

काशिफ अहसन काश कन्नौजी
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जयचंद प्रजापति =========== व्यंग्यात्मक लेख——— ई हमार भारतीय संस्कृति को, का होई गवा बा ——————– हम इलाहाबाद के सिविल लाइन में थोड़ा भारतीय संस्कृति का दर्शन करने के इरादे से साइकिल से निकले तभी एक लेडीस फ्राक में सड़क पर घूम रही थी। हम जिज्ञासावश स्थानीय लोगों से पूछा- ‘ई का है ‘ कुल लोग […]
कभी यह सोचा है कि अगर हमारे ऊपर कोई जबरन नियंत्रण करने की कोशिश करें तो क्या होगा?…लक्ष्मी सिन्हा का लेख पढ़ें!
Laxmi_sinha ============ क्या हमने कभी यह सोचा है कि अगर हमारे ऊपर कोई जबरन नियंत्रण करने की कोशिश करें तो क्या होगा,,? प्रकृति के नियम अनुसार पतझड़ के मौसम में असंख्य पत्ते पैडों से गिरते हैं,परंतु इस पर न पेड़ रोते हैं और न गिरते हुए पत्ते। क्यों? क्योंकि वे प्रकृति के नियमों की भली-भांति […]
”कुसुम शर्मा अंतरा” की ग़ज़ल – मैं हक़ीक़त हूं या हूं अफ़साना
Kusum Sharma Antra ============= ग़ज़ल मेरे अंदर है मेरी तन्हाई ग़म का मंज़र है मेरी तन्हाई काटती जा रही है कब से मुझे एक ख़ंजर है मेरी तन्हाई हर तरफ़ से ये वार मुझ पे करे यूं सितमगर है मेरी तन्हाई अश्क़ का इक अदद हूं क़तरा मैं और समंदर है मेरी तन्हाई शोर ओ […]