

Related Articles
पवित्र क़ुरआन पार्ट-39 : क्या मैं तुम्हें बताऊँ कि शैतान किस पर उतरते है…?!
सूरए शोअरा, पवित्र क़ुरआन का 26वां सूरा है। इसमें 227 आयते हैं। सूरए शोअरा की 4 आयतों के अतिरिक्त इसकी सारी आयतें पवित्र नगर मक्के में नाज़िल हुईं। आयतों की संख्या की दृष्टि से यह सूरए बक़रा के बाद क़ुरआन का दूसरा सबसे बड़ा सूरा है। पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा सल्लल्लाहो अलैहे वआलेही वसल्लम […]
पवित्र क़ुरआन पार्ट-16 : सूरए यूनुस, पवित्र क़ुरआन चमकता हुआ सूर्य है जो अपने प्रकाशमयी मार्गदर्शन से अज्ञानता और अंधकार से मुक्ति दिलाता है!
सूरए यूनुस, क़ुराने करीम का दसवां सूरा है जो पैग़म्बरे इस्लाम (स) के पैग़म्बर बनने के शुरूआती दिनों में नाज़िल अर्थात अवतरित हुआ था। इस सूरे में 109 आयते हैं। सूरए यूनुस, क़ुराने करीम का दसवां सूरा है जो पैग़म्बरे इस्लाम (स) के पैग़म्बर बनने के शुरूआती दिनों में नाज़िल अर्थात अवतरित हुआ था। इस […]
पैग़म्बरे इस्लाम फ़रमाते हैं – “जो अल्लाह और क़यामत पर ईमान रखता है वह अपने पड़ोसी को कष्ट नहीं पहुंचाता है”
पार्सटुडे- पड़ोसियों के सम्मान का लोगों के सामाजिक जीवन पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। आज लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं और उनकी जीवन शैली शहरी हो गयी है। इस बात के दृष्टिगत पड़ोसी और उसके अधिकारों का विषय अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। इस्लाम धर्म में इस बात पर बल दिया […]