न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा पर रूस के यूक्रेन युद्ध की छाया है. महासभा में रूसी विदेश मंत्री भी भाग ले रहे हैं, लेकिन इसी दौरान रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज करने का एलान भी कर दिया है.
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के पहले ही दिन असेंबली हॉल में तनाव और अनिश्चितता का माहौल बन गया. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरष ने महासभा को संबोधित करते हुए, यूक्रेन युद्ध, जलवायु परिवर्तन और महिला अधिकारों का मुद्दा छेड़ा. उनके संबोधन के बाद सदस्य देशों की बारी आई और फिर मामला रूस के इर्द गिर्द ही घूमने लगा. अमेरिका, रूस, चीन, भारत और ईरान के प्रतिनिधियों से पहले जर्मन, फ्रांस, सेनेगल और फिलीपींस के नेताओं ने आमसभा को संबोधित किया.
"The entire NATO satellite is working against us – more than 70 military and 200 civilian satellites are working to reconnoiter the location of our units. "
the number of Western precision weapons supplied to Kyiv is hidden from their own citizens and public" pic.twitter.com/5LE6TIBUsE— cooper (@coope125) September 21, 2022
पुतिन पर यूरोप का कड़ा रुख
जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने रूस पर खुलम खुल्ला साम्राज्यवाद का आरोप लगाते हुए कहा, “पुतिन अपने इस युद्ध को और अपनी साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षा को तभी छोड़ेंगे जब उन्हें यह अहसास हो जाएगा कि वे यह युद्ध नहीं जीत सकते हैं.”
जर्मनी दुनिया की चौथी और यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. भारत की तरह जर्मनी भी लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनना चाहता है. न्यूयॉर्क में यूएन महासभा के मंच से अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संबोधित करते हुए शॉल्त्स ने यह भी कहा कि, “वह (पुतिन) सिर्फ यूक्रेन को ही तबाह नहीं कर रहे हैं, वह अपने देश को भी बर्बाद कर रहे हैं.”
"If the West doesn't stop supplying weapons and sending mercenaries to Ukraine, "tomorrow they will have problems that will be much more serious than those that are now."
“🇺🇲satellites, missiles are for military operations,and Ukrainians are assigned the role of consumables" pic.twitter.com/p3ePL0FzXW
— cooper (@coope125) September 21, 2022