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नेतनयाहू और इस्राईल के पूर्व युद्धमंत्री योआव गैलेंट के ख़िलाफ़ अंतरराष्ट्रीय अदालत के फ़ैसले को लेकर पश्चिमी देशों में हम फ़ूट व दराड़!

पार्सटुडे-राष्ट्रसंघ की विशेष रिपोर्टर ने इस्राईल के प्रधानमंत्री बिनयामिन नेतनयाहू और इस्राईल के पूर्व युद्धमंत्री योआव गैलेंट को गिरफ्तार करने के संबंध में जो आदेश दिया है उस आदेश को पश्चिम के लिए एक परीक्षा बताया है।

फ़िलिस्तीन के मामलों में राष्ट्रसंघ की विशेष रिपोर्टर Francesca Albanese ने शुक्रवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत के फ़ैसले को लेकर पश्चिमी देशों में हम फ़ूट व दराड़ के साक्षी हैं।

उन्होंने कहा कि इस्राईली नेताओं की गिरफ़्तारी का फ़ैसला व आदेश वास्तव में हत्या व नरसंहार के ज़िम्मेदारों पर मुक़द्दमा चलाने हेतु हमारी मांग का व्यवहारिक करना है और बमबारी, हत्या और भूख के मुक़ाबले में फ़िलिस्तीनियों की रक्षा की जानी चाहिये।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत ने गुरूवार को इस्राईल के प्रधानमंत्री बिन यामिन नेतनयाहू और पूर्व युद्धमंत्री योआव गैलेंट को 21 नवंबर को गिरफ़्तार करने का आदेश दिया। इन लोगों पर युद्धापराध, मानवता के विरुद्ध अपराध और भूख को हथियार के रूप में प्रयोग करने का आरोप है।

इसी संबंध में समाचार पत्र” अलअरबी अलजदीद”ने लिखा कि ग़ज़ा के लोग ज़ायोनी सरकार के दो अधिकारियों को गिरफ़्तार करने पर आधारित अंतरराष्ट्रीय अदालत के फ़ैसले को संदेह की नज़र से देख रहे हैं और इस बात पर उन्हें विश्वास नहीं है कि ज़ायोनी सरकार के दो अधिकारियों की गिरफ़्तारी का आदेश ग़ज़ा में युद्ध के समाप्त होने का कारण बनेगा।

समाचार पत्र अलअरबी अलजदीद ने लिखा कि ग़ज़ा पट्टी के लोगों का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय अदालत का फ़ैसला इस बात की स्वीकारोक्ति है कि ग़ज़ा पट्टी के लोगों को समस्याओं व पीड़ाओं का सामना है।

ख़ान युनूस में रहने वाले एक फ़िलिस्तीनी साबिर अबू ग़ाली ने इस संबंध में कहा कि इस फ़ैसले पर कदाचित अमल नहीं किया जायेगा क्योंकि अमेरिका ज़ायोनी सरकार का समर्थन वीटो के अधिकार के साथ कर रहा है और कभी भी उसकी पूछताछ नहीं होगी।

एक अन्य फ़िलिस्तीनी नागरिक सईद अबू युसूफ़ ने भी कहा कि अंतरराष्ट्रीय अदालत का फ़ैसला बहुत देर व विलंब से आया है। 76 साल से हम इस स्थिति के साक्षी हैं और जो कुछ भी जारी होता है कभी भी उस पर अमल नहीं होता है और इस संबंध में कोई विशेष परिवर्तन नहीं होगा।

दूसरी ओर पश्चिम एशिया के एक विशेषज्ञ हसन हानी ज़ादे ने कहा कि अमेरिका और पश्चिमी देश हथियारों से ज़ायोनी सरकार का व्यापक समर्थन कर रहे हैं और साथ ही ये देश सुरक्षा परिषद जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों व संस्थाओं में इस्राईल का समर्थन कर रहे हैं और ग़ज़ा पट्टी में युद्ध विराम के प्रस्ताव को वे कई बार वीटो कर चुके हैं।