बढ़ाकर दो भी कर सकता है.

‘बी’ क्लास पाने के लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं जिनके आधार पर गृह विभाग की मंज़ूरी की ज़रूरत होती है.

‘सी’ कैटेगरी जेल में आम क़ैदियों के लिए होती है जिन्हें न तो घर से खाना मंगवाने की इजाज़त होती है और न ही कोई ऐसी सुविधा मिलती है जिसका संबंध उसकी शिक्षा या पद के अनुसार हो.