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नीतीश कुमार ने बीजेपी पर हिंदू मुसलमान करने का आरोप लगाया, और कहा ”2024 में एकजुट विपक्ष टक्कर देगा”

बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार ने विधानसभा में हुए शक्ति परीक्षण में बहुमत हासिल कर लिया है.

इस दौरान नीतीश कुमार ने बीजेपी और केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाए. नीतीश कुमार ने बीजेपी पर हिंदू मुसलमान करने का आरोप लगाया और कहा कि 2024 में एकजुट विपक्ष टक्कर देगा.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधानसभा में अपनी नई सरकार के विश्वास मत पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अगर सभी धर्म और जाति के लोग एक साथ आएँगे और 2024 में एकजुट विपक्ष टक्कर देगा.

नीतीश कुमार ने बताया कि देश भर के नेताओं ने उन्हें फ़ोन किया और इस फ़ैसले पर बधाई दी. नीतीश कुमार ने उन नेताओं से 2024 के चुनाव में एक साथ लड़ने का आग्रह किया.

वे बोले, “हमें देश भर की पार्टियों के लोगों ने फ़ोन कर कहा कि आपने सही निर्णय लिया है. हमने कहा कि सब मिल कर लड़ेंगे तो 2024 भी जीतेंगे.”

“सीएम बनने के लिए दबाव दिया गया”

इस दौरान नीतीश कुमार ने बीजेपी पर कई आरोप लगाए और बार-बार बोलते रहे कि “जो भी कह रहा हूँ दिल्ली से बोल रहा हूँ.”

नीतीश बोले, “मेरी इच्छा कुछ भी बनने की नहीं है. विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जद (यू) को ख़त्म करने की साज़िश रची.”

नीतीश कुमार ने इस दौरान बताया कि 2020 में उन पर मुख्यमंत्री बनने के लिए दबाव दिया गया था.

उन्होंने कहा, “2020 में हमने कहा था कि ज़्यादा सीट आप जीते हैं तो आपका मुख्यमंत्री बनना चाहिए. लेकिन मुझ पर दवाब दिया गया कि आप ही संभालिए. अब हमारी पार्टी के लोगों ने तय किया तो हम जहाँ पहले थे वहाँ चले गए. अब हमारा संकल्प है कि हम मिलकर बिहार का विकास करेंगे.”

वे बोले, “सिर्फ़ 2020 के विधानसभा चुनाव की बात मत करें, अतीत के चुनावों को याद करें जब जद (यू) ने भाजपा से अधिक सीटें जीती थीं. पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा देने का मेरा अनुरोध स्वीकार नहीं किया गया. 2017 में जब मैंने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा देने की मांग की तो किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया. अब आप (केंद्र सरकार) अपने काम का बखान करने के लिए ऐसा ही करेंगे. सोशल मीडिया और प्रेस पर उनका नियंत्रण है. सब सिर्फ़ केंद्र के काम की चर्चा कर रहे हैं.”

नीतीश ने बताया- 2013 में क्यों अलग हुए

“2017 में केंद्र ने 600 करोड़ दे कर कहा कि मान लीजिए हर घर नल, केंद्र की योजना है लेकिन हमने नहीं माना. हर घर नल 2015 में शुरू हुआ, तब आरजेडी सहयोगी थी. बिहार में सड़क बनाने का काम केंद्र सरकार ने नहीं राज्य सरकार ने किया.”

नीतीश कुमार ने इस दौरान यह भी बताया कि 2013 में वो एनडीए से अलग क्यों हुए थे. उन्होंने कहा, “अटल जी, आडवाणी जी, मुरली मनोहर जी सभी आप की पार्टी के ही नेता थे. ये सभी मेरी बात सुनते थे. 2013 में अटल जी की तबीयत ठीक नहीं थी. तब बाकी जो नेता हैं उनकी बात होनी चाहिए. अटल जी बीमार हो गए तो आगे आडवाणी जी पावर मिलना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बीजेपी ने सभी पुराने नेता को साइड कर दिया. इसकी वजह से अलग हुए थे. 2005 के नतीजों को भी याद किया जाए.”

इस दौरान नीतीश ने वर्तमान केंद्र सरकार पर एक के बाद एक कई हमले किए. उन्होंने कहा कि, “खाली दिल्ली का प्रचार होते रहता है, हमलोग क्या कर रहे थे, हम कुछ नहीं बनना चाहते हैं, सिर्फ काम करना चाहते हैं. हम पूछते हैं कि पटना यूनिवर्सिटी को सेंट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा क्यों नहीं दिया, इसकी हम बार-बार मांग कर रहे थे.”

26 अगस्त को विधानसभा अध्यक्ष चुने जाएंगे

इस चर्चा के दौरान बिहार भाजपा के कुछ विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट किया.

इस पर नीतीश कुमार ने कहा, “आप (भाजपा विधायक) सब भाग रहे हैं? अगर आप मेरे ख़िलाफ़ बातें करेंगे तो ही आपको अपनी पार्टी में पद मिलेगा. आप सभी को अपने वरिष्ठ आकाओं से आदेश मिला होगा.”

हालांकि तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार के भाषणों के बाद सदन में विश्वासमत ध्वनिमत से पारित हो गया.

विपक्ष के सदस्यों के वॉकआउट करने के बाद प्रस्ताव के पक्ष में 160, विपक्ष में शून्य मत आया.

इस दौरान कार्यकारी सदन अध्यक्ष ने बताया कि राज्यपाल की ओर से निर्देश आया है कि 26 अगस्त 2022 को विधानसभा अध्यक्ष का चयन किया जाएगा जिसके लिए नामांकन की तारीख़ 25 अगस्त रखी गई है.