विशेष

#परवल : भोजपुरिया इलाके में परोड़ा कहा जाता है पटना यानी मगध के इलाके में इस पटल के नाम से जाना जाता है!

अनूप नारायण सिंह
==========

परवल को भोजपुरिया इलाके में परोड़ा कहा जाता है पटना यानी मगध के इलाके में इस पटल के नाम से जाना जाता है पर शुद्ध नाम परवल ही होता है।बरसात के सीजन में जो सब्जी सबसे ज्यादा लोगों को भाती है वह परवल ही होती है परवल का इस्तेमाल सिर्फ सब्जी बनाने के लिए ही नहीं बल्कि मिठाई और अचार बनाने में भी होता है पर क्या आपको पता है कि परवल की खेती कैसे की जाती है परवल के उत्पादन के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ मिट्टी कौन सी होती है बिहार की राजधानी पटना के बाजारों में परवल छाया हुआ है₹30 किलो की दर से लेकर ₹50 किलो की दर पर बाजार में उपलब्ध पर जो देसी प्रबल देखने में गोल और छोटा होता है वह लोगों को खूब भाता है उसका टेस्ट लंबे और उजाले कलर वाले परवल से ज्यादा बेहतर होता है।

May be an image of 5 people

गंगा दियारा इलाके में परवल की व्यापक पैमाने पर खेती होती है साथ ही साथ गंडक और सोने के तटीय इलाके में भी परवल की खेती होती है बालू वाली मिट्टी इसकी खेती के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है परवल के लतर को ही जमीन में लगाया जाता है। इस कारण से परवल की फसल जब कम होने लगती है तो इसके लतर भी काफी महंगे बिकते हैं। जल जमाव वाले इलाके में परवल की खेती नहीं होती है।

No photo description available.
हाइब्रिड की कई नस्ल आ जाने के बाद भी देसी परवल की डिमांड बाजार में सबसे ज्यादा होती इसके साथ सबसे बड़ी खासियत मार्केटिंग को लेकर किसान कहीं भी इसका उत्पादन करें इसे बेचने में कोई परेशानी नहीं होती है शहरी इलाकों में थोक व्यापारी इसे दियारा के इलाके से ही खरीद कर लाते हैं पटना के जला इलाके में भी परवल की व्यापक पैमाने पर खेती होती है साथ ही साथ हाजीपुर सोनपुर राघोपुर मसौढ़ी इलाके में भी। पटना के बाजार में जितनी खपत है उतना उत्पादन स्थानीय स्तर पर ही कर लिया जाता है जो बाहर के बाजारों से थोक में परवल मंगाया जाता है उसकी कीमत ज्यादा होती बरसात के दिनों में इसकी कीमतों में उछाल आता है जल जमाने वाले इलाकों में परवल की खेती नहीं हो पाती जिन इलाकों में परवल की खेती होती है जुलाई मध्य से उन इलाकों में पानी भरने लगता है और परवल की खेती खुद ब खुद समाप्त हो जाती है।

May be an image of passion flower

पटना में थोक सब्जी मंडी अनटा घाट दानापुर कच्ची दरगाह है, पटना में सबसे ज्यादा परवल राघोपुर दियारा इलाके से आता है यहां सैकड़ो एकड़ में परवल की खेती होती है एक बार फसल लगा देने के बाद अगले 6 महीने तक प्रति एकड़ लाखों रुपए की कमाई होती है। ज्यादा उत्पादन होने पर कीमतों में कमी आ जाती शादी ब्याह के दिनों में बाजार ठीक-ठाक रहता है। बिहार में परवल के स्पेशल मिठाई बनती है इसके लिए हाइब्रिड के बड़े साइज के परवल इस्तेमाल किए जाते हैं। उत्तर बिहार में परवल के अचार भी तैयार किए जाते हैं जो काफी स्वादिष्ट होते हैं।
#अनूप