संसद के मानसून सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, केंद्रीय पीएसयू और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में भूतपूर्व सैनिकों के लिए पद आरक्षित किए गए हैं। केंद्रीय पीएसयू और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सीधी भर्ती वाले समूह ‘ग’ के सभी पदों के लिए 14.5 फीसदी आरक्षण तय किया गया है…
भारतीय सेना की नौकरी करने के बाद घर लौटे भूतपूर्व सैनिकों को दोबारा से एडजस्ट करने के लिए केंद्र सरकार ने कई विकल्प दिए हैं। हालांकि सभी भूतपूर्व सैनिकों को दोबारा से सरकारी नौकरी नहीं मिल पाती। कुछ भूतपूर्व सैनिक ऐसे भी होते हैं, जो सरकारी सेवा के लिए आवेदन ही नहीं करते। पिछले पांच वर्षों का लेखा-जोखा देखें तो केंद्र सरकार में नौकरी कर रहे पूर्व सैनिकों का डाटा बदलता रहा है। साल 2016 के दौरान सीपीएसयू में 5016, सीएपीएफ में 3568 और बैंक में नौकरी करने वाले भूतपूर्व सैनिकों की संख्या 31756 रही है। साल 2021 में पहले छह माह की बात करें, तो केंद्र सरकार के सीपीएसयू में 3414, सीएपीएफ में 6372 और बैंक में 47572 भूतपूर्व सैनिक नौकरी कर रहे थे। सेना भर्ती की नई योजना यानी अग्निपथ को ज्वाइन करने वाले अग्निवीरों के लिए भी कई विभागों में पद आरक्षित किए गए हैं।
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संसद के मानसून सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान पूछे गए एक सवाल के जवाब में रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, केंद्रीय पीएसयू और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में भूतपूर्व सैनिकों के लिए पद आरक्षित किए गए हैं। केंद्रीय पीएसयू और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सीधी भर्ती वाले समूह ‘ग’ के सभी पदों के लिए 14.5 फीसदी आरक्षण तय किया गया है। सीधी भर्ती वाले समूह ‘घ’ के सभी पदों में भूतपूर्व सैनिक 24.5 फीसदी आरक्षण का लाभ उठा सकते हैं। दिव्यांग भूतपूर्व सैनिकों और सैन्य कार्रवाई के दौरान शहीद हुए सैन्य कार्मिकों के आश्रितों के लिए भी 4.5 फीसदी आरक्षण निर्धारित किया गया है।
केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में भी भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। सहायक कमांडेंट के स्तर तक सीधी भर्ती वाले पदों के लिए 10 फीसदी आरक्षण दिया गया है। गत पांच वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, केंद्रीय पीएसयू (सीपीएसयू) तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) में भूतपूर्व सैनिकों को बड़े स्तर पर नौकरी दी गई है।
वर्ष सीपीएसयू सीएपीएफ बैंक
2016 5016 3568 31756
2017 5139 3513 25875
2018 5569 4617 50918
2019 3744 3278 53378
2020 3156 3216 48985
2021 3414 6372 47572 (जून, 2021 तक)
गत पांच वर्षों में पेंशन प्राप्त करने वाले भूतपूर्व सैनिक
साल भूतपूर्व सैनिक
2017 18,44,405
2018 18,68,156
2019 19,74,810
2020 20,11,375
2021 20,41,376
राज्य सरकार की नौकरियों में भी है आरक्षण का प्रावधान
राज्य सरकार की नौकरियों के संबंध में भूतपूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण की व्यवस्था, संबंधित राज्य सरकार के कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आती है। प्रत्येक राज्य सरकार ने अपनी कल्याणकारी नीति के अनुसार राज्य सरकार की नौकरियों में भूतपूर्व सैनिकों की नियुक्ति के लिए आरक्षण/वरीयता प्रदान की है। यही वजह है कि भूतपूर्व सैनिकों के लिए प्रत्येक राज्य सरकार में आरक्षण अलग-अलग होता है। राज्य सरकार की नौकरियों में भूतपूर्व सैनिकों की पुनर्नियुक्ति के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए भी केंद्र सरकार ने भर्ती के मानकों में छूट सहित केंद्र सरकार की नौकरियों के संबंध में उपलब्ध कराए गए आरक्षण मानकों के अनुपालन के लिए समय-समय पर एडवाइजरी जारी की है। सेवानिवृत्ति से पूर्व और सेवानिवृत्ति के पश्चात जागरूकता कार्यक्रमों सहित विभिन्न पहलों के माध्यम से भूतपूर्व सैनिकों के लिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि की खातिर हर संभव उपाय का पता लगाने का सरकार द्वारा प्रयास किया जाता है। इच्छुक भूतपूर्व सैनिकों को स्वरोजगार उद्यमों के लिए समुचित प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
अग्निवीरों को यहां मिलेंगे सरकारी नौकरी के अवसर
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों को सीएपीएफ में नौकरी देने की घोषणा की है। अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स की भर्ती में 10 फीसदी आरक्षण देने की बात कही गई है। गृह मंत्रालय के मुताबिक, पहले बैच के अग्निवीरों को अधिकतम उम्र सीमा में पांच साल की छूट दी जाएगी। इसके बाद अग्निवीरों को अधिकतम आयु सीमा में तीन साल की छूट मिलेगी। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा की गई घोषणा के अनुसार, ऐसे अग्निवीर जो शारीरिक शिक्षा शिक्षक बनना चाहेंगे, उन्हें सरकार द्वारा क्रैश कोर्स और ट्रेनिंग दी जाएगी। विभिन्न राज्यों में लगभग 15 लाख, शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। इस बाबत राज्यों के साथ बातचीत कर योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। नागर विमानन मंत्रालय, अग्निवीरों को एयर ट्रैफिक सर्विसेज और एयरक्राफ्ट टेक्नीशियन सर्विसेज में अवसर देगा। एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस, रिपेयरिंग व ओवरहॉलिंग जैसे कार्यों में भी अग्निवीरों को नौकरी के अवसर प्राप्त होंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए तीन वर्षीय ग्रेजुएशन कौशल डिग्री देने का प्लान तैयार किया है। यह डिग्री इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा दी जाएगी।
अग्निवीरों को रक्षा और वित्त मंत्रालय में भी मिलेंगे अवसर
अग्निवीरों को केंद्र सरकार में बैंकों के अलावा विभिन्न मंत्रालयों में भी नौकरी मिलेगी। रक्षा मंत्रालय में होने वाली भर्तियों में अग्निवीरों को 10 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। अग्निवीरों को इंडियन कोस्ट गार्ड और डिफेंस सिविलियन पोस्ट के साथ डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के अंतर्गत आने वाली 16 कंपनियों में भी नौकरी मिलेगी। यहां पर भी आरक्षण का प्रावधान किया गया है। पोर्ट एवं पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय भी अग्निवीरों को उनके कौशल के मुताबिक मर्चेंट नेवी में नियुक्ति प्रदान करेगा। अग्निवीरों को मर्चेंट नेवी के लिए अनिवार्य ट्रेनिंग, नौसैनिक अनुभव और पेशेवर प्रमाण पत्र हासिल करने में सहायता प्रदान की जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनियों और वित्तीय संस्थानों में भी अग्निवीरों को नौकरी मिलेगी। कई दूसरे क्षेत्रों में भी अग्निवीरों को नौकरी मुहैया कराने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार हो रहा है।