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नौ साल से पिता विदेश में गुमशुदा, अब तक कोई पता नहीं !!वीडियो!!: #राजस्थान से धर्मेन्द्र सोनी की रिपोर्ट!

 

 

 

 

कुशलगढ़ जिला बांसवाड़ा राजस्थान रिपोर्टर धर्मेन्द्र सोनी

नौ साल से पिता विदेश में गुमशुदा, अब तक कोई पता नहीं ! दौ वर्षों से मां छोड़कर नाते चली गई ।
अब पीछे रहे परिवार की हालत दयनीय हो गई 2 बालिकाएं है जिनका भविष्य अन्धकार मय होता जा रहा है एसा ही मामला राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के घाटोल ब्लॉक के गांव बरोड़ा की यह दर्द भरी दास्तां है दादा नाकसी डोडियार रोते हुए अपने बेटे एवं बहू की दास्तान को बयां करते हैं कहते हैं कि मेरा परिवार खुश हाल था जब पहले एक सफ़र में मेरा पुत्र शंकर चरपोटा सऊदी अरब रोजगार के लिए गया तो दो वर्षो में जो कर्जा था वह धीरे धीरे भर रहा था परन्तु जब वह पुन: 2013 में वापस सउदी अरब गया तो एक माह तक तो फ़ोन पर बातचित होती रहती थी परन्तु उसके बाद से आज तक उसका कोई अतापता नही चला वहा पर रोजगार रत अन्य लोगो से भी जानकारी ली एवं अपने गुमशुदा बेटे की तलाश के लिए हर जगह वेदना एवं दर्द भरी कहानी बयां की परंतु अभी तक किसी प्रकार का कोई भी पता नहीं चला। मैंने ग्राम पंचायत से लेकर पूर्व सांसद को भी परिवाद देकर बेटे की तलाश करें के लिए गुहार लगाई परंतु मदद के नाम पर अभी तक कुछ भी हासिल नहीं हो रहा है अभी तो हम इन दोनों दादा-दादी बालिकाओं का भरण पोषण कर रहे हैं परंतु हमारे बाद इनका क्या होगा यह नहीं कह सकते हैं।

प्रशन चिन्ह तो हमारे कामों पर तब नजर आता है कि इस प्रकार की इतना ही घटित होने के 9 वर्षों बाद भी कोई समाधान अभी तक नहीं निकल पाया ।हम कहते हैं योजनाओं का लाभ सभी तक पहुंच रहा है एवं सभी लोग खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं परंतु अगर हम धरातल पर जाकर जाकर देखे तो हमारा दिल भी पसीज जाएगा।अब इस गरीब परिवार के पास भी कोई भी रोजगार का साधन नहीं है एवं खेती भी बहुत कम है , दोनों को भी वृद्धा पेंशन तक नसीब नहीं हो पा रही है, क्योंकि वोटर आईडी कार्ड में तो उनकी उम्र प्रमाणित के आधार पर वह बुजुर्ग माने गए हैं परंतु आधार कार्ड में उम्र का कोई ख्याल नहीं रखने के कारण से वह आज भी 40 वर्ष के दर्शाए गए जबकि बेटे शंकर की उम्र ही 37 वर्ष थी इनको ना तो पेंशन मिलती है ना ही हमें खाद्यान्न सुरक्षा का लाभ मिलता है जब लेने जाते हैं तो वह कहता है अब आपको तो गेहूं नहीं मिलेगा पिताजी है नहीं मां नाते चली गई बालिका का आधार कार्ड बन नहीं रहा है दादा कहते हैं कि में 10 से 15 बार घाटोल जाकर कोशिश की परंतु अभी तक नहीं बन पाया तो बालिकाओं का नाम राशन कार्ड में है परंतु एक बालिका का आधार कार्ड नहीं होने से गेहूं नहीं मिल रहा है।


चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 के परमेश पाटीदार ने बताया कि जैसे उक्त केस की जानकारी मिली तो तुरंत ही के टीम के सदस्य शोभा सोनी, निशा चौहान, कांतिलाल यादव एवं कमलेश बुनकर को मौके पर जाकर उक्त केस की जानकारी लेकर प्रारंभिक तौर पर मदद करने के लिए कहा गया तो टीम ने आस पड़ोस की जानकारी ली कि वास्तव में परिवार बहुत ही कष्टमय था । टीम के सदस्य कमलेश ने बताया कि जानकारी लेने के पश्चात स्थानीय वार्ड पंच को भी इस बारे में अवगत करवाया तो वह भी तुरंत पिडित परिवार के घर पहुंचे वो बताया कि हमारे द्वारा भी ग्राम पंचायत को पूर्व में अवगत करवाया था परंतु अभी तो कुछ हो नहीं पाया है हमारे द्वारा पूर्व में भी सांसद महोदय के घर जाकर इस मामले को बताया गया था परंतु आज तक किसी प्रकार का शंकर का कोई पता नहीं चला है हम सब यही चाहते हैं कि शंकर घर लौट आए अब दो बेटियां हैं मनीषा, उम्र 14 साल की है एवं सविता, उम्र 13 साल, दादा दादी के भरोसे है अब हमारे द्वारा वोटर आईडी के आधार पर दोनों को वृद्धा पेंशन के लिए जोड़ने के लिए प्रशासन को अवगत करवाया जायेगा इसी क्रम में पीड़ित परिवार को पालनहार योजना से भी जोड़ने के लिए प्रयास किए जाएंगे एवं खाद्य सुरक्षा को लेकर भी अधिकारियों को अवगत करवाकर लाभान्वित कराया जाएगा जन आधार कार्ड के लिए जल्द से जल्द आधार कार्ड जुड़वाने के लिए आज ही प्रयास किये गए एवं पिताजी के ढूंढने के लिए जिला कलेक्टर महोदय को अवगत करवाकर निश्चित तौर पर कार्यवाही करवाई जाएगी