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आज मैं निकला कल तक पहुंचने के लिए, फिर….भारद्वाज दिलीप की रचना पढ़िये
भारद्वाज दिलीप ============== Jaipur, Rajasthan ०००००००००००० आज मैं निकला कल तक पहुंचने के लिए फिर तीन लोगों से मिला एक ने सुना एक बोला एक ने देखा मैं मिल कर लौट लिया लौट कर एक पेड़ के पास रुका उसको मैंने देखा उसने मुझे देखा और खड़ा ही रहा। मैं वहां से भी चल दिया […]
🌻🌸🌺🏵️इंसान कुएं का मेंढक🌼🌻🌸🌺-सीताराम “पथिक” की रचना ज़रूर पढ़ें!
Sitaram Pathik =================== 🏵️इंसान कुएं का मेंढक 🌼 🌺🌸🌻🌸🌻🌸🌺 हर बंदा कुएं का मेंढक है!, और सबको यहां गुमान बहुत। सबको लगता इस दुनिया में, है कोई उससे बड़ा नहीं, उसकी गुरुता के सम्मुख अब, हो सकता कोई खड़ा नहीं, दिखलाते हैं सब दूजों को, इस कारण झूठी शान बहुत। हर बंदा कुएं का मेंढक […]
”नए आये साहब” ने जैसे ही दफ़्तर में प्रवेश किया वो वहाँ के हालात देखकर आग बबूला हो गये
चित्र गुप्त ============== नए आये साहब ************ नए आये साहब ने जैसे ही दफ़्तर में प्रवेश किया वो वहाँ के हालात देखकर आग बबूला हो गये। साहब का आग बबूला होना ही उनके बड़े पद का परिचायक होता है। पहले तो सब कर्मचारियों ने यही सोचा था लेकिन थोड़ी देर बाद ही उनको अपनी गलती […]