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*ननदरानी अब मुझसे उम्मीद करना ग़लत है*
Laxmi Kumawat ==================== दिव्या जितनी कोशिश कर सकती थी, उतना जल्दी-जल्दी अपने कदम बढ़ाते हुए घर की तरफ जा रही थी। शाम के सात बज चुके थे। अभी तो उसे सब्जियाँ भी खरीदना था। घर पर आज के खाने के लिए सब्जी कुछ भी नहीं थी। ऊपर से घर जाकर खाना भी बनाना था। खैर, […]
क़िताब : धुँधलके शामों के, शायरा – नलिनी विभा ‘नाज़ली’ : ज़िंदगी कितनी हसीन है इसका अहसास होता है….
Nalini Vibha Nazli Lives in Hamirpur, Himachal Pradesh =========== मोहतरम कर्नल Vivek P Singh साहिब मुख़्तलिफ़ ज़बानों और अस्नाफ़ में माहिर और एक मुमताज़ तब्सिरः निगार हैं ।ऐसी अज़ीमतरीन शख़्सियत का मेरे अदना – से शे’री मज्मूए पर लिखना मेरे लिए बाइस-ए-फ़ख़्र है, जिसके लिए मैं तहे-दिल से ममनून हूँ ।आप तमाम मुअज़्ज़िज़ ख़वातीनो – […]
तो क्या सब कुछ यहीं ख़त्म हो जाएगा?…. संपादक आशीष कुमार शुक्ला का लेख पढ़िये!
पत्रकार आशीष कुमार शुक्ला (संपादक आशीष कुमार शुक्ला) ============== मैं अब तक मम्मी पापा भाई या फिर दोस्तों से डांट सुन सुन कर लगभग सुधर गया हूं सोच लिया अब कोई काम करना है एक अच्छी सी लड़की से शादी करके तुम्हें भी दिखा देना है और सबको यही बोलूंगा कि भुला दिया है मैंने […]