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पटना : बहुजन समाज पार्टी के बिहार प्रभारी अनिल कुमार ने राज्य और केंद्र सरकार पर अनुसूचित जाति-जन जाति और आदिवासी को दबाने का आरोप लगाया!

Taasir Patna
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पटना : बहुजन समाज पार्टी के बिहार प्रभारी अनिल कुमार ने आज पटना में राज्य और केंद्र सरकार पर अनुसूचित जाति – जन जाति और आदिवासी को दबाने का आरोप लगाया. उन्होंने पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि बिहार सरकार और भारत सरकार जिस तरह से बहुजन समाज को आगे बढ़ाने के नाम पर ठगने और दबाने का काम कर रहे हैं. सरकार की नीतियाँ और उनके कृत्य से ये उजागर होता है. रातोंरात कैबिनेट की मीटिंग होती है और 13 अक्टूबर को बिहार गजट जारी किया जाता है, जिसमें दलित और आदिवासी समाज को दबाने का काम कर रही है. उन्होंने कहा कि सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना संख्या 19300 दिनांक- 13.10. 2023 द्वारा बिहार सरकार के नए आरक्षण विरोधी काले कानून के माध्यम से राज्य के अनुसूचित जाति / जनजाति वर्ग के पदाधिकारियों / कर्मियों को छोड़कर शेष सभी वर्ग के पदाधिकारियों / कर्मियों को राज्याधीन सेवाओं में पदोन्नति दी जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य की सभी सेवाओं में कार्यरत अनुसूचित जाति / जनजाति वर्ग के लगभग 98 प्रतिशत पदाधिकारी/ कर्मचारी पदोन्नति से वंचित हो गए है.

अनिल कुमार ने कहा कि हमें ऐसा लगता है कि भारत के संविधान पर यह काला धब्बा है। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की जो सरकार है यह हमारे संविधान पर काला धब्बा लगा रही है। यह एक ऐसा गजट है जो हम दलित समाज और आदिवासी समाज को मारने और दबाने का काम करती है। यही वह गजट हैं जिसके जरिए बिहार सरकार के मुख्य नीतीश कुमार ने कहा है कि अब प्रमोशन में जब तक न्यायालय में रोक है तब तक आदिवासी और अनुसूचित जाति को प्रमोशन देने की जरूरत नहीं है। अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों से उनको कौन सी ऐसी दुश्मनी हो गई है कि उन्हें आरक्षण नहीं दे रहे हैं और उन्हें प्रमोशन देने से रोक दिया है। ऐसा लगता है कि जो नीतीश और तेजस्वी की सरकार है यह हमारे बाबा साहेब के संविधान से नहीं चल रही है। यह कहीं ना कहीं मनुवादी और सामंतवादी व्यवस्था के साथ नया संविधान बना लिया है। इन लोगों ने संविधान को रौंदने का काम किया है। बहुजन समाज पार्टी सरकार से यह कहना चाहती है कि आप जागिए और यह जो काला कानून बना रहे हैं यह काला कानून अंग्रेजो का कानून था उसे वापस लीजिए।

उन्होंने कहा कि आप निश्चित रूप से संविधान सम्मत बात कीजिए और संविधान के अनुसार जो आरक्षण है वह हमें दीजिए। अगर इस काला कानून को वापस नहीं लिया जाएगा तो बहुजन समाज पार्टी की ओर से आंदोलन की जाएगी। यह गठबंधन ने तय कर लिया है कि बहुजन समाज पार्टी को केवल वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करना है और एक तरफ हिंदू बनेंगे और एक तरफ जातिगत तौर पर लोगों को बांटकर वोट लेंगे और बहुजन समाज पर अत्याचार करेंगे और इनको आगे नहीं बढ़ने देंगे।