आईएमएफ के बोर्ड की मंजूरी के बाद पाकिस्तान के निरंतर घटते विदेशी मुद्रा भंडार, पाक रुपये की गिरती कीमत, व भुगतान संतुलन के संकट को बचाया जा सकेगा। पाकिस्तान को उसके चार मित्र देशों से द्विपक्षीय सहायता के रूप में चार अरब डॉलर मिलेंगे।
पाकिस्तान कंगाली की ओर बढ़ रहा है। उसने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) व अपने मित्र देशों से मदद की गुहार लगाई है। वह नकदी संकट से बुरी तरह जूझ रहा है। आईएमएफ से पाकिस्तान को इसी माह के अंत तक 1.18 अरब डॉलर की तत्काल वित्तीय सहायता मिल सकती है।
पाकिस्तान के चार मित्र देशों द्वारा उसकी मदद के लिए आगे आने के बाद मुद्राकोष भी मदद के लिए तैयार हुआ है। 31 अगस्त से पहले पाकिस्तान के खाते में मुद्राकोष उक्त राशि डाल सकता है। मुद्राकोष से कर्ज पाने के लिए पाकिस्तान ने उसकी कई कड़ी शर्तें पहले ही मान ली हैं। पाकिस्तान के वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल के अनुसार मुद्राकोष से शुक्रवार तड़के एक आशय पत्र (एलओआई) प्राप्त हुआ है। कर्मचारी स्तरीय समझौते (एसएलए) और पिछले महीने हस्ताक्षरित आर्थिक और राजकोषीय नीतियों (एमईएफपी) के समझौते के बाद मुद्राकोष आर्थिक पुनर्वास के लिए मदद को तैयार हुआ है। एलओआई पर हस्ताक्षर के बाद इसे आईएमएफ को वापस भेजा जाएगा। इसके बाद कर्ज की मंजूरी के लिए 29 अगस्त आईएमएफ के निदेशक मंडल की बैठक में फैसला होगा। बैठक में पाकिस्तान को विस्तारित फंड फैसिलिटी (ईएफएफ) की मंजूरी का मामला उठाया जाएगा।
आईएमएफ के बोर्ड की मंजूरी के बाद पाकिस्तान के निरंतर घटते विदेशी मुद्रा भंडार, पाक रुपये की गिरती कीमत, व भुगतान संतुलन के संकट को बचाया जा सकेगा। पाकिस्तान को उसके चार मित्र देशों से द्विपक्षीय सहायता के रूप में चार अरब डॉलर मिलेंगे। सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और चीन ने पाकिस्तान को यह मदद देने की सहमति दी है। मुद्राकोष का पैकेज पाने की यह अंतिम शर्त थी। इससे आईएमएफ के पैकेज का रास्ता साफ हो गया है। आईएमएफ ने यह कर्ज देने के लिए पाकिस्तान के समक्ष पेट्रोल की कीमतें बढ़ाने समेत कई शर्तें थोपी हैं। तेल कीमतों में बढ़ोतरी समेत कई कई कदम वह पहले ही उठा चुका है।