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नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने पुष्प कमल दाहाल को प्रधानमंत्री नियुक्त किया

नेपाल की राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने देश की प्रतिनिधि सभा में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दाहाल को प्रधानमंत्री नियुक्त किया है.

रविवार शाम राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के तहत प्रतिनिधि सभा के पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ को नेपाल के प्रधान मंत्री के रूप में नियुक्त किया है.”

संविधान के इस अनुच्छेद में ये प्रावधान है कि “प्रतिनिधि सभा का सदस्य जो दो या दो से अधिक पार्टियों के समर्थन से बहुमत प्राप्त कर सकता है” को प्रतिनिधि सभा में प्रधानमंत्री के रूप में नियुक्त किया जा सकता है.

प्रचंड ने रविवार को राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास ‘शीतलनिवास’ पहुंचकर अपना दावा पेश किया कि प्रधानमंत्री पद के लिए 170 से ज्यादा सांसदों ने उनका समर्थन किया है.

इससे पहले नेपाल में राजनीतिक घटनाक्रम ने उस वक़्त नाटकीय मोड़ ले लिया जब विपक्षी सीपीएन (यूएमएल) और अन्य छोटी पार्टियों ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल (माओवादी सेंटर) के चेयरमैन पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ को प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन देने का एलान कर दिया.

इसके साथ ही प्रचंड के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ़ हो गया.

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली विपक्षी सीपीएन (यूएमएल), सीपीएन (माओवादी सेंटर), राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और अन्य छोटी पार्टियां प्रचंड के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के लिए सहमत हो गई हैं.

सीपीएन (माओवादी सेंटर) के महासचिव देब गुरुंग ने कुछ देर पहले ये बताया था कि, “सीपीएन (यूएमएल), सीपीएन (माओवादी सेंटर) और अन्य पार्टियां राष्ट्रपति के कार्यालय ‘शीतल निवास’ जाएंगी जहां देश के संविधान के अनुच्छेद 76(2) के तहत 165 सांसदों के दस्तखत के साथ प्रचंड के नेतृत्व में नई सरकार के गठन के लिए दावा पेश किया जाएगा.”

देब गुरुंग ने बताया कि सत्ता में साझेदारी के समझौते की चिट्ठी राष्ट्रपति को सौंपे जाने के लिए तैयार की जा रही है.

पूर्व प्रधानमंत्री ओली के बालकोट स्थित निवास स्थल पर हुई इस मीटिंग में उनके अलावा प्रचंड, आरएसपी अध्यक्ष रवि लामिछाने, राष्ट्रीय प्रजांतत्र पार्टी के प्रमुख राजेंद्र लिंग्देन, जनता समानवादी पार्टी के अध्यक्ष अशोक राय समेत अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया.

इस बात को लेकर सहमति बनी है कि प्रचंड और ओली बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करेंगे जिसमें पहली बारी प्रचंड को मिलेगी.

नए गठबंधन को 275 सदस्यों वाली प्रतिनिधि सभा के 165 सदस्यों का समर्थन हासिल है जिसमें सीपीएन (यूएमएल) के 78, सीपीएन (माओवादी सेंटर) के 32, आरएसपी के 20, आरपीपी के 14, जेएसपी के 12, जनमत के 6 और नागरिक उनमुक्ति पार्टी के 3 सदस्य शामिल हैं.