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पश्चिम ने आधिकारिक रूस से माना, ईरान के ख़िलाफ़ अधिकतम दबाव की नीति विफल हो गयी है : रिपोर्ट

राष्ट्रपति सय्यद मोहम्मद इब्राहीम रईसी ने कहा है कि पश्चिम ने आधारिकरूप से एलान किया है कि ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव की नीति अपमानजनक ढंग से नाकाम हो गयी है और ईरानी लोगों के प्रतिरोध ने उसे विफल बनाया।

राष्ट्रपति ने आज एशिया प्रशांत न्यूज़ एजेन्सियों ओआना के सम्मेलन में कहा कि दुनिया की आधी जनसंख्या इसी क्षेत्र से संबंधित है और इस क्षेत्र की एक सभ्यता व संस्कृति है और सांस्कृतिक जलवे हमारे क्षेत्र की विशेषता है।

राष्ट्रपति ने क्षेत्रीय देशों व राष्ट्रों की स्वाधीनता व पहचान की सुरक्षा को संचार माध्यमों की बड़ी ज़िम्मेदारी बताया और कहा कि आज की दुनिया संचार माध्यमों की दुनिया है और हमारी संस्कृति को विशेषकर स्वतंत्र व स्वाधीन देशों की संस्कृति पर हमला किया गया है और वर्चस्ववादी शक्तियां दूसरे राष्ट्रों की सांस्कृतिक पहचान को मिटा देना चाहती हैं ताकि दुनिया और क्षेत्र में कोई स्वतंत्र देश न रहे।

उन्होंने कहा कि इस प्रकार के हालात में संचार माध्यमों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। इसी प्रकार राष्ट्रपति ने सांस्कृतिक आतंकवाद को एक प्रकार का आतंकवाद बताया और कहा कि कभी फिज़ीकल हत्या होती है, कभी व्यक्तित्व की हत्या की जाती है जो आरोप लगाकर की जाती है, कभी आर्थिक रूप से हत्या की जाती है और इस प्रकार के वातावरण में संचार माध्यमों की बड़ी ज़िम्मेदारी है और वे राष्ट्रों के मूल्यों और मानवीय प्रतिष्ठा की रक्षा कर सकते हैं।

इसी प्रकार राष्ट्रपति ने कहा कि समस्त राष्ट्र न्याय के इच्छुक हैं और संचार माध्यम इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

राष्ट्रपति ने तेहरान के खिलाफ अत्याचारपूर्ण प्रतिबंधों की ओर भी संकेत किया और कहा कि हम वार्ताओं में ईरानी राष्ट्र के अधिकार चाहते हैं और खेद के साथ कहना पड़ता है कि इससे पहले जो समझौता हुआ था उसमें हम अमेरिका और यूरोप की ओर से अपने वचनों पर अमल न करने के साक्षी थे और केवल जिस देश ने इस समझौते पर अपने वचनों पर अमल किया, और उसमें किसी प्रकार का दिशाभेद नहीं था वह इस्लामी गणतंत्र ईरान है और परमाणु ऊर्जा की अंतरराष्ट्रीय एजेन्सी की 15 बार की रिपोर्टें इस बात की गवाह हैं।