नई दिल्ली: तुर्की के राष्ट्रपति ने समय से पहले चुनाव का ऐलान कर दिया है जिसके बाद उनके विरोधी खेमे ने एड़ी चोटी के ज़ोर लगा रखे हैं,जबकि उन्हें भी मालूम है कि चुनाव में तुर्क जनता एर्दोगान को मायूस नही कर सकती है और रिकॉर्डतोड़ मतों से एर्दोगान की जीत होगी लेकिन फिर भी वे एडियाँ रगड़ने का काम कर रहे हैं।
एर्दोगान को पिछले राष्ट्रपति चुनाव में उनके प्रतिद्वंदी कमालुद्दीन ने इस चुनाव में अपना समर्थन और सहयोग करने का ऐलान किया है ,जिससे विरोधियों की कमर टूट गई है,चुनाव 24 जून को होंगे लेकिन चुनाव से पहले ही विपक्ष कमज़ोर दिखाई देने लगा है।
तय्यब एर्दोगान ने तुर्की को विकास की बुलंदियों पर पहुँचाया है,करोड़ो अरबों के वर्ल्ड बैंक के क़र्ज़ को चुका कर तुर्की को आज़ाद किया है और जीडीपी को सम्मान जनक स्थान तक पहुंचाया है ,आज के समय मे तुर्की उन देशों की श्रंखला में खड़ा है जो वर्ल्ड बैंक को क़र्ज़ा देने की पेशकश करते हैं।
इज़राईल और अमेरिका दुनिया में इस मुस्लिम लीडर को उभरता देखकर इसको कमज़ोर करने तथा तख्तापलटने की साज़िश करते रहे हैं,फ़तहुल्लाह गौलन नामी तुर्की लीडर को इन दोनों देशों के समर्थन से और यूरोपियन यूनियन के सहयोग से तुर्की में एर्दोगान का तख्तापलटने की कोशिशें कराई गई थी,जिसका जवाब तुर्की नागरिकों ने सड़कों पर उतर कर दिया था।
तूर्की राष्ट्रपति तय्यब एर्दोगान का कहना है कि इस धरती पर हम न तो पहले किसी शक्ति के सामने झुके हैं,और न अब झुकेंगे,हम सिर्फ अल्लाह के सामने झुकते हैं और उसी के सामने सजदा करते हैं
यूरोपियन यूनियन सहित कई बड़ी ताकतें मिलकर तुर्की पर दबाव बनाने और यूनियन से निकालने की धमकियां देते रहते हैं जिनका जवाब एर्दोगान हमेशा इसी तरह बेबाकी से देते हैं।