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नीदरलैंड्स में हुए आम चुनावों में इस्लाम विरोधी, नेता गीर्ट वाइल्डर्स को मिली बड़ी जीत : रिपोर्ट

नीदरलैंड्स में हुए आम चुनावों में इस्लाम विरोधी, लोकलुभावन और अनुभवी नेता गीर्ट वाइल्डर्स बड़ी जीत मिली है.

उनकी फ्रीडम पार्टी (पीवीवी) 25 साल पहले संसद में दाख़िल हुई थी.

ताज़ा पूर्वानुमानों के मुताबिक़, अब उनकी पार्टी पीवीवी संसद में 37 सीटें जीतने की तरफ़ बढ़ती हुई दिख रही है. अपने निकटम प्रतिद्वंद्वी वामपंथी गठबंधन से भी पार्टी काफ़ी आगे है.

गीर्ट वाइल्डर्स ने कहा है, “पीवीवी को अब नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता है, हम शासन करेंगे.”

गीर्ट वाइल्डर्स की जीत ने नीदरलैंड्स की राजनीति को हिला दिया है. हालांकि सरकार बनाने के लिए गीर्ट को गठबंधन में शामिल होने के लिए अन्य पार्टियों को मनाना पड़ेगा.


नीदरलैंड्स की संसद में 150 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए पीवीवी को 76 सांसदों का समर्थन चाहिए होगा.

60 वर्षीय वाइल्डर्स ने अपने विजयी भाषण में भी टकराव का रवैया ही अपनाया. उन्होंने कहा, “हम शासन करना चाहते हैं… और हम शासन करेंगे. सीटों की ये संख्या बड़ी है लेकिन साथ में बड़ी ज़िम्मेदारी भी है.”

मतदान से पहले, तीन बड़ी पार्टियों ने गीर्ट वाइल्डर्स के नेतृत्व की सरकार में शामिल होने से इनकार कर दिया था, लेकिन अब परिस्थितियां बदल सकती हैं.

पूर्व यूरोपीय संघ आयुक्त फ्रांस टिमरमेंस के नेतृत्व वाले वामपंथी गठबंधन को सिर्फ़ 25 सीटें मिलती दिख रही हैं. उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वाइल्डर्स के नेतृत्व वाली सरकार से उन्हें कुछ लेना देना नहीं है.

अपने समर्थकों से बात करते हुए टिमरमेंस ने कहा है कि अब लोकतंत्र और क़ानून के शासन को बचाने का वक़्त है.

उन्होंने कहा, “हम नीदरलैंड्स से किसी को जाने नहीं देंगे. नीदरलैंड्स में सब बराबर हैं.”

वामपंथी गठबंधन के बाद दो पार्टियां बची हैं, जिनमें तीसरे नंबर पर आ रही वीवीडी है, जिसकी नेता डिलान येसिलगोज़ हैं.

इसके अलावा भ्रष्टाचार विरोधी सांसद पीटर ओम्तज़ाइग्त के नेतृत्व वाली पार्टी है, जो चौथे नंबर पर है.

फ्रीडम पार्टी के नेता गीर्ट वाइल्डर्स ने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों से सीधे अपील करते हुए साथ में मिलकर काम करने का आह्वान किया है. येसिलगोज़ और ओम्तज़ाइग्त ने उन्हें मुबारकबाद दी है.

हालांकि, येसिलगोज़ को लगता है कि वाइल्डर्स सरकार बनाने लायक संख्या हासिल कर लेंगे और ये उनकी पार्टी के नेताओं पर निर्भर करेगा कि आगे क्या प्रतिक्रिया देनी है.

चुनावों से पहले येसिलगोज़ ने ज़ोर देकर कहा था कि वो वाइल्डर्स के नेतृत्व की सरकार में शामिल नहीं होंगी. हालांकि उन्होंने अपनी जीत की स्थिति में वाइल्डर्स के साथ मिलकर काम करने की संभावना को ख़ारिज नहीं किया था.

ओत्मज़ाइग्त ने कहा था कि उनकी नई सोशल कांट्रेक्ट पार्टी वाइल्डर्स के साथ मिलकर काम नहीं करेगी, लेकिन अब उनका कहना है कि वो अपने मतदाताओं के भरोसे को काम में बदलने के लिए तैयार हैं.

यूरोप पर होगा बड़ा असर
वाइल्डर्स की जीत का असर यूरोप में होना तय है, क्योंकि नीदरलैंड्स यूरोपीय संघ के संस्थापक सदस्य देशों में शामिल है.

समूचे यूरोप के राष्ट्रवादी और कट्टरवादी नेता वाइल्डर्स की उपलब्धि की तारीफ़ कर रहे हैं. फ्रांस की राष्ट्रवादी नेता मरीन ले पेन ने कहा है कि इससे पुष्टि होती है कि राष्ट्रीय पहचान के बचाव के लिए लोगों का झुकाव बढ़ रहा है.

वाइल्डर्स यूरोपीय संघ से अलग होने के लिए रेफ़्रेंडम कराना चाहते हैं. इसके लिए नेक्सिट शब्द का इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि वो ये मानते हैं कि देश का मूड अभी ईयू से अलग होने का नहीं है.

उन्होंने चुनावी अभियान के दौरान अपनी इस्लाम विरोधी लफ़्फ़ाज़ी में भी बदलाव किया था और कहा था कि अभी देश के सामने और बड़े मुद्दे हैं. उन्होंने कहा था कि वो मस्जिदों और मदरसों पर पाबंदी लगाने की अपनी नीति को टालने के लिए भी तैयार हैं.

उनकी ये रणनीति कामयाब रही है और संसद में उनकी पार्टी की सीटें दोगुनी से भी अधिक हो रही हैं.

बुधवार को भाषण देते हुए वाइल्डर्स ने कहा है कि नीदरलैंड्स के मतदाताओं ने अपना निर्णय सुना दिया है और वो उम्मीदों का एजेंडा चाहते हैं.

अपने चुनावी अभियान के दौरान वाइल्डर्स ने ने पूर्ववर्ती सरकार के ख़िलाफ़ लोगों के ग़ुस्से को वोटों में बदला. पिछली सरकार शरणार्थी नीति पर मतभेद की वजह से गिर गई थी.

यूनिवर्सिटी ऑफ़ ट्वेंटे से जुड़े राजनीतिशास्त्री मार्टिन रोसेमा को लगता है कि वाइल्डर्स को एक ही साथ अपनी प्लेट में बहुत कुछ मिल गया है.

वाइल्डर्स के लिए एक तोहफ़ा यह है कि सेंटर-राइट लिबरल नेताओं ने भी उनके साथ काम करने के लिए अपने दरवाज़े खोल दिए हैं.

मार्टिन कहते हैं, “हम जानते हैं, और इसके अंतरराष्ट्रीय उदाहरण भी हैं, जब कट्टरवादी दक्षिणपंथी पार्टियां अलग-थलग पड़ जाती हैं तो उनका प्रदर्शन ख़राब होता है.”

चौंकाने वाला बदलाव
नीदरलैंड्स के चुनावों में शरणार्थी एक अहम मुद्दा थे और वाइल्डर्स ने ये स्पष्ट कर दिया था कि वो ‘शरण मांगने वाले प्रवासियों की सुनामी को रोक देंगे.’

पिछले साल नीदरलैंड्स आने वाले शरणार्थियों की संख्या लगभग दोगुनी होकर 2 लाख 20 हज़ार तक पहुंच गई थी.

इसका एक बड़ा कारण यूक्रेन पर रूस का हमला भी है. नीदरलैंड्स में कऱीब 3 लाख 90 हज़ार घरों की कमी है और इस वजह से ये मुद्दा और भी बड़ा हो गया है.

येसिलगोज की वीवीडी पार्टी के हेग स्थित मुख्यालय के बाहर उनके समर्थक देश को पहली महिला प्रधानमंत्री मिलने की उम्मीदों के साथ चहक रहे थे.

लेकिन जैसे ही स्क्रीन पर एग्जिट पोल के नतीजे आने लगे, हर कोई हैरान रह गया. नीदरलैंड्स की राजनीति में क्या हो रहा है, ये समझने के लिए लोग अपने फोन की स्क्रीन में झांकने लगे.

देश में सबसे लंबे समय से प्रधानमंत्री रहे मार्क रूटे के जुलाई में सत्ता से अलग होने के बाद येसिलगोज़ देश की सेंटर-राइट राजनीति की नेता बन गईं थीं.

वो तुर्की से सात साल की उम्र में एक प्रवासी के रूप में नीदरलैंड्स पहुंची थीं लेकिन अब वो ख़ुद प्रवासियों के ख़िलाफ़ हैं.

देश के कुछ नेता और मुसलमानों ने उन पर वाइल्डर्स के साथ मिलकर काम करने से इनकार करने पर दक्षिण पंथ के लिए दरवाज़े खोलने के आरोप भी लगाये हैं.

46 वर्षीय येसिलगोज़ ने अपने आप को मार्क रूटे की सरकार से अलग करने की कोशिशें भी कीं. वो उस सरकार में न्याय मंत्री थीं, लेकिन आखिरकार वो ओपीनियन पोल को नतीजों में नहीं बदल सकीं.

चुनाव की आख़िरी शाम तक, नीदरलैंड्स के क़रीब आधे मतदाताओं को फ्लोटिंग वोटर यानी किसी भी तरफ़ मतदान करने वाला मतदाता कहा जा रहा था. उनमें से बहुत से ने येसिलगोज़ का साथ न देना तय किया.

वाइल्डर्स की जीत की झलक हेग के एक मुसलमान वोटर के कथन में मिलती है. वह कहते हैं, “अगर वो मुसलमानों के इतने ख़िलाफ़ ना होते, तो मैं उन्हें वोट देता.”

मतदान से कुछ घंटों पहले तक, वाइल्डर्स अपनी संभावनाओं को लेकर उत्साहित थे. उन्होंने बीबीसी से कहा था, “मुझे लगता है कि ये हॉलैंड के इतिहास में पहली बार हुआ होगा, जब एक सप्ताह के भीतर ही हमने दस सीटों की बढ़त ले ली.”

वाइल्डर्स जानते हैं कि उनके लिए सरकार बनाना चुनौतीपूर्ण होगा. लेकिन उन्होंने कहा कि वो एक सकारात्मक व्यक्ति हैं और उनकी जीत विपक्षियों के लिए उन्हें नज़रअंदाज़ करना मुश्किल कर देगी.