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पंजाब में बसपा ने शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन तोडा!

पंजाब में बसपा ने शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के साथ गठबंधन तोड़ लिया है। इसके साथ ही पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनाव में अकेले उतरने का एलान भी कर दिया है।

आंबेडकर भवन चंडीगढ़ में मंगलवार को करीब चार घंटे चली बसपा की राज्यस्तरीय समिति की बैठक में शिअद के साथ गठबंधन खत्म करने पर सर्वसम्मति से फैसला लिया गया। इस बैठक में पार्टी के सभी सीनियर नेता मौजूद रहे।

बैठक के दौरान, गठबंधन को लेकर हुई चर्चा में कहा गया कि शिअद की ओर से बसपा की लगातार अनदेखी करते हुए भाजपा के साथ गठबंधन की कोशिशें की जा रही हैं। बसपा का मानना है कि भाजपा जोकि दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, किसानों को कुचलने की असांविधानिक नीतियां बनाते हुए भारतीय संविधान को बदलने का काम कर रही है, के साथ बसपा कभी गठजोड़ नहीं कर सकती।

बैठक के बाद, पार्टी के पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ मामलों के केंद्रीय को-ऑर्डिनेटर रणधीर सिंह बेनीवाल ने कहा कि शिअद अब भाजपा के साथ गठबंधन कर रही है, इसलिए बसपा और शिअद के बीच गठबंधन ओर आगे नहीं चल सकता। आगामी लोकसभा चुनाव में बसपा अपने बलबूते पर चुनाव में उतरेगी। उन्होंने कहा कि शिअद द्वारा गठबंधन के बावजूद बसपा को लगातार अनदेखा किया जाता रहा है। ऐसे में एक साथ चलना संभव नहीं रह गया है।

गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के समय शिअद ने भाजपा के साथ अपना 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया था। उसके बाद शिअद ने बसपा के साथ गठबंधन करते पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें शिअद को तीन और बसपा को एक सीट पर जीत हासिल हुई थी। गठबंधन के तहत उस समय शिअद ने 97 और बसपा ने 20 सीटों पर चुनाव लड़ा था लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ने लगीं और सहयोगी दल होने के बावजूद बसपा को शिअद द्वारा किसी राजनीतिक कार्यक्रम या बैठक में बुलाना बंद कर दिया गया था।