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पाकिस्तान के कब्ज़े वाला जम्मू-कश्मीर एक दिन हमारा होकर ही रहेगा, पीओके के लोग हमारे अपने ही है : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साफ-साफ कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला जम्मू-कश्मीर एक दिन हमारा होकर ही रहेगा। पाकिस्तान से बात सिर्फ आतंकवाद और पीओके के मुद्दे पर ही होगी। पीओके के लोग हमारे अपने ही है। पीओके एक दिन खुद कहेगा कि हम भारत का हिस्सा है। रही बात आतंकवाद की तो अब भारत इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेगा। हर साजिश का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘आपने देखा कि कैसे हमने पहले आतंकी ठिकानों को नष्ट किया और फिर दुश्मन के सैन्य ठिकानों और एयरबेसों को। ‘करने को हम कुछ और भी कर सकते थे’, लेकिन हमने दुनिया के सामने शक्ति और संयम के समन्वय का एक बेहतरीन उदाहरण पेश किया।’ राजनाथ सिंह भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन-2025 में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में अनिश्चितता का माहौल है। हर जगह संघर्ष चल रहा है। इसका मुख्य कारण भरोसे की कमी है।

‘ऑपरेशन सिंदूर में पूरे देश के लोगों ने मेक इन इंडिया अभियान की सफलता को देखा’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘ऑपरेशन सिंदूर में पूरे देश के लोगों ने मेक इन इंडिया अभियान की सफलता को देखा, समझा और महसूस किया है। आज यह साबित हो गया है कि मेक इन इंडिया भारत की सुरक्षा और समृद्धि दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा का एक अनिवार्य घटक है। अगर हमारे पास यह क्षमता नहीं होती, तो भारत की सेनाएं निचले पाकिस्तान से लेकर पीओके तक आतंकवाद के खिलाफ इतनी प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पातीं…’

‘अब जब भी बातचीत होगी, तो वह सिर्फ आतंकवाद और पीओके पर होगी’

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘आतंकवाद का कारोबार चलाना लागत प्रभावी नहीं है। आज पाकिस्तान को एहसास हो गया है कि उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हमने आतंकवाद के खिलाफ भारत की रणनीति और प्रतिक्रिया दोनों को नया स्वरूप दिया है। हमने पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों और बातचीत के दायरे को नए सिरे से निर्धारित किया है। अब जब भी बातचीत होगी, तो वह सिर्फ आतंकवाद और पीओके पर होगी। मेरा मानना है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के लोग हमारे अपने हैं, हमारे परिवार का हिस्सा हैं। हम ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के संकल्प के प्रति प्रतिबद्ध हैं। हमें पूरा विश्वास है कि हमारे जो भाई आज भौगोलिक और राजनीतिक रूप से हमसे अलग हो गए हैं, वे भी किसी न किसी दिन भारत की मुख्यधारा में लौट आएंगे।

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