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तौहीद और शिर्क : सूरए साद आयतें 29-33 : पार्ट-52
सूरए साद आयतें 29-33 كِتَابٌ أَنْزَلْنَاهُ إِلَيْكَ مُبَارَكٌ لِيَدَّبَّرُوا آَيَاتِهِ وَلِيَتَذَكَّرَ أُولُو الْأَلْبَابِ (29) इस आयत का अनुवाद हैः यह बरकतों वाली किताब है जिसे हमने तुम्हारे पास भेजा है कि वे इसकी आयतों पर सोच-विचार करें और समझदार इससे पाठ लें। [38:29] पिछले कार्यक्रम में हमने बताया कि मख़लूक़ को पैदा करने की व्यवस्था […]
हज़रत सुलैमान (अ) ने उस आदमी से फ़रमाया, पिंजरा खोल दो और उसे आज़ाद कर दो, क्योंकि…!
A Qayyum Hakim =========== हज़रत सुलेमान (अलैहिस्सलाम) के ज़माने में एक आदमी ने एक खूबसूरत परिंदा ख़रीदा, जब वो चहचहाता तो उसकी खूबसूरत और सुरीली आवाज़ से वो आदमी बहुत मसरूर होता, जैसे कि परिंदा की आवाज़ बहुत ही सुरीली और प्यारी थी। एक दिन अचानक इससे मिलता जुलता एक और परिंदा इस पिंजरे के […]
पवित्र क़ुरआन पार्ट-14 : पवित्र क़ुरआन चमकता हुआ सूर्य है जो अपने प्रकाशमयी मार्गदर्शन से अज्ञानता और अंधकार से मुक्ति दिलाता है!
पवित्र क़ुरआन के व्याख्याकारों के अनुसार सूरए तौबा का आरंभ बिस्मिल्लाह से न होकर वचन तोड़ने वाले शत्रुओं से विरक्तता से होना, इस गुट के प्रति ईश्वर के प्रकोप और क्रोध को दर्शाता है। पवित्र क़ुरआन के व्याख्याकारों के अनुसार सूरए तौबा का आरंभ बिस्मिल्लाह से न होकर वचन तोड़ने वाले शत्रुओं से विरक्तता से […]