देश

नीतीश कुमार ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनक़ार कर दिया!

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

उन्होंने कहा कि वे ऐसे मुद्दों पर नहीं बोलते हैं जिनमें अदालत का कोई फ़ैसला शामिल हो. नीतीश कुमार ने कहा कि अतीत में उन्होंने ऐसा कभी नहीं किया है.

हालांकि नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने इस मुद्दे पर संसद के भीतर और बाहर दोनों ही जगहों पर अपना पक्ष रखा है.

जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ़ लल्लन सिंह ने राहुल गांधी ने राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द किए जाने के फ़ैसले को बदले की राजनीति करार दिया था.

विपक्षी एकता की कोशिशों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वो टिप्पणी जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘भ्रष्ट लोग हाथ मिला रहे हैं’, नीतीश कुमार ने पटना में पत्रकारों से बातचीत में अपनी प्रतिक्रिया दी.

उन्होंने कहा, “ऐसी बातें कहते रहने की उनकी आदत है. इन लोगों को केवल अपनी तारीफ अच्छी लगती है. वे दूसरों के बारे में अच्छा नहीं बोल सकते. हम अपना काम करते हैं और दूसरों के काम की तारीफ़ भी करते हैं. मैं स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल की उपलब्धियों को हमेशा याद किया है.”

नीतीश कुमार ने अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में रेलवे जैसे महकमों की जिम्मेदारी संभाली थी.

पीएम मोदी पर व्यंग्य करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें भ्रष्टाचार की बात करते वक़्त इस बात का ख़्याल रखना चाहिए कि उन्होंने किस तरह के लोगों से हाथ मिलाए हैं.

नीतीश कुमार ने अपने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के ख़िलाफ़ चल रहे भ्रष्टाचार के मामलों पर भी अपनी बात रखी.

उन्होंने कहा कि साल 2017 में उन्होंने इस मुद्दे पर राष्ट्रीय जनता दल के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया था और बीजेपी के साथ हाथ मिलाया था लेकिन अब जब मैं उनके साथ लौट आया हूं तो उन्हें फिर से निशाना बनाया जा रहा है जबकि इतने सालों में जांच में कोई भी प्रगति नहीं हुई.